कांगड़ा जिला

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खतरे में ब्यास नदी की जैव विविधता
Posted on 25 Apr, 2017 03:09 PM
नई दिल्ली, 23 मार्च 2017 (इंडिया साइंस वायर) : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू और मनाली घूमने गए हों, तो आपने इठलाती हुई ब्यास नदी को जरूर देखा होगा। ब्यास नदी का निर्मल और शीतल जल हिमाचल की सैर पर जाने वाले पर्यटकों को हमेशा लुभाता रहा है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि लंबे समय तब प्रदूषण से बची रहने वाली ब्यास नदी देश की अन्य प्रदूषित नदियों की
फोटोग्राफी पर 5 दिवसीय वर्कशॉप
Posted on 20 Aug, 2016 11:12 AM
स्थान - सम्भावना इंस्टीट्यूट, कांगड़ा
तारीख - 1-5 अक्टूबर 2016


समाजिक मुद्दों पर काम कर रहे फोटोग्राफरों, कार्यकर्ताअों और शोधकर्ताअों के लिये सम्भावना इंस्टीट्यूट 1-5 अक्टूबर 2016 तक 5 दिवसीय फोटोग्राफी कार्यशाला (वर्कशॉप) आयोजित करने जा रहा है। कार्यशाला का उद्देश्य सामाजिक मुद्दों की रिपोर्टिंग और दस्तावेजीकरण को नई विजुअल मीडिया द्वारा प्रभावी तरीके से पेश करने की तकनीक सिखाना है ताकि प्रभावित लोगों, आम आदमी, नीति निर्माताओं, राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों तक इसे प्रभावशाली तरीके से पहुँचाया जा सके।

कार्यशाला का फोकस तकनीक/रणनीति और परिप्रेक्ष्य पर होगा। इसमें हिस्सा लेने वालों के लिये कई तरह के लेक्चर, सामूहिक संवाद, मैराथन सत्र होंगे जिसमें प्रतिभागियों और विशेषज्ञों के बीच सीधा संवाद होगा। फोटोग्राफरों पर वीडियो डॉक्यूमेंट्री और फोटोग्राफी अप्रोच कार्यशाला का हिस्सा होंगे।
पौंग बाँध वेटलैंड
Posted on 31 Jan, 2016 10:46 AM

विश्व आर्द्रभूमि दिवस, 2 फरवरी 2016 पर विशेष

 

हिमाचल में अब ग्रीन ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा
Posted on 23 Apr, 2013 01:06 PM प्रदेश में सौ करोड़ की विकास योजना ऋण स्वीकृत, प्राकृतिक संसाधनों का विकास है उद्देश्य
भारतीय जल संकट : विकास, विवाद और संवाद
Posted on 18 Jan, 2013 11:50 AM स्थान : संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स,
गांव : कंडबारी, पालमपुर, हिमाचल, 176061
तिथि : 26 फरवरी-01 मार्च 2013


भारत में आर्थिक सुधारों के लहर के दूसरे दशक में प्राकृतिक संसाधनों के निजीकरण और कारपोरेटीकरण का दौर तेज हुआ है। इसके साथ-साथ जहां एक ओर विवाद बढ़े हैं तो दूसरी ओर इन संसाधनों पर बड़ी संख्या में लोगों का हक छीना गया है। हालांकि वृद्धि केंद्रित विकास के लिए संसाधनों पर होने वाली बहस के केंद्र में ज़मीन तो हमेशा ही मुद्दा रही, पर मुख्य धारा की मीडिया में पानी के मुद्दे को ज्यादा अहमियत नहीं मिली है।

आर्थिक वृद्धि के इस दौर में न केवल मानवीय पेयजल और अन्य जरूरतों के लिए पानी की कमी को महसूस किया जा रहा है। बल्कि
अंकीय चित्र प्रणाली द्वारा पोंग (राणा प्रताप सागर) जलाशय का तलछट आंकलन
Posted on 24 Dec, 2011 12:25 PM
जलाशयों के साथ अवसाद या तलछट का होना एक मुख्य घटक है। जो कि जलाशयों की अवधि को हानी पहुँचाता है। अवसाद कण साधारणतः दूर तक फैले आवाह क्षेत्र में नदी बहाव से हुए मृदा अपरदन प्रक्रिया से उत्पन्न होते हैं। जब नदी का बहाव जलाशय में कम होता है तो उसके साथ-साथ अवसाद भी जलाशय में जमा हो जाता है और इसकी जलधारण क्षमता को कम कर देता है। जलाशय की जलधारण क्षमता में सीमा से परे हुई क्षति हमारे मूल उद्देश्
परियोजनाओं और अवैध खनन से नष्ट हो रहे नदी-नाले
Posted on 28 Feb, 2011 09:00 AM

परियोजनाओं के नाम पर नदियों का अंधाधुंध दोहन धड़ल्ले से हो रहा है। इसी की आड़ मे सबसे पहले हरे-भरे हजारों पेड़ों की बलि ली जाती है, उसके बाद पहाड़ों का सीना छलनी किया जाता है।

मोबाइल पत्रकारिता कार्यशाला,आज ही करे आवेदन
सिखाने वाले नवीन कुमार: संस्थापक, आर्टिकल 19 इंडिया आजतक, एबीपी न्यूज़, न्यूज़ 24, इंडिया टीवी, सहारा समय, न्यूज़ एक्सप्रेस समेत कई संस्थानों में अहम पदों पर रहे, प्रोफ़ेसर करुणाशंकर कुसुमा: मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर में कन्वर्जेंट जर्नलिज़्म के हेड और मोबाइल पत्रकारिता के एक्सपर्ट Posted on 30 Jan, 2023 01:31 PM

आजकल सोशल मीडिया के जरिए हम देश दुनिया कि जानकारी हासिल कर सकते है | चाहे सामाजिक हो या राजनीतिक, ज्ञान, विज्ञान और जीवन से जुड़ी हर जानकारी सोशल मीडिया पर लोग साँझा कर रहे है| परंतु क्या हर वो जानकारी सही है?

मोबाइल पत्रकारिता कार्यशाला
हिमाचल प्रदेश में मछली की बहुफसली खेती - खेती के तरीकों का पैकेज
Posted on 11 Dec, 2010 12:07 PM कांगड़ा जिले में पालमपुर घाटी की तरह कृषि-जलवायु वातावरण के लिए एक मछली की खेती के लिए पॉलीकल्चर मॉडल विकसित किया गया है। इस मॉडल में, विदेशी क्रॉप की 3 प्रजातियां (ग्रास क्रॉप, सिल्वर क्रॉप, मिरर क्रॉप) की किसानों को सिफारिश की गई है, जो गहन छानबीन के बाद उनके विकास के प्रदर्शन अनुकूलन और अन्य पारिस्थितिकीय- जैविक मापदंडों पर आधारित है।
माइक्रो हाइडिल परियोजनाओं के लिए हिमाचलियों को अब ज्यादा वित्तपोषण
Posted on 08 Jan, 2010 02:06 PM

हिमाचल प्रदेश सरकार के नवीनतम निर्देश के अनुसार राज्य स्थित कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल ने राज्य में माइक्रो हाइडिल परियोजनाओं को ज्यादा वित्तपोषण करने का प्रस्ताव किया है। जबकि इस प्रस्ताव पर नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलेपमेंट (नाबार्ड) ने आपत्ति जाहिर की है। राज्य सरकार की घोषित नीति है कि राज्य में उपलब्ध पनबिजली क्षमता में से 5 मेगावाट की तक की क्षमता वाली परियोजनाएं रा

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