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ऐतिहासिक दुर्दान्त नारू-कृमि, बुजुर्गों की यादों में अभी भी जिन्दा है इसका खौफ
Posted on 26 Jan, 2019 11:59 AM

नारू-कृमि के बाहर निकलने के पूर्व फफोले या छाले (ब्लिस्टर) का बननाअस्सी के दशक पूर्व देश के कई राज्यों के हजारों गाँव, ढाणियां व कस्बे ऐसे थे जहाँ के घरों से बारिश के मौसम आने के पूर्व हर उम्र की महिलाओं और पुरुषों की दर्द भरी कर्राहट के स्वर सुनाई दे पड़ते थे। दरअसल ये लोग 50 से 150 से.मी.

नारू-कृमि के बाहर निकलने के पूर्व फफोले या छाले (ब्लिस्टर) का बनना
अविरल गंगा के लिये जन्तर-मन्तर, दिल्ली में क्रमिक अनशन 28 जनवरी से
Posted on 25 Jan, 2019 01:04 PM

स्वामी आत्मबोधानंद अपने गुरू शिवानंद जी के साथ (फोटो साभार: दैनिक जागरण) वर्ष 1998 में हरिद्वार के जगजीतपुर गाँव में गंगा किनारे स्थापित ‘मातृसदन आश्रम’ गंगा-अविरलता के लिये बलिदानी-भूमि बन गई है। मातृसदन के परमाध्यक्ष शिवानंद सरस्वती और उनके सन्तों का गंगा प्रेम अदभुत है, गंगा के लिये अब तक आश्रम स

स्वामी आत्मबोधानंद अपने गुरू शिवानंद जी के साथ (फोटो साभार: दैनिक जागरण)
हर हर गंगे
Posted on 21 Jan, 2019 04:14 PM

गंगा है तो भारत है, भारत है तो गंगा। इस रिश्ते को विश्व ने भी माना है। गोमुख से गंगासागर तक गंगा नदी भारत को उसकी पहचान की कई अनूठी विरासतें देते बहती है। गंगा महोत्सव 2019 (21 जनवरी-23 जनवरी) के मौके पर आइए देखें गंगा के कुछ पड़ावों को पर्यावरणिद अनिल जोशी की नजर से

कर दो कन्यादान हिमालय,
बिटिया अब ससुराल चली

गंगा नदी
क्या उज्ज्वला योजना बदलेगी घरेलू प्रदूषण की तस्वीर
Posted on 21 Jan, 2019 02:57 PM

घरेलू वायु प्रदूषण के खतरे बढ़ते जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme,UNEP) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार घरेलू वायु प्रदूषण का बाहरी वायु प्रदूषण में 22 से 52 प्रतिशत तक का योगदान हो सकता है। इससे साफ है कि भारत, जहाँ घरेलू वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, से निपटने के प्रभावी उपाय ढूँढने होंगे।

वायु प्रदूषण
भारत को दुनिया के बराबर खड़ा करने की तैयारी में सरकार
Posted on 21 Jan, 2019 12:45 PM

नई दिल्ली: कृषि उत्पादन में पिछड़े भारत को दुनिया के बराबर पर खड़ा करने को केन्द्र सरकार नए कदम उठाने की तैयारी कर रही है। राज्यों के साथ मिलकर नीतिगत सुधार, आधुनिक तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ सिंचाई और अच्छे बीज मुहैया कराएगी। सरकार ने प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ावा देने को अन्य देशों के तौर तरीकों का अध्ययन किया। इसकी वजह प्रति हेक्टेयर उत्पादन में भारत कई देशों की तुलना मे

कृषि
आर्थिक विकास और पारिस्थितिकीय सुरक्षा का द्वन्द
Posted on 17 Jan, 2019 05:28 PM

एक तरफ उद्योग और विकास परियोजनाओं के लिये अधिक वन क्षेत्र के विचलन का दबाव और दूसरी तरफ वन क्षेत्र को बढ़ाने का

जयराम रमेश
आदिवासियों में जटिल सिकल-सेल जींस, मलेरिया से बचाने की अद्भुत क्षमता
Posted on 12 Jan, 2019 05:16 PM

सिकल-सेल बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के खून में सामान्य (गोलाकार) व सिकल (हँसियानुमा ) कोशिकाएं (फोटो साभार: नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट, 2018)मानव जैव विकास के दौरान प्राकृतिक अथवा जैविक दबावों में गुणसूत्रों पर स्थित विभिन्न जिंसों (डी.एन.ए) की संरचनाओं में उलट-फेर अथवा उत्परिवर्तन (म्यूटेशन)

सिकल-सेल बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के खून में सामान्य (गोलाकार) व सिकल (हँसियानुमा ) कोशिकाएं (फोटो साभार: नेशनल ह्यूमन जीनोम रिसर्च इंस्टीट्यूट, 2018)
नहीं का मतलब नहीं
Posted on 08 Jan, 2019 04:44 PM

मेरे पदभार सम्भालने के पहले 99.99 प्रतिशत अनुमति ‘हाँ’ वर्ग के थे। मैंने ‘हाँ लेकिन’ और ‘नहीं’ वर्गों की संख्या

जयराम रमेश
किसान हितैषी उल्लुओं का शिकार रोकना बेहद जरूरी
Posted on 05 Jan, 2019 01:55 PM

अधिकांश किसानों को यह मालूम ही नहीं कि उनके खेत-खलिहानों के आस-पास ऐसे परिन्दे भी डेरा डाले रहतें हैं जो किसी-न-किसी रूप में उनकी मदद करते रहतें हैं। ये हैं उल्लू प्रजाति के परिन्दे जो केवल रात्रि में ही हल-चल करते दिखाई पड़ते हैं। ये कब और कहाँ आते-जाते हैं इसकी जरा सी भनक किसी को भी नहीं लगने देते। दिखने में तेज-तर्रार व किसी को परेशान न करने वाले शान्त स्वभाव के ये खूबसूरत परिन्दे अब खतरे मे

भारतीय ईगल उल्लू
बेखौफ हाइड्रो-फ्लोरोसिस के कहर से त्रस्त ग्रामीण भारत, नियंत्रण बेहद जरूरी
Posted on 03 Jan, 2019 01:36 PM

दीर्घकालीन फ्लोराइड युक्त पानी पीने से न केवल इंसानों में बल्कि घरेलू पालतू पशुओं में भी कई तरह की शारीरिक विकृतियाँ एक के बाद एक विकसित हो जाती है इन्हें हाइड्रो-फ्लोरोसिस (फ्लोरोसिस) कहतें हैं। ये विकृतियाँ मूल रूप से पानी में मौजूद फ्लोराइड रसायन के दुष्प्रभाव अथवा इसके विषैलेपन के कारण विकसित होती हैं। इसका असर सबसे पहले दाँतों व हड्डियों पर दिखाई पड़ता है। इसके विषैलेपन से दाँत बदरंग एवं कम

युवक के दाँतों पर हाइड्रो-फ्लोरोसिस का दुष्प्रभाव
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