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रीवा जिला
धान की सूखती खेती को सुरक्षा कवच उपलब्ध कराता देशज प्रयास
Posted on 13 Sep, 2019 11:05 AMमध्यप्रदेश के पूर्वी भाग के लगभग अन्तिम छोर पर स्थित गंगा के कछार का हिस्सा। इस हिस्से की कछारी मिट्टी में धान की खेती होती है। इसी हिस्से में बसा है एक अनजान गांव - नाम है सेमरहा। यह रीवा जिले की हनुमना तहसील का लगभग अनजान गांव है। इस गांव मे एक तालाब है जिसे गांव के नाम पर ही सेमरहा तालाब कहा जाता है। यह तालाब बहुत पुराना है। गांव की भौगोलिक पहचान है उसके अक्षांस औैर देशांश। वह पहचान है - अक्
जल संकट और संरक्षण पर निबंध (Essay on water crisis and conservation in Hindi)
Posted on 05 Aug, 2017 03:53 PMजब तक जल के महत्व का बोध हम सभी के मन में नहीं होगा तब तक सैद्धांतिक स्तर पर स्थिति में स
पानी को तरसता प्रेमवन
Posted on 14 Jun, 2016 12:35 PMमध्य प्रदेश के रीवा जिले के जवा ब्लॉक के धुरकुच गाँव के रहने वाले दीनानाथ कोल और उनकी पत्
गायब होती जीवनरेखा
Posted on 21 May, 2016 02:07 PM
रीवा जिले की जीवन रेखा कही जाने वाली बिछिया नदी बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। आधी नदी के सूख जाने से लोगों ने उसे खेत बना डाला है जबकि बचे खुचे हिस्से पर जलकुम्भी ने कब्जा कर रखा है।
भारत में पर्यावरण के प्रति बढ़ती चेतना
Posted on 17 May, 2016 12:53 PMप्रदूषण को नियंत्रण करने वाले उपकरण लगाने तथा सघन इलाकों से प्रदूषण पैदा करने वाले उद्योग
झिरियों, तालों के शहर में सूखे का कहर
Posted on 12 May, 2016 01:42 PM
मध्य प्रदेश का रीवा जिला जो कभी 6000 तालाबों से आबाद था, जिसके आसपास के गाँवों में तमाम प्राकृतिक जलस्रोत उपलब्ध थे, वह आज जल संकट का शिकार है।
देश के तमाम अन्य हिस्सों की तरह ही मध्य प्रदेश का रीवा जिला और बघेलखण्ड के तहत आने वाला उसके आसपास का पूरा क्षेत्र इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रहा है।
हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि स्थानीय मऊगंज तहसील की आबादी और वहाँ के विधायक सुखेंद्र सिंह ने पानी को लेकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश से उलझने तक की तैयारी कर ली है। उनका कहना है कि बाणसागर परियोजना से नहर के जरिए उत्तर प्रदेश जाने वाले पानी को तब तक जाने नहीं दिया जाएगा जब तक कि स्थानीय जरूरतें पूरी नहीं हो जातीं। उनका कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो जनता नहर को तोड़ने तक से गुरेज नहीं करेगी। पानी की समस्या इंसानों, पशुओं और फसलों को समान रूप से कष्ट पहुँचा रही है।
सूखे ने सुखा दी जान
Posted on 09 Dec, 2015 05:54 PMमध्य प्रदेश में बारिश न होने से खरीफ की फसल सूख गई है। रबी की फसल के लिये भी बारिश न हुई तो अधिकांश किसानों के घरों का चूल्हा जलना मुश्किल हो जाएगा। सरकार ने मुआवजा देने का भरोसा दिला था, लेकिन अब उसमें कई शर्तें जोड़ देने
हरी खाद का उपयोग करें, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ायें
Posted on 13 Aug, 2011 09:30 AMवर्तमान समय में खेती में रसायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग एवं सीमित उपलब्धता को देखते हुये अन्य पर्याय भी उपयोग में लाना आवश्यक हो गया है तभी हम खेती की लागत को कम कर फसलों की प्रति एकड़ उपज को भी बढ़ा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी अगली पीढ़ी के लिये बरकरार रख सकेंगे। रसायनिक उर्वरकों के पर्याय के रूप में हम जैविक खादों जैसे गोबर की खाद, कम्पोस्ट, हरी खाद आदि को उपयोग कर सकते
रोजगार गारंटी के जरिये सामंती व्यवस्था को चुनौती
Posted on 26 Jul, 2011 02:26 PMअक्टूबर और नवम्बर 2007 के दो महीनों में एक गांव के इन मजदूरों ने अपने रोजगार-आजीविका के अधिकार
पर्यावरण सुरक्षा
Posted on 19 Sep, 2008 02:28 PMसहस्त्राब्दि विकास लक्ष्यों में संभवत: यह सबसे मुश्किल लक्ष्य है क्योंकि यह मुद्दा इतना सरल नहीं है, जितना दिखता है। टिकाऊ पर्यावरण के बारे में जिस अवधारणा के साथ लक्ष्य सुनिश्चित किया गया है, सिर्फ उस अवधारणा के अनुकूल परिस्थितियां ही तय सीमा में तैयार हो जाए, तो उपलब्धि ही मानी जाएगी।