Posted on 10 Nov, 2015 03:22 PM पंचायत समिति, रेलमगरा (जिला राजसमन्द) अति-दोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा राजसमन्द जिले में 154 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 93 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 09 Nov, 2015 03:55 PM पंचायत समिति, कुंभलगढ़ (जिला राजसमन्द) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा राजसमन्द जिले में 154 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 93 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 09 Nov, 2015 03:34 PM पंचायत समिति, खमनोर (जिला राजसमन्द) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा राजसमन्द जिले में 154 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 93 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 09 Nov, 2015 03:26 PM पंचायत समिति, देवगढ़ (जिला राजसमन्द) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा राजसमन्द जिले में 154 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 93 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 09 Nov, 2015 03:18 PM पंचायत समिति, भीम (जिला राजसमन्द) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा राजसमन्द जिले में 154 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 93 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 09 Nov, 2015 03:13 PM पंचायत समिति, आमेट (जिला राजसमन्द) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा राजसमन्द जिले में 154 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 93 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 08 Nov, 2015 12:29 PM पंचायत समिति, प्रतापगढ़ (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 08 Nov, 2015 12:27 PM पंचायत समिति, पिपलखुन्ट (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।
Posted on 08 Nov, 2015 12:25 PM पंचायत समिति, धरियावद (जिला प्रतापगढ़) अतिदोहित (डार्क) श्रेणी में वर्गीकृत
हमारे पुरखों ने सदियों से बूँद-बूँद पानी बचाकर भूजल जमा किया था। वर्ष 2001 में भूजल की मात्रा प्रतापगढ़ जिले में 155 मिलियन घनमीटर थी जो अब घटकर 146 मिलियन घनमीटर रह गई है। भूजल अतिदोहन के कारण पानी की कमी गम्भीर समस्या बन गई है।