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राजस्थान
भारत में दस साल में सूख गईं 4500 नदियां
Posted on 03 Jul, 2019 06:31 PM
इस तरह सूख गई हैं भारत की हजारों नदियां।
![इस तरह सूख गई हैं भारती की हजारों नदियां।](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/dry-yamuna-panipat_3.jpg?itok=CLvRvi1o)
राजस्थान के पीलीबंगा गांव में शादी से पहले लड़कियां कुंड में पानी भरती हैं
Posted on 24 May, 2019 03:36 PM
![कुंड में पानी भरती शैलजा।](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/shailjawater_0_3.jpg?itok=ip245O_N)
रोटी के लिये मलमूत्र की सफाई
Posted on 01 Oct, 2018 01:45 PMराजस्थान के बेहनारा गाँव में सूखा शौचालय साफ करती मुन्नी (फोटो साभार - द हिन्दू)राजस्थान का एक गाँव जो पेपर पर खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुका है, लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के चार साल बाद भी रोटी के लिये मलमूत्र की सफाई करने को मजबूर हैं।
![राजस्थान के बेहनारा गाँव में सूखा शौचालय साफ करती मुन्नी](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/manual%20scavenging_3.jpg?itok=4Ol2l2J6)
प्राकृतिक संसाधन विकास: वर्तमान स्थिति, बढ़ती जनसंख्या एवं सम्बद्ध समस्याएँ
Posted on 19 Aug, 2018 06:23 PM
3.1 प्रस्तावना
![Water cycle](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Water%20cycle_3.jpg?itok=PS0jUJq8)
त्योहार एवं लोकोक्तियाँ
Posted on 02 Apr, 2018 02:34 PMबरसात और पानी का आना राजस्थानी लोक जीवन में मंगल, उत्सव और खुशियों का अवसर है। बादलों को लेकर जितने लोकगीत राजस्थान में हैं उतने शायद कहीं न होंगे। यहाँ उस गंडेरी के ऊपर भी गाने है, जिसे सिर पर रखकर औरतें उसके ऊपर घड़ा लेकर चलती है। अधिकांश तालाबों के पास मन्दिर है। अनेक अवसरों पर जलते दीप पानी में तैरा दिये जाते हैं। पानी हर आदमी के जीवन को खुशियों और प्रकाश से भर देता है। जल संचय, वितरण और उप
![Holi](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Holi_3.jpg?itok=TC5f80Zc)
परम्परागत जल संरक्षण पद्धतियाँ
Posted on 02 Apr, 2018 02:06 PMकृषि और उद्योग
भारत एक कृषि प्रधान एवं ग्रामीण सम्पन्न देश है। भारत की खेती और उद्योग मानसून पर आधारित रहे हैं। अगर देश में मानसून समय से आता है तो खेती अच्छी होती है। पानी की चमक समाज के हर वर्ग में देखने को मिलती है। भारत की खेती और किसान का जीवन पानी के बिना वीरान और सूना है।
![खड़ीन](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/%E0%A4%96%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A5%80%E0%A4%A8_3.jpg?itok=qHpqy8v7)