Posted on 04 May, 2014 10:32 AM1. बेहतर जल प्रबंधन के जरिए कायम की मिसाल डीडीए-डीयू के संयुक्त प्रयास से यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क में ऊपर आया जलस्तर बुराड़ी-वजीराबाद में हजारों मकानों के निर्माण के बावजूद जलस्तर में सुधार
Posted on 02 May, 2014 10:23 AM गंगा नदी के प्रारंभिक जलमार्ग में अनेक बाँधों के निर्माण के कारण जलग्रहण क्षेत्र से परिवहित मलबा, आर्गनिक कचरा तथा पानी में घुले रसायन बाँधों में जमा होने लगा है जिसके कारण बाँधों के पानी के प्रदूषित होने तथा जलीय जीव-जंतुओं और वनस्पतियों पर पर्यावरणीय खतरों के बढ़ने की संभावना बढ़ रही है। बाढ़ के गाद युक्त पानी के साथ बह कर आने वाले कार्बनिक पदार्थों और बाँधों के पानी में पनपने वाली वनस्पतियों के आक्सीजनविहीन वातावरण में सड़ने के कारण मीथेन गैस बन रही है। गंगा, अनादिकाल से स्वच्छ जल का अमूल्य स्रोत और प्राकृतिक जलचक्र का अभिन्न अंग रही है। उसने अपनी उत्पत्ति से लेकर आज तक, अपने जलग्रहण क्षेत्र पर बरसे पानी की सहायता से कछारी मिट्टी को काट कर भूआकृतियों का निर्माण कर रही है तथा मुक्त हुई मिट्टी इत्यादि को बंगाल की खाड़ी में जमा कर रही है। उसने लाखों साल से वर्षाजल, ग्लेशियरों के पिघलने से प्राप्त सतही जल तथा भूमिगत जल के घटकों के बीच संतुलन रख, सभ्यता के विकास को सम्बल प्रदान कर सामाजिक तथा आर्थिक कर्तव्यों का पालन किया है। वह, कछार की जीवंत जैविक विविधता का आधार है।
कहा जा सकता है कि भारत में, मानव सभ्यता के विकास की कहानी, काफी हद तक गंगा के पानी के उपयोग की कहानी है।
Posted on 01 May, 2014 02:23 PMभोपाल-इंदौर मार्ग पर सड़क के किनारे सीहोर से आष्टा और देवास तक के बीच दो-तीन प्याऊ दिख जाएंगे। खजूर के पत्तों और पुरानी चटाइयों के टुकड़ों से बनी छोटी-सी झोपड़ी में रखे मटकों
Posted on 01 May, 2014 01:54 PMहल्की सी गर्मी बढ़ते ही शहर जल संकट से जूझने लगा है। परेशान होकर लोग स्थानीय नेताओं के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। सोमवार को डबुआ कालोनी के वार्ड नंबर नौ की दर्जनों महिला-पुरुष पानी के लिए सड़क पर उतर आए। सर्वप्रथम लोगों ने स्थानीय विधायक व श्रम मंत्री पंडित शिवचरण शर्मा के मस्जिद स्थित कार्यालय पर गुहार लगाई, लेकिन वहां उन्हें कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इसके बाद प्रदर्शनकारी निगम मुख्यालय पह