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भाषा और पर्यावरण
Posted on 23 Oct, 2009 08:07 PM

किसी समाज का पर्यावरण पहले बिगड़ना शुरू होता है या उसकी भाषा- हम इसे समझकर संभल सकने के दौ

Language and environment
पर्यावरण को बचाना है तो विज्ञान को बदलिए-अनुपम मिश्र
Posted on 07 Oct, 2009 08:52 AM
प्रख्यात पर्यावरणविद अनुपम मिश्र का कहना है कि अगर पर्यावरण में हो रहे वर्तमान बदलाव को रोकना है तो हमें वर्तमान विज्ञान के विस्तार को रोकना होगा. अनुपम मिश्र कहते हैं कि पर्यावरण में हो रहे बदलाव के लिए दादा देश जिम्मेदार हैं और पर्यावरण में बदलाव को रोकने के लिए उन्हें सबसे पहले कोशिश करनी होगी.
अकेले नहीं आता अकाल
Posted on 03 Oct, 2009 09:18 PM उत्तर भारत में जलस्तर 1.6 इंच तक गिर चुका है। यह अगस्त 2002 से अगस्त 2008 के बीच चार सेंटीमीटर सालाना की दर से गिरा। इस दौरान जलदायी स्तर से 26 घन मील से भी ज़्यादा भूजल उड़नछू हो गया। ऑर्गेनिक कृषि की तुलना में हरित क्रांति वाली रासायनिक खेती में 10 गुना ज़्यादा पानी का इस्तेमाल होता है।रासायनिक उर्वरक नाइट्रस ऑक्साइड नामक ग्रीनहाउस गैस का उत्पादन करते हैं, जो कार्बन डाईऑक्साइड की तुलना में 300 गुना ख़तरनाक है।सबसे सस्ती कारों के दौर में अब तक की सबसे महंगी दाल मिल रही है। मानसून की मेहरबानी कम रही, तो समूचे देश पर अकाल की काली छाया घिर आई है। अकाल से बहुत पहले अच्छे विचारों का अकाल पड़ने लगता है। अच्छी योजनाओं का अकाल और बुरी योजनाओं की बाढ़..

काल की पदचाप साफ़ सुनाई दे रही है और सारा देश चिंतित है। यह सच है कि अकाल कोई पहली बार नहीं आ रहा है, लेकिन इस अकाल में ऐसा कुछ होने वाला है, जो पहले कभी नहीं हुआ। देश में सबसे सस्ती कारों का वादा पूरा किया जा चुका है। कार के साथ ऐसे अन्य यंत्र-उपकरणों के दाम भी घटे हैं, जो 10 साल पहले बहुत सारे लोगों की पहुंच से दूर होते थे।
famine
हरित शौचालयः ईको फ्रैंडली टॉयलेट
Posted on 24 Sep, 2009 06:32 PM
पर्यावरण की सफ़ाई के लिये अपशिष्ट को उपयोगी संसाधन में बदलना ही नये युग का प्रतिमान गढ़ना है।
नर्मदा की परिक्रमा
Posted on 21 Sep, 2009 09:49 AM
नर्मदा जी वैराग्य की अधिष्ठात्री मूर्तिमान स्वरूप है। गंगा जी ज्ञान की, यमुना जी भक्ति की, ब्रह्मपुत्रा तेज की, गोदावरी ऐश्वर्य की, कृष्णा कामना की और सरस्वती जी विवेक के प्रतिष्ठान के लिये संसार में आई हैं। सारा संसार इनकी निर्मलता और ओजस्विता व मांगलिक भाव के कारण आदर करता है व श्रद्धा से पूजन करता है। मानव जीवन में जल का विशेष महत्व होता है। यही महत्व जीवन को स्वार्थ, परमार्थ से जोडता है।
पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण की तैयारी शुरू
Posted on 19 Sep, 2009 11:56 AM
नई दिल्ली। देश में पर्यावरण प्रबंधन के रद्दी के कानूनों को प्रभावी बनाने और पर्यावरण कानूनों के पालन की पहरेदारी की जिम्मेदारी प्रस्तावित पर्यावरण संरक्षण प्राधिकरण को देने की है। सरकार ने एक नए प्राधिकरण का खाका पेश किया है।
दिल्ली की प्यास
Posted on 12 Sep, 2009 05:58 PM

दिल्ली की प्यास बुझी नहीं है। पहले यमुना, फिर गंगा, फिर भगीरथी का पानी पी लेने के बाद भी दिल्ली प्यासी है। अब दिल्ली को हिमाचल से भी पानी मिलने वाला है।
एक और झील गायब…
Posted on 12 Sep, 2009 09:17 AM
ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार झीलों को पुनर्जीवन देने की बजाय उन्हें नष्ट करने पर तुली हुई है। 17 अगस्त को दिल्ली सरकार द्वारा उच्च न्यायालय में दायर एक हलफ़नामें में कहा गया है कि दिल्ली की मायापुरी झील और जहाँगीरपुरी का दलदली इलाका जलग्रहण क्षेत्र नहीं हैं और इन इलाकों का उपयोग विकास के अन्य कामों के लिये किया जा सकता है। एक गैर-लाभकारी संस्था 'तपस' द्वारा इन जलस्रोतों को बचाने के सन्दर्भ में दायर
टुवार्डस् एन इनेबलिंग इंटरनेट एक्सेस इंवायरमेंट
Posted on 07 Sep, 2009 09:36 AM

इंटरनेट सोसायटी, डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के साथ मिलकर ISOC के दक्षिण एशिया पर केंद्रित कार्यक्रम आईनेट दिल्ली 2009, का आयोजन कर रही है। यह विशेष कार्यक्रम नई दिल्ली में, 17 सितम्बर 09 को आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का मुख्य केंद्र दक्षिण एशिया में इंटरनेट एक्सेस संबंधी परिवेश बनाना और इंटरनेट के जरिए विकास, होगा।

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