जयपुर जिला

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मरुधरा में जल संचयन के तरीके : कलात्मक बावड़ियाँ (Methods of Water Harvesting in Murudhara: Artistic Stepwells-Bawris)
Posted on 08 Aug, 2017 03:32 PM

वापी या बावड़ियों का निर्माण कालान्तर में शासकीय दायित्व भी बनता गया। ऐसा राजपूताने की पू

पाथर पानी और पक्का पगारा
Posted on 01 Jun, 2017 01:54 PM
अनुवाद - संजय तिवारी
जयपुर से करीब दो सौ किलोमीटर दूर करौली जिले का निवेरा गाँव। गाँव के ही किसान मूलचंद कंक्रीट के उस ढाँचे की तरफ इशारा करते हुए बताते हैं “इस पगारा ने मेरा जीवन बदल दिया है, हमेशा के लिये। पंद्रह साल पहले यहाँ एक कच्चा पगारा होता था। लेकिन तब हम उतनी फसल नहीं ले पाते थे जितनी अब ले लेते हैं। अब हम पहले के मुकाबले दो तीन गुना ज्यादा फसल लेते हैं।” मूलचंद मुस्कुराते हुए यह बताना नहीं भूले कि अब तो जब तक अनाज घर में न आ जाए हमें समय नहीं मिलता।

मूलचंद ने फसलोंं की रखवाली के लिये मचान भी बना रखा है ताकि रात में जंगली जानवरों से अपनी फसलोंं की रक्षा कर सकें। मूलचंद का परिवार परम्परागत रूप से खेती नहीं करता था। वो चरवाहे थे और खेतों से उतना ही नाता था जितना पशुओं के चारे के लिये जरूरी होता था या फिर थोड़ी बहुत खेती कर लेते थे। उस समय वहाँ एक कच्चा पगारा होता था।
महानदी के तट पर बनी झील, किसानों के लिये वरदान
Posted on 20 May, 2017 12:01 PM
बिरकोनी के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, एसएस गौतम के अनुसार
लोक स्थापत्य के विविध आयाम
Posted on 14 Apr, 2017 12:05 PM
हमारे जानकार व जागरूक समाज ने यहाँ के जलवायु के अनुकूल ही इस
राजस्थान में वाहन प्रदूषण
Posted on 09 Mar, 2017 12:51 PM
स्वतंत्रता के बाद राजस्थान ने जहाँ एक ओर विकास के लिये कीर्तिमान स्थापित किए हैं, वहीं दूसरी ओर पर्यावरण प्रदूषण की अनेक समस्याओं को जन्म दिया है। विकास के हर सोपान के साथ प्रदूषण के नए आयाम जुड़ते रहे हैं। आर्थिक विकास की कीमत पर्यावरण प्रदूषण के रूप में राज्य बराबर चुकाता आया है और यह प्रक्रिया आज भी जारी है। विकास के नाम पर खड़ी की गई गगनचुम्बी इमारतें, विशाल कारखाने और सड़कों पर तेज गति
ऐसे नहीं बचेगी रामगढ़ झील
Posted on 31 Jan, 2017 10:47 AM जयपुर के पास बने इस जलाशय को पुनर्जीवित करने के सारे प्रयास विफल साबित हो रहे हैं क्योंकि अधिकारी अवरोधों की लगातार अनदेखी कर रहे हैं।

उपेक्षित रामगढ़ झीलउपेक्षित रामगढ़ झील पिछले साल एक मगरमच्छ खाने की तलाश में रामगढ़ बाँध से चल कर सात किलोमीटर दूर जामवा रामगढ़ गाँव तक पहुँच गया। बाँध में एक समय पर 100 से ज्यादा मगरमच्छ थे पर 2006 के बाद से यह सूखा पड़ा है जिसके कारण मछली और मगरमच्छों का अन्य खाद्य ना के बराबर हो गया।

जयपुर के महाराज माधो सिंह द्वितीय के द्वारा बनवाया गया यह बाँध 1903 में निर्मित हुआ पर शहर को पानी की सप्लाई 1931 में शुरू हुई। जल्द ही यह जलाशय या झील एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल बन गया जिसमें 1982 के एशियाई खेलों में नौकायान प्रतियोगता भी काफी धूमधाम से आयोजित की गई।
घुटती साँसों, मरते शहरों को संजीवनी
Posted on 30 Jan, 2017 12:45 PM

सच पूछो तो सरकारी नीतियाँ ही सारे बिगाड़ के लिये जिम्मेदार हैं। सरकारें कोर्ट में सेक्टर

पाट नाला, नदी की गोद में बना रहे सड़क
Posted on 20 May, 2016 11:03 AM
इधर अफसर करते रहे पर्यावरणीय स्वीकृति के लिये बैठकें, उधर चलता रहा नदी-नाला पाटने का काम
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