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पटना जिला
बड़े पेड़ काटकर पौधे लगाने की कवायद
Posted on 06 Jun, 2016 04:11 PMविश्व पर्यावरण दिवस, 05 जून 2016 पर विशेष

पटना से आरम्भ होता जल-संकट
Posted on 30 May, 2016 03:05 PM
बिहार के जल संकट की कहानी का आरम्भ राजधानी पटना से होता है। गंगा के दक्षिण और पुनपुन के उत्तर स्थित पटना शहर के नीचे सोन नदी की प्राचीन धारा है और इसके अधिकांश भूगर्भीय जलकुण्डों का सम्पर्क सोन नदी से है। लेकिन हर वर्ष गर्मी आते ही पानी की मारामारी आरम्भ होती है। पानी की कमी और गन्दे पानी की सप्लाई को लेकर अक्सर इस या उस मुहल्ले में हाहाकार मचता है। पानी की अवस्था, आपूर्ति की व्यवस्था और प्रशासनिक कुव्यवस्था का जायजा लेना दिलचस्प है।
आधुनिक किस्म की सरकारी जलापूर्ति व्यवस्था शहर के 60 प्रतिशत से अधिक हिस्से को नहीं समेट पाता। जिस सिस्टम से जलापूर्ति होती है, वह पाइपलाइन आजादी के पाँच साल बाद 1952 में बिछी थी। तब से आबादी बढ़ती गई और पाइपलाइनें बूढ़ी होती गईं। उसका दायरा बढ़ाना तो दूर, देखरेख करने में गहरी लापरवाही बरती गई। पम्पों की संख्या बढ़कर तीन गुनी हो गई और उन्हें इन्हीं पुरानी पाइपलाइनों से जोड़ दिया गया।

सूखती नदियों के बीच हलक तर करने की चिन्ता
Posted on 23 May, 2016 11:08 AM
विशाला नदी के तट पर खड़ा हूँ। इसी नदी के तट पर वैशाली नगर बसा। वैशाली का वैभव जैसे-जैसे मिटता गया, विशाला सिकुड़ती गई और इसका नाम भी बाया हो गया। गंगा आज भी उत्तरवाहिनी होकर इसे अपने आगोश में समेटती है, पर बाया अर्थात विशाला में इस वर्ष कहीं-कहीं और छोटी-छोटी कुंडियों में ही पानी बचा है।
बिहार के तकरीबन हर जिले की छोटी-छोटी नदियाँ सूख गई हैं। इसका असर अपेक्षाकृत बड़ी नदियों पर भी पड़ा है। महानन्दा के बाद बागमती और कमला की धाराएँ जगह-जगह सूख गई हैं। प्राचीन साहित्य में सदानीरा कहलाने वाली गंडक में भी कई स्थलों पर इतना कम पानी बचा था कि लोग पैदल टहलते हुए पार कर जाते थे। बिहार की नदियों की इस दुर्दशा का असर गंगा पर भी दिख रहा है।

Evaluation of Deep Aquifer Resources in Lower Ganga Plain of Patna Urban Agglomerate, Bihar
Posted on 07 May, 2016 12:37 PMABSTRACT
मक्का का हब बन रहा है कोसी
Posted on 24 Apr, 2016 04:09 PMआज कोसी इलाके में मक्का एक प्रमुख नगदी फसल बन गया है
Arsenic in Ground Water in Parts of Middle Ganga Plain in Bihar-An Appraisal
Posted on 15 Apr, 2016 01:32 PMINTRODUCTION
तिल-तिल मर रही बिहार की सरिसवा नदी
Posted on 05 Mar, 2016 03:14 PMनेपाल के बारा जिले के 47 कल-कारखाने नदी में छोड़ रहे विषाक्त जल
क्या सचमुच बढ़ी डॉल्फिनें, पर राष्ट्रीय शोध संस्थान नहीं बना
Posted on 21 Jan, 2016 12:28 PMबिहार की गंगा में सर्वाधिक डॉल्फिन हैं और यहाँ उनका प्रजनन भी होता
गाँवों में मोबाइल वैन से पेयजल मुहैया कराएगी सरकार
Posted on 11 Jan, 2016 04:06 PM
दूषित भूजल वाले इलाके में लोगों को उनके दरवाजे पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की मोबाइल योजना बिहार सरकार प्रस्तुत करने वाली है। इसके लिये वह बीस मोबाइल वैन खरीदने जा रही है जो गाँवों में जाकर नदी, कुआँ या तालाब का पानी को साफ करके पीने योग्य बनाएगी और मामूली मूल्य लेकर ग्रामीणों को उपलब्ध कराएगी।
परिशोधित जल कई दिनों तक पीने योग्य बना रहेगा। इसमें एक मालवाहक वैन पर वाटर प्यूरीफायर मशीन लगी होगी जिसके संचालन के लिये बिजली की जरूरत नहीं होगी। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सचिव अंशुली आर्या ने मोबाइल प्यूरीफायरों को खरीदने के लिये टेंडर निकालने आदि प्रक्रियाएँ शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया है।
