जयपुर जिला

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राजस्थान की कृषि तकनीकें
Posted on 31 Mar, 2018 06:03 PM
राजस्थान के किसान भले ही बहुत अधिक पढ़े लिखे नहीं हैं, परन्त
Water Bodies
राजस्थान की परम्परागत तकनीक
Posted on 31 Mar, 2018 02:21 PM


राजस्थान विविधताओं से परिपूर्ण एक ऐसा राज्य है, जहाँ एक तरफ रेगिस्तान है तो दूसरी तरफ ऊँचे-ऊँचे पहाड़ और घने जंगल हैं। यहाँ पर गरीबी अपनी चरम सीमा पर है तो महंगे शहर भी देखने को मिलते हैं। यहाँ विभिन्न प्रकार की भूमि जैसे चारागाह, गोचर, औरण, अभयारण्य आदि भी विद्यमान है। हमारी लोक संस्कृति हमारी ग्रामीण और जनजातीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है।

राजस्थान की परम्परागत जल संरक्षण प्रणाली टांका
राजस्थानी औषधीय पौधे (Medicinal plants of Rajasthan)
Posted on 25 Feb, 2018 01:16 PM
औषधीय पादपों के रूप में प्रकृति ने हमें अनमोल सम्पदा प्रदान की है। ज्यादातर औषधीय पौधे जंगली अवस्था में पाये जाते हैं। हमारे घर के आस-पास सड़क के किनारे अनेक पौधे ऐसे उगते हैं, जो औषधीय गुणों से युक्त होते हैं। आम शहरी व्यक्ति इनके गुणों से अनभिज्ञ होने के कारण इन्हें अनदेखा कर देते हैं। आदिवासी और ग्रामीण लोग इन्हें पहचानते हैं। वे पीढ़ी दर-पीढ़ी इस ज्ञान को संजोए हुए हैं और इसका उपयोग कर र
हाड़ौती के प्रमुख जल संसाधन (Major water resources of Hadoti)
Posted on 01 Jan, 2018 04:17 PM
भारत के प्राचीन ग्रंथों में आरम्भ से ही जल की महत्ता पर बल देते हुए इसके संचयन पर जोर दिया गया है। ‘जलस्य जीवनम’ के सिद्धान्त को चरितार्थ करते हुए विश्व की समस्त प्राचीन सभ्यताओं का विकास विभिन्न नदियों की घाटियों में हुआ है।1 इसका मुख्य कारण यह है कि जल मानव जीवन के सभी पक्षों से जुड़ा रहा है। जल की उपयोगिता के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए मानव समाज ने जल संचय अथवा जल संग्रह के ऐ
पानी और हरियाली से हरा-भरा गाँव
Posted on 26 Dec, 2017 03:00 PM

कई महीने तक खोजबीन करने और तरह-तरह के उपायों पर विचार करने के बाद लक्ष्मण सिंह ने चौका बनाने का विचार सामने रखा। यह गाँव के वातावरण के अनुकूल था और पानी के साथ-साथ माटी के क्षरण को रोकने में भी कारगर था। चौका, चौकोर आकार का कम गहराई वाला एक उथला गड्ढा होता है। इसकी गहराई नौ इंच के आसपास रखी जाती है। इससे इसमें पानी इकट्ठा होता है और फिर एक तरफ से इसकी ऊँचाई हल्की सी कम कर दी जाती है तो यही पानी धीरे-धीरे रिसकर टाँका की तरफ बह जाता है।

लोकभाषा में लापोड़िया का मतलब होता है मूर्खों का गाँव। ऐसा गाँव जहाँ लोग पढ़े लिखे नहीं हैं। अपने साधन और समृद्धि के प्रति उदासीन हैं और शिक्षा संस्कार से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं। मूर्खों के इस गाँव में रहने वाले लोग सदा आपस में लड़ते झगड़ते रहते हैं ताकि उनके ग्राम नाम की महिमा कम न हो। लापोड़िया था भी ऐसा ही लेकिन तीस साल पहले तक। आज का लापोड़िया मूर्खों का गाँव नहीं बल्कि ऐसे समझदार लोगों की सभा है जहाँ लोग अपने साधन संसाधन के प्रति संवेदनशील हो गए हैं। वो अब शिक्षा और संस्कार को प्राथमिकता देते हैं और इन सबसे ऊपर वो पानीदार हो गए हैं।
रेगिस्तान में नमक का दरिया सांभर झील
Posted on 24 Dec, 2017 11:48 AM
सांभर झील भारत की खारे पानी की दूसरी सबसे बड़ी झील है। ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली दक्षिणी पश्चिमी हवाओं के कारण कच्छ की खाड़ी से सोडियम क्लोराइड के हवा से उड़कर आने वाले कण यहाँ गिरते हैं और बाद में यह पानी में घुलकर, इस खारे पानी की झील में तब्दील हो जाते हैं।
हाड़ौती का भूगोल एवं इतिहास (Geography and history of Hadoti)
Posted on 31 Oct, 2017 12:00 PM
चौहान राजपूतों की 24 शाखाओं में से सबसे महत्त्वपूर्ण हाड़ा चौहान शाखा रही है। इतिहासकार कर्नल जेम्स टॉड को हासी के किले से एक शिलालेख मिला था, जिसमें हाड़ाओं को चन्द्रवंशी लिखा गया है।1 सोमेश्वर के बाद उसका पुत्र राय पिथौरा या पृथ्वीराज चौहान राजसिंहासन पर बैठा। पृथ्वीराज चौहान शहाबुद्दीन मोहम्मद गौरी के साथ लड़ता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात चौहानों के हाथ से भारत-वर्ष का रा
एक आदेश, एक लाख इरादे और बदला पिंकसिटी का मिजाज
Posted on 03 Sep, 2017 04:25 PM


जयपुर। एक सरकारी आदेश किस तरह से लोगों की जागरूकता की वजह से अभियान बन जाता है, इसका एक उदाहरण पिंकसिटी में देखा जा सकता है।

sanitation
पानी जाँच की कीमत 1000 रुपए, जाँच करवाना मुश्किल, दूषित जल पीना मजबूरी
Posted on 03 Sep, 2017 04:03 PM
जयपुर। प्रदेश में अशुद्ध और दूषित पानी की आपूर्ति से जहाँ आमजन की सेहत खतरे में है। वहीं दूसरी ओर आलम यह है कि जनता चाह कर भी अपने इस्तेमाल वाले पानी के नमूनों की जाँच आसानी से नहीं करवा सकती। प्रदेश में चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य अभियाँत्रिकी विभाग की ओर से लिये गये करीब सवा लाख जाँच नमूनों में से 19 हजार नमूनों के फेल मिलने के बाद राजस्थान पत्
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