Posted on 15 Nov, 2015 04:16 PM पंचायत समिति, आनन्दपुरी (जिला बांसवाड़ा) सुरक्षित श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बांसवाड़ा जिले में 162.5049 मिलियन घनमीटर थी जो अब 213.1823 मिलियन घनमीटर हो गई है। भूजल का नियोजित दोहन कर पानी की कमी दूर किया जा सकता है।
Posted on 15 Nov, 2015 04:09 PM पंचायत समिति, छीपाबडौद (जिला बांरा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बांरा जिले में 497 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 495 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 15 Nov, 2015 04:08 PM पंचायत समिति, अटरू (जिला बांरा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बांरा जिले में 497 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 495 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 15 Nov, 2015 04:06 PM पंचायत समिति, बांरा (जिला बांरा) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा बांरा जिले में 497 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 495 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 15 Nov, 2015 01:34 PM पंचायत समिति, उदयपुर वाटी (जिला झुंझुनू) अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 15 Nov, 2015 01:32 PM पंचायत समिति, सूरजगढ़ (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 15 Nov, 2015 01:29 PM पंचायत समिति, नवलगढ़ (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 15 Nov, 2015 12:08 PMराजस्थान के 15 गैर-मरुस्थलीय जिलों में हरीतिमा संवर्धन के लिये जापान सरकार के आर्थिक सहयोग से आरम्भ की गई वानिकी विकास परियोजना न केवल निश्चित समयावधि में समाप्त की गई, अपितु उसने स्थानीय ग्रामवासियों की समृद्धि के द्वार ही खोल दिये। प्रस्तुत है परियोजना स्तर से कराये गये विभागीय सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट।
Posted on 14 Nov, 2015 12:15 PM पंचायत समिति, खेतड़ी (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 14 Nov, 2015 12:12 PM पंचायत समिति, झुंझुनू (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।