गुजरात

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प्रौद्योगिकी द्वारा समुदाय की जरूरतों की पूर्तिः गुजरात निगरानी 'पानी समिति' दक्षता
जाने प्रौद्योगिकी द्वारा समुदाय की जरूरतों की पूर्ति की गुजरात निगरानी 'पानी समिति' दक्षता के बारे मे|Know about Gujarat's 'Pani Samiti' monitoring efficiency of meeting community needs through technology Posted on 07 Feb, 2024 01:16 PM

भारत का पश्चिमी राज्य गुजरात, जो पहले से ही अपने जिलों में पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, को अपनी संभावना तलाशने का एक और अवसर मिल जाता है। राज्य ने तकनीक आधारित समाधानों में निवेश किया है ताकि पानी समितियों के कार्य निष्पादन की निगरानी के लिए उन्हें कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल सके।

प्रौद्योगिकी द्वारा समुदाय की जरूरतों की पूर्तिः गुजरात निगरानी 'पानी समिति' दक्षता
प्रौद्योगिकी द्वारा समुदाय की जरूरतों की पूर्तिः गुजरात निगरानी 'पानी समिति' दक्षता
प्रौद्योगिकी के माध्यम से समुदाय की जरूरतों को पूरा करने की गुजरात की 'पानी समिति' की निगरानी दक्षता के बारे में जानें | Know about Gujarat's 'Pani Samiti' monitoring efficiency of meeting community needs through technology Posted on 07 Feb, 2024 01:16 PM

भारत का पश्चिमी राज्य गुजरात, जो पहले से ही अपने जिलों में पानी की आपूर्ति को बढ़ाने के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है, को अपनी संभावना तलाशने का एक और अवसर मिल जाता है। राज्य ने तकनीक आधारित समाधानों में निवेश किया है ताकि पानी समितियों के कार्य निष्पादन की निगरानी के लिए उन्हें कुशलतापूर्वक सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल सके।

गुजरात में जल जीवन मिशन
अपने प्रदेश हों या पड़ोसी देश चहुंओर पहुंच रहा जहरमुक्त प्राकृतिक खेती का संदेश
देश के कई राज्य प्राकृतिक खेती के विस्तार में निरंतर संलग्न हैं, वहीं पड़ोसी देशों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की इच्छा प्रबल हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक कृषि फार्म पर देश के पूर्व राष्ट्रपति , कई प्रदेशों के राज्यपालों सहित विदेशी प्रतिनिधिमंडल का आगमन हुआ। इन सभी ने प्राकृतिक कृषि की प्रभावोत्पादकता का स्वयं अनुभव करते हुए इसे अपनाने और प्रसारित करने का संकल्प लिया है  Posted on 09 Oct, 2023 12:56 PM

रासायनिक खेती के निरंतर परिलक्षित होते हानिकारक दुश्प्रभावों को समझकर प्राकृतिक खेती को अपनाने का आग्रह लगातार प्रबल हो रहा है। देश के कई राज्य प्राकृतिक खेती के विस्तार में निरंतर संलग्न हैं, वहीं पड़ोसी देशों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाने की इच्छा प्रबल हो रही है। पिछले कुछ सप्ताह में हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित प्राकृतिक कृषि फार्म पर देश के पूर्व राष्ट्रपति, कई प्रदेशों के राज्यपालों सहि

अपने प्रदेश हों या पड़ोसी देश चहुंओर पहुंच रहा जहरमुक्त प्राकृतिक खेती का संदेश
गुजरात के जल संसाधनों पर सिंचाई  विधियों का प्रभाव
गुजरात राज्य में जल संसाधन बहुत ही सीमित है। वहाँ की प्रमुख नदियां जैसे तापी (उकाई काकरापार), माही (माहौ कदाना), साबरमती (घरोई) आदि के जल का उपयोग करने के लिये पहले से ही पर्याप्त कदम उठाए गए हैं। आगे भी नर्मदा नदी के जल संसाधनों का उपयोग करने के लिये प्रयास पूरी गति से उठाए जा रहे हैं। राज्य के प्रमुख हिस्सों में कम वर्षा और मुख्य रूप से मृदा की जलोड़ प्रकृति के कारण यहाँ अन्य छोटी छोटी नदियों की जल क्षमता सीमित ही नहीं है Posted on 19 May, 2023 01:52 PM
प्रस्तावना

