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समाचार और आलेख
पानी पर पंजाब में सियासी उबाल
Posted on 19 Nov, 2016 01:11 PMअगले साल पंजाब विधानसभा चुनाव में पहली बार प्रदेश का रुख कर र
सूर्य कृतज्ञता का पर्व है छठ
Posted on 07 Nov, 2016 10:38 AMनदी या तालाब या समुद्र में घुटने पानी तक खड़े होकर सावधानीपूर्वक सूर्य देवता को नमन करते हैंः श्रद्धा देते हैं। यह श्रद्धा हम अपने को ही देते हैं, यदि पूछिए तो। श्रद्धा रहित जीवन भी कोई जीवन है। चढ़ते व उतरते सूर्य : दोनों को प्रणाम करने का अर्थ है : हम सम भाव से किसी के उत्कर्ष व अपकर्ष में साथ बने रहते हैं। यह क्या बात हुई कि चढ़ते समय तो साथ रहे, उतरते समय साथ छोड़ दिया।
जल संरक्षण का लोकपर्व
Posted on 05 Nov, 2016 11:47 AM
भारतीय संस्कृति में परम्परा की पैरोकारी रामचन्द्र शुक्ल से लेकर वासुदेवशरण अग्रवाल तक तमाम साहित्य-संस्कृति मर्मज्ञों ने की है। समाज और परम्परा के साझे को समझे बिना भारतीय चित्त तथा मानस को समझना मुश्किल है। आज जब पानी की स्वच्छता के साथ उसके संरक्षण का सवाल इतना बड़ा हो गया है कि इसे अगले विश्वयुद्ध तक की वजह बताया जा रहा है, तो यह देखना काफी दिलचस्प है कि भारतीय परम्परा में इसके समाधान के कई तत्व हैं।
जल संरक्षण को लेकर छठ पर्व एक ऐसे ही सांस्कृतिक समाधान का नाम है। अच्छी बात है भारतीय डायस्पोरा के अखिल विस्तार के साथ यह पर्व देश-दुनिया के तमाम हिस्सों को भारतीय जल चिन्तन के सांस्कृतिक पक्ष से अवगत करा रहा है।
महाशीर के बहाने नदी और नदी के बहाने जंगलों का चिन्तन
Posted on 01 Oct, 2016 11:20 AMइस सम्मेलन में कोलकाता, नैनीताल, मुम्बई, उदयपुर, कर्नाटक, बंग
महानदी विवाद : कुदरत की लक्ष्मण रेखा की अनदेखी करता विकास
Posted on 30 Sep, 2016 12:43 PM
महानदी की पहचान, मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्यों की पानी की माँग की पूर्ति के सबसे बड़े स्रोत के रूप में है। तकनीकी लोगों के अनुसार इसका लगभग 50.0 घन किलोमीटर पानी ही उपयोग में लाया जा सकता है। कहा जा सकता है कि महानदी, पानी के मामले में सम्पन्न और दो राज्यों के बीच प्रवाहित होने के कारण अन्तरराज्यीय नदी है।
शिवाजी के स्वराज में पानी और पर्यावरण की चिन्ता
Posted on 30 Sep, 2016 12:01 PMभारतीय राजव्यवस्था में मिट्टी के बाँधों व तालाबों के निर्माण
सिकुड़ती जलधाराओं को मिलेगा पुनर्जीवन
Posted on 30 Aug, 2016 12:40 PMउच्चतम न्यायालय की मॉनीटरिंग कमेटी की बैठक में नदियों को अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्ययोजना
देहरादून। मेकिंग ए डिफरेंस बाई बीइंग द डिफरेंट (मैड) ने उम्मीद जताई है कि दून की सिकुड़ती जलधाराओं को पुनर्जीवित करने के लिये शासन और प्रशासन की ओर से ठोस कदम उठाए जाएंगे।
नर्मदा आन्दोलन के 31 साल पर सरकार का तोहफा, केवाड़िया फिर से विस्थापित
Posted on 22 Aug, 2016 12:30 PMपानी में ईंधन
Posted on 21 Aug, 2016 01:00 PMकई सूक्ष्मजीव ऐसे हैं, जो हाइड्रोजन सल्फाइड नामक गैस का ऑक्सी