दिल्ली

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Bacteria can breakdown biodiesel waste into useful products
Posted on 05 Dec, 2017 04:44 PM
Biodiesel manufacturing is picking up globally, resulting in a byproduct called glycerol. Indian scientists have now developed a technique to break down glycerol into commercially useful products using bacterial strains.
जल क्रान्ति अभियान
Posted on 05 Dec, 2017 01:16 PM

जल क्रान्ति अभियान के अन्तर्गत किसी भी राज्य में करीब 1000 हेक्टेयर क्षेत्र की पहचान एक मॉडल कमान एरिया के

Water
वैज्ञानिक सोच पर खरी प्राचीन जलसंचय प्रणालियाँ
Posted on 05 Dec, 2017 12:43 PM
भारत में जल संचय का कार्य सभ्यता के आरम्भ से ही किया जा रहा है। भारत की पारम्परिक जल संचय प्रणालियों का लम्बा वैज्ञानिक इतिहास रहा है जो प्राचीन ग्रंथों, शिलालेखों और ऐतिहासिक अवशेषों के साथ आज भी जीवंत है। हमारे प्राचीन तालाब, जलाशय, नौले, कुण्डियाँ, कुएँ और तमाम जल संचय इकाइयाँ सदियों से आज भी खरी हैं और प्रयोग में लाई जा रही हैं।
भारत में सिंचाई परियोजनाओं का आकलन
Posted on 04 Dec, 2017 04:24 PM

देश में सिंचाई परियोजनाओं और नहरों से कुल सिंचित क्षेत्र का 40 प्रतिशत सींचा जाता है। शेष 60 प्रतिशत क्षेत

महिलाएँ यहाँ भी बनें मालकिन
Posted on 04 Dec, 2017 01:02 PM
कृषि प्रधान आजाद भारत के 70 साल बीत चुके हैं। कृषि को ‘निर्माण रूपी व्यवस्था’ के रूप में स्थापित करने वाले किसान वर्ग का अहम हिस्सा ‘महिला किसान’, आज भी अपनी पहचान और अपने अस्तित्व के लिये अंतिम हाशिये पर इंतजार में हैं। 21वीं सदी में भी कृषि क्षेत्र लिंग असमानता के मानसिक रोग से जूझ रहा है। बावजूद इसके कि महिलाओं की मेहनत कृषि में केंद्रीय भूमिका निभाती है। उनकी पहचान या तो श्रमिक या फिर पु
कृषि विकास : केंद्र और राज्य सम्बन्धों के बरक्स
Posted on 04 Dec, 2017 12:51 PM
सर्वविदित है कि भारतीय संविधान एक संकेंद्रित संघीय ढाँचे का निर्माण करता है। यह कथन राजनीतिक शक्तियों तथा वित्तीय संसाधनों के विभाजन के सम्बन्ध में निर्विवाद है। तथापि संघीय ढाँचे के कार्यकरण के दौरान, स्वतंत्रता के लगभग चार दशकों के बाद से उपयुक्त संवैधानिक ढाँचे के बावजूद भारतीय संघ व्यवहारत: विकेंद्रित हो गया अर्थात राज्य सरकारों की राजनीतिक स्थिति केंद्र के मुकाबले काफी सशक्त हो गई। संघी
किसान पहचानें अपनी शक्ति
Posted on 03 Dec, 2017 04:46 PM

खेती एवं कृषि कार्य के समक्ष गंभीर चुनौतियाँ हैं। विकास की अंधी दौड़ में हम कृषि से विमुख होकर शहरों की ओर

कृषक जीवन संघर्ष और आत्महत्या
Posted on 03 Dec, 2017 04:24 PM

किसानों की आत्महत्या के पीछे दो प्रमुख कारण हैं। पहला कर्ज और दूसरा प्राकृतिक आपदाएँ तथा फसल नुकसान। कर्ज

कृषि में कारपोरेट का दबदबा
Posted on 03 Dec, 2017 03:41 PM

सरकार जनता की सुविधाएँ और सब्सिडी घटा रही है। खेती से जीविका नहीं चलती। फसल संबंधित उद्योग-धंधों पर, जो पह

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