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समाचार और आलेख
सस्ता, सुलभ, सरल ज्ञान
Posted on 17 Sep, 2018 06:28 PMद्रविड़ मूल की सबसे प्रमुख जनजाति गोंड भारत की अनार्य जनजातियों में सबसे महत्त्वपूर्ण है। गोंड साम्राज्य स्थापित करने में माहिर थे। नौवीं शताब्दी तक मध्य प्रान्त के सम्पूर्ण पूर्वी भाग और सम्बलपुर के एक बहुत बड़े क्षेत्र में गोंडों का साम्राज्य स्थापित होकेरल की चेतावनी - सम्भावित कारण
Posted on 15 Sep, 2018 03:16 PMभोपाल से प्रकाशित दैनिक अखबार भास्कर (13 सितम्बर, 2018) में ‘केरल की नई मुसीबत’ के शीर्षक से खबर छपी है। इस खबर के अनुसार जहाँ बाढ़ ने तबाही मचाई थी वहाँ नदियाँ और कुएँ सूखे। अखबार आगे लिखता है कि पिछले माह की 100 साल में सबसे भीषण बाढ़ से
मांडू का जल प्रबन्ध
Posted on 13 Sep, 2018 05:29 PMमध्य प्रदेश के धार जिले में विन्ध्याचल पर्वत के पठार पर मांडू का विश्व प्रसिद्ध किला स्थित है। यह किला लगभग 77.25 वर्ग किलोमीटर (48 वर्गमील) क्षेत्र में फैला है। यह किला अपने गंगा-जमुनी संस्कृति, रानी रुपमति और बाज बहादुर की प्रेम कहानी तथा अद्भुत जल प्रबन्ध के
जलग्रहण विकास में संस्थागत व्यवस्थाएँ - समूहों, संस्थाओं का गठन एवं स्थानीय नेतृत्व की पहचान
Posted on 28 Aug, 2018 02:31 PM7.1 प्रस्तावना (Introduction)
आतंकवादी दीमक
Posted on 28 Aug, 2018 12:18 PMएक सुन्दर और आरामदायक घर हर इंसान का सपना होता है। दिन रात मेहनत-मशक्कत करके वह इस सपने को साकार करता है। ऐसे में दीमक जैसे विनाशक जीव इस सपने के ऊपर एक ग्रहण बन जाते हैं। दीमक हमारे आवासीय भवनों के लिये एक बहुत बड़ा खतरा है।
जलग्रहण विकास - क्या, क्यों, कैसे, पद्धति एवं परिणाम
Posted on 24 Aug, 2018 01:23 PM 5.1 प्रस्तावना : (Introduction)
5.1.1 प्रादेशिक समस्याएँ
राजस्थान के प्राकृतिक संसाधन बहुमूल्य है परन्तु अधिकतर क्षेत्र सूखा-ग्रस्त पहाड़ी एवं मरुस्थलीय है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण दिनों-दिन समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं; जैसे-
1. पर्यावरण का बिगड़ना
2. वन क्षेत्र का घटना
3. कृषि योग्य भूमि का क्षरण
नौलाे-धारे के हिमायतियों की राज्यस्तरीय कार्यशाला
Posted on 19 Aug, 2018 02:03 PMस्प्रिंग का महत्त्व और छोटे जलस्रोतों की उपेक्षा को लेकर देहरादून स्थित चिराग, सिडार और अर्घ्यम संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें भविष्य में उत्पन्न होने वाले जल संकट और नदियों के घटते जलस्तर को लेकर विशेषज्ञ ने अपनी-अपनी राय प्रस्तुत की है। राय दी कि बिना जैवविविधता के पानी को बचाना आज के समय में कठिन है। साथ ही जल संरक्षण के लिये वैज्ञानिक और लोक ज