उदयपुर जिला

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राजसमन्द का पानी?
Posted on 11 Sep, 2009 09:37 PM

अब से लगभग 25 साल पहले तक भीषणतम अकाल में भी सघन वनों से आच्छादित और पानी से लबालब रहने वाला उदयपुर के समीप स्थित राजसमन्द क्षेत्र पिछले आठ साल से पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस बार राज्य में औसत से अधिक वर्षा के बावजूद यह जिला इस समय राज्य का सर्वाधिक पेयजल संकट वाला जिला है।
नरेगा टच स्क्रिन क्योस्क पर
Posted on 03 Jul, 2009 08:07 PM
उदयपुर। राजसमन्द जिले की देवगढ पंचायत समिति की विजयपुरा ग्राम पंचायत में बुधवार को आयोजित नरेगा रोजगार मेले के दोरान राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा नरेगा के लिये टच स्कि्रन कियोस्क का प्रदर्शन किया गया।
बिग मेडिसन की अनूठी पहल
Posted on 02 Jul, 2009 02:20 PM

उदयपुर के स्कूलों में पर्यावरण और वर्षाजल संचय के बारे में जागरूकता अभियान

बिग मेडिसन उदयपुर का एक गैर सरकारी संगठन है जो संयुक्त राज्य अमेरिका में पंजीकृत हैं. यह संस्था पिछले 20 वर्षों से उदयपुर में पर्यावरण के क्षेत्र में सक्रिय है. 2008-2009 में इन्होंने स्थानीय स्कूलों में पर्यावरण शिक्षा को स्थायी बनाने के लिए प्राचार्यों के साथ कई बैठकें की. इसी वर्ष 11 मई को कुछ स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से शिक्षकों के लिए उदयपुर का पहला ग्रीन महोत्सव आयोजित किया.
मर्ज बांटती आयड
Posted on 22 Jun, 2009 09:19 AM
उदयपुर। शहर के मध्य से गुजरती आयड नदी के दोनों किनारों से सौ-सौ मीटर तक का भूमिगत जल मानव स्वास्थ्य के लिए हर दृष्टि से हानिकारक साबित हो चुका है। नदी में लगातार बहते गंदे नालों के कारण ही प्रदूषण की यह सौगात मिली है।

हालांकि जिम्मेदार विभागों ने तो कभी नदी क्षेत्र का जल शीशी में भरकर प्रयोगशाला नहीं भेजा, लेकिन बायोटेक्नोलॉजी विभागाध्यक्ष डा. जी. एस. देवडा व डा. श्वेता शर्मा के निर्देशन में विद्यार्थियों ने अपने शोध में साफ कर दिया कि आयड नदी क्षेत्र का भूमिगत जल किसी भी सूरत में मानव के पीने योग्य नहीं है। इस पानी में विभिन्न बीमारियां फैलाने वाले जीवाणु भी बहुतायत में है। डा. देवडा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से की गई तुलना में सामने आया कि आयड नदी क्षेत्र का पानी अत्यधिक कठोर और क्षारीय है।
डेंगू, मलेरिया से बचाएगी मछली
Posted on 24 Mar, 2009 02:03 PM उदयपुर/ मलेरिया, चिकनगुनिया तथा डेंगू रोगों पर नियंत्रण के लिए गम्बूशिया मछली को निकट के जलाशयों में डाला जाना चाहिए। संयुक्त निदेशक चिकित्सा डा.चमनसिंह देवडा ने बताया कि गम्बूशिया मछली 1से 2 इंच लम्बी होती है तथा इसकी लम्बाई और अधिक और अधिक नही बढती। इसका प्रिय आहार है मच्छर के लार्वा (भ्रूण)। यह मछली पानी के स्त्रोतों जैसे पोखर, तालाब, बावडी, कुए आदि में डालने पर मच्छर के लार्वा (भ्रूण) खा जाती
सात हजार गांवों पर अकाल का साया
Posted on 15 Mar, 2009 07:45 PM
जयपुर/ नई दुनिया। राजस्थान में इस साल 7372 गांवों पर अकाल का साया मंडरा रहा है। इन गांवों में सरकार शीघ्र ही राहत कार्य शुरु करने जा रही है। सरकार ने इसके साथ ही अकाल ग्रस्त इलाकों में पीने के पानी, रोजगार और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। जिन जिलों में अकाल की छाया मंडरा रही है, वें हैं जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेंर, सिरोही, पाली, जालौर, अजमेर, भीलवाड़ा, उदयपुर, नागौर, र
गुर्दे पर भारी मेवाड़ का पानी
Posted on 13 Mar, 2009 01:06 PM भास्कर न्यूज/ मेवाड़ क्षेत्र का भारी पानी गुर्दे में पथरी का अहम कारण है। वर्ष 2001 में जहां डायलेसिस पर लिए गुर्दा रोगियों की संख्या 870 थी वह वर्ष 2007 में यह बढ़कर 906 पहुंच गई थी। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1520 रोगी डायलेसिस पर लिए जा चुके है। अब तक के रोगियों की रिपोर्ट में मधुमेह के कारण गुर्दा खराब होना ज्यादा जाहिर हुआ है।
अपने हाथों रची गांव की जीवन रेखा
Posted on 21 Apr, 2011 09:21 AM

ग्रामीणों ने तालाब खरीदा, नहर बनाई और बढ़ गया अंटाली गांव में जलस्तर
आसींद (भीलवाड़ा)/उदयपुर.गांव वालों ने मिल कर निजी तालाब को खरीदा। फिर अपने श्रम और अर्थ दान को जारी रखते हुए नहर बनाई। बाद में इस संपदा को सरकार से भी जोड़ा।

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