उदयपुर/ मलेरिया, चिकनगुनिया तथा डेंगू रोगों पर नियंत्रण के लिए गम्बूशिया मछली को निकट के जलाशयों में डाला जाना चाहिए। संयुक्त निदेशक चिकित्सा डा.चमनसिंह देवडा ने बताया कि गम्बूशिया मछली 1से 2 इंच लम्बी होती है तथा इसकी लम्बाई और अधिक और अधिक नही बढती। इसका प्रिय आहार है मच्छर के लार्वा (भ्रूण)। यह मछली पानी के स्त्रोतों जैसे पोखर, तालाब, बावडी, कुए आदि में डालने पर मच्छर के लार्वा (भ्रूण) खा जाती है। इससे मच्छरों की तादाद में कमी आती है। जिससे मलेरिया, चिकनगुनिया तथा डेंगू आदि रोगों का नियंत्रण होता है।
यह मछली विभाग के स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क मिलती है। गम्बूशिया मछली के पालन व भण्डारण के लिए प्रा.स्वा.केन्द्रों/सा.स्वा.केन्द्रों पर ‘‘हेचरी‘‘ का निर्माण किया गया है। इन स्वास्थ्य केन्द्रों से यह मछली निःशुल्क प्राप्त कर अपने पडौस के जल स्त्रोतों में डाली जानी चाहिए।
साभार-http://www.lakesparadise.com/readnews.php?id=42426
यह मछली विभाग के स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क मिलती है। गम्बूशिया मछली के पालन व भण्डारण के लिए प्रा.स्वा.केन्द्रों/सा.स्वा.केन्द्रों पर ‘‘हेचरी‘‘ का निर्माण किया गया है। इन स्वास्थ्य केन्द्रों से यह मछली निःशुल्क प्राप्त कर अपने पडौस के जल स्त्रोतों में डाली जानी चाहिए।
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