दिव्य हिमाचल

दिव्य हिमाचल
आर्गेनिक खाद पर मिले ज्यादा सबसिडी
Posted on 09 Aug, 2011 02:49 PM

नई दिल्ली — पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत अंतर्राष्ट्रीय संस्था ग्रीनपीस ने पारिस्थितिकी के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2011-12 के बजट में रासायनिक की बजाय आर्गेनिक खाद को सबसिडी बढ़ाने तथा स्वच्छ एवं अक्षय ऊर्जा में ज्यादा से ज्यादा राशि आबंटित करने की मांग की है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ बजट पूर्व सलाह मशविरे में ग्रीनपीस ने सुझाव दिया है कि वित्तीय नीति निर्धारण

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रेणुका झील के कछुओं का अस्तित्व खतरे में
Posted on 14 Jul, 2011 04:50 PM

संगड़ाह। देश के उच्च श्रेणी वैट लैंड क्षेत्रों में शामिल प्रदेश की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील श्री रेणुका जी में पाए जाने वाले दुनिया के दुर्लभ श्रेणी के कछुओं व अन्य जल जीवों के संरक्षण के प्रयास न होने से इनका अस्तित्व खतरे में है। विशेषज्ञों के मुताबिक यहां पाए जाने वाले निलसोनिया ह्यूरम, रिवर टैरापिन व पिकॉक सोफ्ट शिल्ड आदि लुप्तप्रायः कछुओं की वंश वृद्धि रुक चुकी है। दुनिया के इंडेंजर्ड अथवा

रेणुका झील के कछुएं अब संकट में
हिमाचल प्रदेश की मिट्टियां
Posted on 22 Mar, 2011 09:50 AM
हिमाचल प्रदेश की पहाडि़यों और घाटियों में अनेक प्रकार की मिट्टियां पाई जाती हैं। स्थान और वातावरण परिवर्तन के साथ-साथ मिट्टी के रंग व आकार तथा उत्पादकता में भी परिवर्तन आ जाता है। यह प्रदेश नवीन पहाड़ी मिट्टी की भूमि है। यहां आंतरिक रूप से भूमि की बनावट और जलवायु में भिन्नता है। इसकी गहराई की रूपरेखा और ढलान की बनावट के साथ-साथ परिवर्तन आ जाता है। भूमि की बनावट के क्षेत्र में मैदानी क्षेत्र
हिमाचल में एन्वायरनमेंट साइंस में संभावनायें
Posted on 22 Mar, 2011 09:20 AM

पर्यावरण विज्ञान के क्षेत्र में एक एन्वायरनमेंटल साइंटिस्ट 12000 से 18000 रुपए प्रति महीना वेतनमान प्राप्त कर सकता है। बीई डिग्री प्राप्त किए हुए एन्वायरनमेंटल इंजीनियर्स 15000 से 30000 रुपए प्रति महीना वेतनमान प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा पीएचडी किए हुए छात्र 50000 से 75000 रुपए प्रति महीना वेतनमान पाता है। हिमाचल में नौणी विश्वविद्यालय में पांच या दस सीटें पर्यावरण विज्ञान के कोर्सों के

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