सुगंधा मुंशी

सुगंधा मुंशी
महिलाएँ यहाँ भी बनें मालकिन
Posted on 04 Dec, 2017 01:02 PM

कृषि प्रधान आजाद भारत के 70 साल बीत चुके हैं। कृषि को ‘निर्माण रूपी व्यवस्था’ के रूप में स्थापित करने वाले किसान वर्ग का अहम हिस्सा ‘महिला किसान’, आज भी अपनी पहचान और अपने अस्तित्व के लिये अंतिम हाशिये पर इंतजार में हैं। 21वीं सदी में भी कृषि क्षेत्र लिंग असमानता के मानसिक रोग से जूझ रहा है। बावजूद इसके कि महिलाओं की मेहनत कृषि में केंद्रीय भूमिका निभाती है। उनकी पहचान या तो श्रमिक या फिर पु
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