उदयपुर जिला

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पंचायत समिति कोटडा की भूजल स्थिति
Posted on 07 Nov, 2015 12:31 PM
पंचायत समिति, कोटडा (जिला उदयपुर) अर्द्धसंवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा उदयपुर जिले में 283.63 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 240.53 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति खेरवाडा की भूजल स्थिति
Posted on 06 Nov, 2015 04:04 PM
पंचायत समिति, खेरवाडा (जिला उदयपुर) संवेदनशील श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा उदयपुर जिले में 283.63 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 240.53 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति गोगुन्दा की भूजल स्थिति
Posted on 06 Nov, 2015 04:01 PM
पंचायत समिति, गोगुन्दा (जिला उदयपुर) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा उदयपुर जिले में 283.63 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 240.53 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति गिर्वा की भूजल स्थिति
Posted on 06 Nov, 2015 03:59 PM
पंचायत समिति, गिर्वा (जिला उदयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा उदयपुर जिले में 283.63 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 240.53 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति भीण्डर की भूजल स्थिति
Posted on 06 Nov, 2015 03:55 PM
पंचायत समिति, भीण्डर (जिला उदयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा उदयपुर जिले में 283.63 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 240.53 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति बडगाँव की भूजल स्थिति
Posted on 06 Nov, 2015 01:29 PM
पंचायत समिति, बडगाँव (जिला उदयपुर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा उदयपुर जिले में 283.63 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 240.53 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
सौर किरणें बुझाएंगी ‘प्यास’
Posted on 25 Oct, 2014 12:06 PM

उदयपूर। जंगलों में बसे मजरे व ढाणियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। यह पानी भी बिना किसी खर्च के हैंडपंपों से मिलेगा, क्योंकि न इसमें बिजली और न ही फ्लिटर की आवश्यकता होगी। जलदाय विभाग की इस अनूठी योजना को मंजूरी मिलने के साथ ही लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने का यह सपना साकार होने जा रहा है। फिलहाल इस योजना में डूंगरपुर जिले के 100 हैंडपंपों को लिया

Solar Plate
कानून से होता अन्याय
Posted on 13 Apr, 2012 11:31 AM

राजस्थान में वन अधिकार कानून की मनमानी व्याख्या कर अधिकारियों द्वारा आदिवासियों को भूमिहीन बनाने का सिलसिला निरं

निजी हाथों में होगी पेयजल व्यवस्था!
Posted on 15 Jul, 2011 12:15 PM राजस्थान के गांवों और शहरों में पेयजल उपलब्ध करवाना यहां की सरकारों के लिए सबसे महत्तवपूर्ण चुनौती और चिंता का विषय है। इससे निपटने के लिए सरकार निजी-सार्वजनिक हिस्सेदारी (पीपीपी) मॉडल अपनाने पर विचार कर रही है। राजस्थान देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का 10.4 प्रतिशत क्षेत्र समाहित करता है और देश की 5.5 फीसदी आबादी व 18.70 प्रतिशत मवेशियों को पालता है, लेकिन यहां देश में उपलब्ध कुल सतह जल का केवल 1.16 प
खेत का पानी खेत में
Posted on 19 Jan, 2010 01:30 PM

देश में मध्यवर्ती भाग विशेष कर मध्यप्रदेश के मालवा, निमाड़, बुन्देलखण्ड, ग्वालियर, राजस्थान का कोटा, उदयपुर, गुजरात का सौराष्ट्र, कच्छ, व महाराष्ट्र के मराठवाड़ा, विदर्भ व खानदेश में वर्ष 2000-2001 से 2002-2003 में सामान्य से 40-60 प्रतिशत वर्षा हुई है। सामान्य से कम वर्षा व अगस्त सितंबर माह से अवर्षा के कारण, क्षेत्र की कई नदियों में सामान्य से कम जल प्रवाह देखने में आया तथा अधिकतर कुएं और ट्य

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