गुजरात राज्य भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह पश्चिम में अरब सागर, पूर्वोत्तर में राजस्थान राज्य, उत्तर में पाकिस्तान के साथ अंतराष्ट्रीय सीमा, पूर्व मैं मध्य प्रदेश राज्य और दक्षिण-पूर्व व दक्षिण में महाराष्ट्र राज्य की सीमाओं से  घिरा हुआ है। भारत में इस राज्य का 1600 किलोमीटर की लंबाई के साथ सबसे लंबा समुद्र तट है यह 20°01' से 24° उत्तरी अक्षा

गुजरात के जल संसाधनों पर सिंचाई  विधियों का प्रभाव,Pc-vivacepanorama
नर्मदा
Posted on 20 Feb, 2010 05:00 PM

‘नमामि देवि नर्मदे’ मेकलसुता महीयसी नर्मदा को रेवा नाम से भी जाना जाता है। नर्मदा भारतीय प्रायद्वीप की सबसे पुरानी, प्रमुख और भारत की पाँचवी बड़ी नदी है। विन्ध्य की उपत्यकाओं में बसा अमरकंटक एक वन प्रदेश है। जहाँ की जैव विविधता अत्यन्त समृद्ध है। नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा भी कहा जाता है। जिस मिलन बिन्दु से विन्ध्य और सतपुड़ा पर्वतमालायें प्रारम्भ होती हैं, वहीं स्थल अमरकंटक है। इसे आदिक

नर्मदा के जीव-जन्तु खतरे में
Posted on 14 Feb, 2010 04:51 PM जबलपुर। करीब 50 सालों से किए जा रहे शोध ने यह स्पष्ट कर दिया कि नर्मदा नदी में पाए जाने वाले मेंढक और मछलियों सहित अन्य जीव-जंतुओं की कई प्रजातियों का अस्तित्व ही नहीं बचेगा। नदी पर बांध, प्रदूषण, बसाहट, जंगलों की कटाई का सिलसिला यदि नहीं थमा तो अगले 25 सालों में इस नदी की जैव विविधता पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इसमें 200 से ज्यादा प्रजातियां लुप्तप्राय कगार पर पहुंच चुकी हैं। जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया
आंखें खोल देने वाला सर्वेक्षण
Posted on 12 Feb, 2010 10:57 AM इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर एनवायर्नमेंट एंड डेवलपमेंट ने विश्व बैंक के लिए गुजरात के लकड़ी बाजार का एक अध्ययन किया था। वर्तमान बाजार की मांग अगर निकट भविष्य में पूरी हो जाती है तो इस स्थिति का असर किसानों की वन-खेती पर उलटा पड़ सकता है। इस आशंका से परेशान विश्व बैंक ने अपना सारा ध्यान व्यापारिक लकड़ी की मांग बनाए रखने के लिए नए बाजार ढूंढने पर लगाया है। जैसे शहरी ईंधन की मांग, निर्माण कार्य में लगन
बढ़ती आलोचना
Posted on 12 Feb, 2010 10:45 AM इतना सब होने के बावजूद अनेक शंकाएं और आपत्तियां खड़ी हुई हैं और लगता है कि सफलता का यह दावा बिलकुल ही खोखला है। सबसे पहले कर्नाटक के कोलार जिले के एक अध्ययन से यह रहस्य खुला कि यह सामाजिक वानिकी मात्र एक दिखावा है। असल में यह रेयान मिल्स और प्लाइवुड के कारखानों को लुगदी और कच्चा माल मुहैया करने के लिए उनके लायक पेड़ लगाने का काम था। इस योजना के कारण देखते-ही-देखते दूर-दूर तक की अनाज पैदा करने वाली
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