उत्तराखंड

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सिखों का कैलाश मानसरोवर, हेमकुण्ड साहिब
Posted on 13 Feb, 2017 12:45 PM

हेमकुंड झील की रंगत ही निराली है। यह पल-पल अपना रंग बदलती है। सूरज की पहली किरण से, बादलो

hemkund lake
कहाँ आते हैं भूकम्प (Where Frequent Earthquake)
Posted on 13 Feb, 2017 12:31 PM
जैसा कि हम जान गये हैं, ज्यादातर भूकम्प जमीन के अन्दर होने वाली गतिविधियों के कारण ही आते हैं और हमारी पृथ्वी महाद्वीप के आकार के भूखण्डों से मिलकर बनी है जो एक दूसरे के सापेक्ष गतिमान हैं। भूखण्डों की इस गति के कारण इन भूखण्डों के छोर पर स्थित चट्टानें तनाव या दबाव की स्थिति में रहती है और यही भूकम्प का कारण है। यही वजह है कि ज्यादातर भूकम्प महाद्वीप के आकार के इन भूखण्डों के छोर पर आते हैं
Uttarakhand map
क्यों आते हैं भूकम्प (Why Earthquakes)
Posted on 13 Feb, 2017 12:20 PM
पृथ्वी की सतह हमें प्रायः स्थिर व अखण्ड प्रतीत होती है, परन्तु वास्तव में ऐसा है नहीं। पृथ्वी की सतह न तो स्थिर है और न ही अखण्ड। सच कहें तो पृथ्वी की सतह महाद्वीप के आकार के विशाल भूखण्डों (plates) से मिलकर बनी है। इन भूखण्डों को पृथ्वी की सतह पर स्थित चट्टानों की ठोस परत के रूप में समझा जा सकता है और इनका विस्तार महाद्वीपों के साथ-साथ समुद्र में भी है।
जल प्रदूषण और जल संकट का गढ़ बनता पिथौरागढ़
Posted on 13 Feb, 2017 11:11 AM


पिथौरागढ़ नगर के सभी प्राकृतिक जलस्रोतों की हालत बदतर होती जा रही है। देख-रेख के अभाव के कारण इन जलस्रोतों के आसपास कूड़े के ढेर बनने लगे हैं। अभी सर्दी का मौसम है मगर गर्मियों में यही हाल रहा तो ये सूखने की कगार पर आ रहे प्राकृतिक जलस्रोत ही बीमारियों को न्यौता देेंगे। बता दें कि पहाड़ों में अधिकांश गाँव उसी स्थान पर बसे हैं जहाँ प्रकृतिक जलस्रोत मौजूद हैं।

पिथौरागढ़ में नौला
भूकम्प (Earthquake)
पृथ्वी की सतह पर अचानक महसूस किये जाने वाले कम्पनों को हम भूकम्प या भूचाल कहते हैं। यहाँ उत्तराखण्ड के लोग स्थानीय भाषा में इन्हें चलक कहते हैं जिसका तात्पर्य है कि यहाँ के लोग भूकम्प के झटके प्रायः महसूस करते रहे हैं।इन कम्पनों के कारण कभी-कभी घरों, मकानों एवं अन्य संरचनाओं को भारी नुकसान होता है परन्तु भूकम्प के यह झटके हमेशा ही इतने तेज नहीं होते हैं। यह इतने धीमे भी हो सकते हैं कि संवेदनशील उपकरण न होने पर हमें इनके आने का पता ही न चल पाये। आपको शायद विश्वास न हो पर हमारे द्वारा महसूस न किये जाने वाले यह छोटे भूकम्प काफी बड़ी संख्या में नियमित रूप से आते हैं। Posted on 12 Feb, 2017 04:41 PM


पृथ्वी की सतह पर अचानक महसूस किये जाने वाले कम्पनों को हम भूकम्प या भूचाल कहते हैं। यहाँ उत्तराखण्ड के लोग स्थानीय भाषा में इन्हें चलक कहते हैं जिसका तात्पर्य है कि यहाँ के लोग भूकम्प के झटके प्रायः महसूस करते रहे हैं।

भूकम्प (Earthquake)
पुस्तक परिचय - कहीं धरती न हिल जाये
भूकम्प रोज-रोज तो आते नहीं हैं; यहाँ हमारे क्षेत्र में 1999 के बाद से नुकसान कर सकने वाला कोई भूकम्प नहीं आया है। भूकम्पों के बीच सालों या फिर दशकों का अन्तर होने के कारण हम में से ज्यादातर भूकम्प सुरक्षा के प्रति प्रायः उदासीन हो जाते हैं और देखा जाये तो हमारी यही उदासीनता भूकम्प से होने वाले ज्यादातर नुकसान के लिये जिम्मेदार है। Posted on 12 Feb, 2017 03:58 PM

पुस्तक परिचय - कहीं धरती न हिल जाये
बिन पानी का दृष्टि पत्र, संकल्प पत्र और घोषणा पत्र
Posted on 09 Feb, 2017 01:17 PM

विधानसभा चुनाव 2017 पर विशेष


पानी2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तराखण्ड में कांग्रेस, भाजपा, सपा, बसपा सहित लगभग दो दर्जन से अधिक राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। कुल 70 विधानसभाओं के लिये 634 उम्मीदवार मैदान में हैं। कांग्रेस ने संकल्प पत्र और भाजपा ने दृष्टि पत्र तथा बाकि अन्य पार्टियों ने घोषणा पत्र जारी किया है।

पूर्व के चुनाव की भाँति इस बार भी लोक-लुभावन वायदे के साथ ये पार्टियाँ अपने-अपने घोषणा पत्र में विकास की इबारत लिखने की बात करने से बाज नहीं आये। ताज्जुब हो कि एक भी ऐसा वायदा नहीं है जिसके सुहावने सपने इनके घोषणा पत्र में अंकित ना हो। बस! एक बात को इन पार्टियों ने बेपरवाह कर दी कि जिन मुद्दों व वायदों के साथ आजकल ये पार्टियाँ लाउडस्पीकर लेकर घूम रहे हैं वे वायदे कैसे जीवित रहेंगे इसकी फिक्र शायद इन्हें नहीं है।

पानी
एक बार फिर भूकम्प, मगर मनुष्य बहुत ही स्वार्थी हो चला
Posted on 09 Feb, 2017 12:57 PM
उत्तराखण्ड समेत तमाम हिमालयी राज्य ऐसी अल्पाइन पट्टी में आते
earthquake
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