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शिमला जिला (हिमाचल प्रदेश)
शिमला में कंक्रीट
Posted on 26 Oct, 2013 04:31 PMअपनी कुदरती खूबसूरती के लिए मशहूर शिमला दिनोंदिन बदहाल होता जा रहा है। जहां-जहां बेतरतीब बन रहे मकानों की वजह से शहर पर दबाव बहुत बढ़ गया है। इस बारे में बता रहे हैं एसआर हरनोट।हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं के नाम लोक घोषणा पत्र-2012
Posted on 29 Oct, 2012 11:27 AMभाईयों, बहनों व युवा साथियों,हिमाचल प्रदेश में हो रहे इस विधान सभा चुनावों में विकास के संकट के मूल प्रश्न पर चर्चां ही नहीं है। हालात यह है कि हिमाचल प्रदेश के सामने विकास के निम्न संकटों को किसी भी राजनैतिक दल ने मुद्दा नहीं बनाया। इस लिए हिमालय नीति अभियान प्रदेश की जनता के सामने यह लोक घोषणा पत्र-2012 जारी कर रही है।
विकास के मूल संकट -व्यापक मुद्दे
सतलज यात्रा
Posted on 21 Feb, 2012 02:07 PMअब हम सतलज के काफी निकट पहुंचे गए थे। उसका विशाल स्वरूप दिखने लग गया था। वह शोर करती हुई आगे बढ़ रही थी। उसका पा
लघु हिमालय के सैंज जलागम में सतही जल संसाधनों की उपलब्धता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
Posted on 26 Dec, 2011 11:53 AMजल एक अति महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जिसके बिना हमारा अस्तित्व असम्भव है। आई.पी.सी.सी.ट्रिब्यूनल में हुई सुनवाई, नहीं हटा रेणुका बांध निर्माण पर लगा स्टे
Posted on 15 Dec, 2011 12:10 PMरेणुका बांध के निर्माण कार्य में अभी और समय लग सकता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली द्वारा बांध के निर्माण पर लगा स्टे नहीं हटाया गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन के ट्रिब्यूनल में बुधवार को रेणुका बांध की सुनवाई हुई। ट्रिब्यूनल ने अगली सुनवाई की तिथि 4 जनवरी निश्चित कर दी है।रेणुका बांध, विनाशकाले विपरीत बुद्धि
Posted on 02 Oct, 2011 01:16 PMदिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) हिमाचल प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के साथ मिलकर अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए ददाहू कस्बे के पास गिरि नदी पर एक बांध बनाने की कोशिश में जुटा है।
हिमाचल प्रदेश के नदी जलों में मत्स्य विकास
Posted on 06 Sep, 2011 01:37 PMहिमाचल प्रदेश के नदी नालों में मछली विकास प्राकथन
नहीं दिखेंगी नदियां
Posted on 05 Sep, 2011 01:16 PMइन परियोजनाओं से दोगुना नुकसान होना अभी शेष है। प्रदेश में अभी तक बिजली परियोजनाओं के कारण जितन
रेणुका झील के कछुओं का अस्तित्व खतरे में
Posted on 14 Jul, 2011 04:50 PMसंगड़ाह। देश के उच्च श्रेणी वैट लैंड क्षेत्रों में शामिल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी में पाए जाने वाले दुनिया के दुर्लभ श्रेणी के कछुओं व अन्य जल जीवों के संरक्षण के प्रयास न होने से इनका अस्तित्व खतरे में है। विशेषज्ञों के मुताबिक यहां पाए जाने वाले निलसोनिया ह्यूरम, रिवर टैरापिन व पिकॉक सोफ्ट शिल्ड आदि लुप्तप्रायः कछुओं की वंश वृद्धि रुक चुकी है। दुनिया के इंडेंजर्ड अथवा