राजस्थान

Term Path Alias

/regions/rajasthan-1

पंचायत समिति चिड़ावा की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 12:09 PM
पंचायत समिति, चिड़ावा (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति बुहाना की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 12:07 PM
पंचायत समिति, बुहाना (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति अलसीसर की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 12:05 PM
पंचायत समिति, अलसीसर (जिला झुंझुनू) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झुंझुनू जिले में 3235 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 2519 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति पिड़ावा की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 12:03 PM
पंचायत समिति, पिड़ावा (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति मनोहरथाना की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 12:01 PM
पंचायत समिति, मनोहरथाना (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति खानपुर की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 11:59 AM
पंचायत समिति, खानपुर (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति झालरापाटन की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 11:57 AM
पंचायत समिति, झालरापाटन (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति डग की भूजल स्थिति
Posted on 14 Nov, 2015 11:56 AM
पंचायत समिति, डग (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति बकानी की भूजल स्थिति
Posted on 13 Nov, 2015 12:27 PM
पंचायत समिति, बकानी (जिला झालावाड़) संवेदनशील (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा झालावाड़ जिले में 231 मिलियन घनमीटर थी जो अब 118.90 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
पंचायत समिति सायला की भूजल स्थिति
Posted on 13 Nov, 2015 12:23 PM
पंचायत समिति, सायला (जिला जालोर) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत

हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा जालोर जिले में 8063 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 7553 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
×