Posted on 30 Apr, 2016 03:16 PM नई दिल्ली 29 अप्रैल 2016 (ब्यूरो) गर्मी के मद्देनजर दिल्ली जल बोर्ड ने उपनगरी द्वारका में पानी की समस्याओं के समाधान के लिये आपातकालीन कंट्रोल रूम बनाने का निर्णय लिया है। इस कंट्रोल रूम में स्टाफ की संख्या दूसरे कंट्रोल रूम की अपेक्षा ज्यादा होगी ताकि पानी से जुड़ी विभिन्न समस्याओं का समाधान जल्दी और बेहतर तरीके से किया जा सके। बोर्ड द्वारा जारी किए गए समर एक्शन प्लान के मुताबिक द्वा
Posted on 30 Apr, 2016 03:06 PM नेपाल में पिछले साल 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकम्प को याद करते ही हमारी रूह काँप जाती है। इस भयंकर त्रासदी को सोमवार (25 अप्रैल) को एक साल हो गया है। वहाँ तबाही के निशान अब भी ताजा हैं। जो लोग बेघर हो गए थे, उन्हें आज तक पक्के मकान नसीब नहीं हुए हैं और उनके सामने रोटी का संकट बना हुआ है। इस त्रासदी में तबाह हुई इस देश की अर्थ व्यवस्था आज तक पटरी पर नहीं लौट सकी है। ऐसे में नेपाल सरकार के स
Posted on 30 Apr, 2016 12:52 PM नई दिल्ली। गर्मी के दौरान दिल्ली में पेयजल के भारी संकट को देखते हुए मंगलवार को जल मंत्री कपिल मिश्रा ने समर एक्शन प्लान 2016 जारी कर दिया है। प्लान के मुताबिक हर लोगों को पानी मिले इसके लिये पुख्ता प्रबन्धन किए गए हैं। सभी प्लांटों के साथ लैबोरेटरीज़ को सभी सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। साथ ही जल बोर्ड के अधिकारियों को हर हाल में लोगों तक पानी की पहुँच सुनिश्चित करने को कहा गया है।
Posted on 30 Apr, 2016 12:38 PM नई दिल्ली @ पत्रिका ब्यूरो सूखे ने देश के आधे से अधिक राज्यों को अपनी चपेट में ले लिया है। इस सूखे का असर जहाँ एक ओर जल संकट के रूप में सामने आया है, वहीं दूसरी ओर इस सूखे ने देश में जल विद्युत के उत्पादन को घटा दिया है। केन्द्रीय विद्युत मंत्रालय ने यह स्वीकार किया है कि सूखे के कारण जल विद्युत उत्पादन घटा है। हालाँकि यह भी सही है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित दस राज्यों में उत्पादन अ
Posted on 30 Apr, 2016 11:08 AM महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना (मनरेगा) भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। दस साल पहले काँग्रेस सरकार ने इस योजना की शुरुआत की। फरवरी-2016 में योजना को दस साल पूरे हो गए। दस साल की उपलब्धियाँ देखें तो लाखों श्रमिकों को इस योजना में रोजगार मिला है। यह बात अलग है कि योजना में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगातार लगते रहे हैं। कहीं अधिकारी जिम्मेदारी के साथ काम नहीं कर रहे हैं
Posted on 30 Apr, 2016 10:05 AM जब देश का बड़ा भूभाग सूखे की चपेट में आ गया हो, तो हम कल्पना कर सकते हैं कि महिलाओं को कितना कष्ट झेलना पड़ रहा होगा। आज सरकारी आँकड़े बता रहे हैं कि देश के 256 जिलों में सूखा पड़ा हुआ है और इससे लगभग 33 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। मीकांग बेसिन, यानी म्यांमार, थाईलैंड, कम्बोडिया, लाओस और वियतनाम बुरी तरह सूखा प्रभावित हैं।
दूसरी ओर भारत में मराठवाड़ा, विदर्भ, बुन्देलखण्ड, उत्तरी कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना में सूखे का कहर है। सबसे बड़ी समस्या तो यह है कि लगातार कई वर्षों से इस स्थिति के चलते खाद्य सुरक्षा प्रभावित है। हम जहाँ यह जानते हैं कि सभी को इसका प्रभाव झेलना पड़ता है, यह स्पष्ट है कि महिलाओं और बच्चों का कष्ट सबसे अधिक होगा, क्योंकि वे कहीं जा नहीं सकते।