जयपुर। एक सरकारी आदेश किस तरह से लोगों की जागरूकता की वजह से अभियान बन जाता है, इसका एक उदाहरण पिंकसिटी में देखा जा सकता है।
पिछले दिनों नगर निगम की ओर से जारी किये एक फरमान में कहा गया था कि प्रतिष्ठानों के अंदर व बाहर डस्टबिन रखा जाए। इस आदेश के साथ-साथ पॉलीथिन कैरी बैग्स को लेकर भी नगर निगम की ओर से खासी कार्रवाई की गई। नगर निगम का यह आदेश इस बार सिर्फ दिखावी या कागजी भर नहीं रहा। छोटी दुकान से लेकर बड़े-बड़े शोरूम मालिकों तक ने अपने यहाँ दो-दो तरह के डस्टबिन रखना शुरू कर दिया।
जिसने इसे हल्के में लिया उसे चालान भुगतना पड़ा। इस अभियान की आक्रामकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि निगम ने पहली बार सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाने पर पाँच कोचिंग सेंटरों को सीज कर दिया और कई बड़े प्रतिष्ठानों से हजारों रुपये का कैरिंग चार्ज भी वसूला। इस तरह का सफल अभियान चलाने में इंदौर के बाद जयपुर दूसरा शहर बन गया है। जहाँ महज एक आदेश जारी होने के एक महीने के भीतर ही शहर के करीब एक लाख छोटी-बड़ी दुकानों से लेकर बड़े शोरूम के अंदर व बाहर डस्टबिन रखने शुरू कर दिये गये।
16 जून से शुरूआत
स्वच्छ भारत मिशन के तहत 16 जून से पॉलीथिन कैरी बैग के खिलाफ अभियान शुरू किया था। इसके हर जोन में तीन टीम बनाई। नियम की पालना नहीं करने पर दो हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कैरिंग चार्ज वसूला जाएगा व नियमानुसार प्रतिष्ठान को सीज की कार्रवाई की जाएगी।
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