दिल्ली

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युगों-युगों से लोक मंगलकारिणी है नर्मदा
Posted on 30 Aug, 2015 12:41 PM भूमि भृगु, जमदग्नि ऋषिनर परशुधारी राम की
धर्म, श्रृद्ध भाव की संवर्धिनी है नर्मदा

धार के कंकर कि शंकर नर्मदेश्वर हैं सभी
भक्ति-रस में लोक की अवगाहिनी है नर्मदा

मंडला, मांडव महीष्मति की नगरियाँ तट बसी
उस विगत ऐश्वर्य की संदर्शिनी है नर्मदा

आदिशंकर और मंडन मिश्र के शास्त्रार्थ की
साक्षिणी है, धर्म की प्रोत्साहिनी है नर्मदा
नदी
Posted on 30 Aug, 2015 12:35 PM आह भरती है नदी
टेर उठती है नदी
और मौसम है कि उसके
दर्द को सुनता नहीं।

रेत बालू से अदावत
मान बैठे हैं किनारे
जिन्दगी कब तक बिताए
शंख सीपी के सहारे
दर्द को सहती नदी
चीखकर कहती नदी
क्या समंदर में नया
तूफान अब उठता नहीं।

मन मरूस्थल में दफन है
देह पर जंगल उगे हैं
तन बदन पर कश्तियों के
खून के धब्बे लगे हैं
पानी और निरन्तर विकास
Posted on 30 Aug, 2015 11:23 AM जल परिदृश्य के सर्वेक्षण में लेखक का कहना है कि अब तक इस दिशा में भ
सिर्फ अक्षरज्ञान पर नहीं टिकेगा टिकाऊ विकास
Posted on 28 Aug, 2015 03:25 PM

विश्व साक्षरता दिवस 08 सितम्बर 2015 पर विशेष


वर्ष 2011 की जनगणना मुताबिक 74.04 प्रतिशत भारतीयों को अक्षरज्ञानी कहा जा सकता है। वर्गीकरण करें, तो 82.14 प्रतिशत पुरुष और 65.46 महिलाओं को आप इस श्रेणी में रख सकते हैं। आप कह सकते हैं कि आगे बढ़ने और जिन्दगी की रेस में टिकने के लिये अक्षर ज्ञान जरूरी है।
water
वर्षाजल संरक्षण और उचित प्रबन्धन ही जल संकट का समाधान
Posted on 28 Aug, 2015 10:50 AM जब-जब पानी का अत्यधिक दोहन होता है तब ज़मीन के अन्दर के पानी का उत्
flood due to rainwater
हिमालय
Posted on 28 Aug, 2015 09:38 AM

Himalaya

Himalaya
मनरेगा
Posted on 27 Aug, 2015 04:29 PM पाठ-10
महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम का उद्देश्य

महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी अधिनियम एक ऐसा कानून है, जिसमें ग्रामीण परिवारों के व्यस्क सदस्यों को, जो अकुशल कार्य करने के इच्छुक हों, वित्तीय वर्ष में 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया गया है।
आर्थिक विकास का पर्यावरणीय मूल्यांकन (Environmental Assessment of Economic Growth and Green Audit)
Posted on 27 Aug, 2015 01:46 PM

इस अध्ययन में आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया में पारिस्थितिकीय आधुनिकीकरण का कार्यक्रम अपनाने की

पर्यावरण-अनुकूल खेती (Climate Change Adaptation in Agriculture)
Posted on 27 Aug, 2015 11:48 AM पर्यावरण-अनुकूल खेती ही स्थाई खाद्य और आजीविका सुरक्षा प्रदान कर सक
उपभोक्ता समूह
Posted on 25 Aug, 2015 11:06 AM पाठ-7
जलागम की परियोजना के अन्तर्गत होने वाले प्रत्येक कार्य के लाभार्थियों के अलग-अलग समूह बनाये जायेंगे जिनको उपभोक्ता समूूह के नाम से जाना जायेगा। ये समूह अपने प्रत्येक कार्य के क्रियान्वयन, संचालन एवं देख-रेख के प्रति जिम्मेदार होंगे। सदस्य एक ही उद्देश्य की पूर्ति के लिए संगठित होंगे। एक आदर्श उपभोक्ता समूह में सदस्यों की संख्या 5 से 20 तक हो सकती है।
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