दिल्ली

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ऑफिसर- अकाउंट्स एंड एडमिनिस्ट्रेशन
Posted on 26 Aug, 2009 05:04 PM

सेंटर फॉर इंवायरमेंट एजुकेशन

पद- ऑफिसर- अकाउंट्स एंड एडमिनिस्ट्रेशन
स्थान- दिल्ली
अंतिम तिथि- अगस्त 28

सेंटर फॉर इंवायरमेट एंड एजुकेशन 'अकाउंट्स एंड एडमिनिस्ट्रेशन ऑफिसर' के रिक्त पद के लिए आवेदन आमंत्रित करता है।

सीईई पर्यावरण शिक्षा पर कार्य करने वाली एक सामाजिक संस्था है।
एक मोर्चा हारा है, पूरा संग्राम नहीं
Posted on 18 Aug, 2009 08:06 AM

उच्चतम न्यायालय का यमुना खादर (फ्लड प्लेन) संबंधी निर्णय

नेशनल एन्वायर्नमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (NEERI) के अचानक अपने रुख से पूरी तरह पलटने और भारत सरकार के वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा अपने कदम ऐन मौके पर खींच लिये जाने की वजह से, राष्ट्रमण्डल खेलों हेतु यमुना की छाती पर निर्मित होने वाले "खेलगाँव" के मुद्दे पर फ़िलहाल "बिल्डर-कंस्ट्रक्शन लॉबी" की जीत हो गई है। हालांकि देखा जाये तो यमुना बचाओ आंदोलन के सत्याग्रहियों ने सब कुछ खो नहीं दिया है, बल्कि इस जागरण अभियान के कारण अन्य परियोजनाओं पर स्थगन हासिल करने में कामयाबी भी हासिल की है।
जब 29 जुलाई को उच्चतम न्यायालय की माननीय न्यायाधीश केजी बालाकृष्णन की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने राष्ट्रमण्डल खेलों हेतु खेलगाँव के निर्माण की अनुमति पर 'क्लीन चिट' दी और इस विशाल परियोजना हेतु दिल्ली विकास प्राधिकरण व अन्य संस्थाओं को अपना पर्यावरण हेतु खतरनाक काम जारी रखने हेतु कहा, तब कई पर्यावरणविदों और सामाजिक संस्थाओं को एक झटका लगा और वे मायूस हुए। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस निर्णय को उलट दिया जिसमें हाइकोर्ट ने सभी प्रकार के निर्माण कार्यों के परीक्षण और जाँच हेतु एक समिति बनाने का निर्देश दिया था। माननीय न्यायाधीशों ने यह देखने की भी ज़हमत नहीं उठाई कि खेलगाँव में बनने वाले सर्वसुविधायुक्त आलीशान फ़्लैट यमुना की छाती पर बनाये जा रहे हैं।
यमुना किनारे विहार
Posted on 06 Aug, 2009 09:48 AM आईटीओ के पास यमुना का जो किनारा है वहां एक सूखे दिन में जाना हुआ तो पैर में पहनी खुली काली चप्पलें मट
जलचक्र (The Water Cycle)
Posted on 05 Aug, 2009 11:23 AM

धरती पर कितना पानी उपलब्ध है?

o एक जानकारी के अनुसार धरती पर 2,94,000,000 क्यूबिक मीटर पानी उपलब्ध है, जिसमें से सिर्फ़ 3% पानी ही शुद्ध और पीने लायक है।
प्रोग्राम कॉर्डिनेटर/ सीनियर रिसर्चर
Posted on 01 Aug, 2009 01:29 PM
सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट द्वारा प्रोग्राम कॉर्डनेटर/ सीनियर रिसर्चर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित हैं।

CSE needs Programme coordinators/Senior researchers

(Source: R KSrinivasan, Centre for Science and Environment)
नेशनल कॉर्डिनेटर-वेसनेट इंडिया
Posted on 01 Aug, 2009 01:18 PM
वेस नेट इंडिया राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर के रिक्त पद के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। आवेदन की अंतिम तिथि 17 अगस्त 2009 है।

अधिक जानकारी के लिए संलग्नक देखें-

संपर्क व्यक्ति- Arumugam Kalimuthu, Plan International, New Delhi,

desk@wesnetindia.org
जी डी अग्रवाल द्वारा नोटिस
Posted on 24 Jul, 2009 09:09 AM
प्रसिद्ध पर्यावरण विद् जी डी अग्रवाल ने केन्द्र सरकार और उत्तराखंड सरकार को यह कहते हुए नोटिस दिया कि अगर 31 जुलाई, 2009 तक भैरोघाटी और पाला-मनेरी बांधो पर काम बंद नदीं किया गया तो अनशन के सिवाय उनके पास और कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। वह फिर से 5 अगस्त 2009 से आमरण अनशन करेंगे। दोनों सरकारों को यह नोटिस देते हुए उंहोंने सरकार को अपने वायदे और माननीय अदालत-नैनीताल द्वारा याचिका 15, 2009 पर दिए गए निर
1500 करोड़ रुपये पानी में
Posted on 21 Jul, 2009 02:24 PM
नई दिल्ली. यमुना एक्शन प्लान के तहत नदी की सफाई के नाम पर पहले ही 1500 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं और 4000 करोड़ रुपये मूल्य की एक अन्य परियोजना तैयार है. हालांकि इससे नदी की स्थिति में बहुत कम फर्क पडा है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने हाल ही यह कहा है कि नदी एक नाली से बेहतर स्थिति में नहीं है।
डीयू स्वास्थ्य केन्द्र मे पानी नहीं
Posted on 20 Jul, 2009 12:54 PM
दिल्ली विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में WUS स्वास्थ्य केन्द्र है। यह विश्वविद्यालय कर्मियों का एकमात्र अस्पताल है। आपको हैरानी होगी यह जानकर कि कई सालों से यहां पीने का पानी ही नहीं है। ज्यादातर तो यहां पानी आता ही नहीं है और कभी आता है तो वह भी काफी दुर्गंध भरा होता है। दावे से कह सकता हूं कि वह दिल्ली जल बोर्ड का पानी तो हो नहीं सकता।

WUS स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन भारत के पहले राष्ट्रपति डा. राजेन्द्र प्रसाद, ने वर्ष 1955 में किया था। वर्ल्ड युनिवर्सिटी सर्विस, जिनेवा का एक अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है, इसकी सहायता से ही विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत हुई थी।
‘‘सूचना के अधिकार’’ का कमाल
Posted on 17 Jul, 2009 04:34 PM

जी हां, भारत के मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) को अपनी नीति बदलनी होगी। खास बात यह है कि यह कमाल है ‘‘सूचना के अधिकार’’ का। जो मौसम विभाग अब तक देश भर के विभिन्न इलाकों में वर्षा के आंकड़ों को बेचकर पैसे कमाता रहा है अब वे आम लोगों को सार्वजनिक रूप से बगैर कीमत के उपलब्ध हो सकेंगे। इस संबंध में यह आदेश अभी हाल ही में केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।

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