दिल्ली

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हरित आच्छादन कार्यक्रम के नये आयाम
Posted on 03 May, 2016 11:41 AM

भारतीय वन सामुदायिक संपत्ति है। इनका सामाजिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक महत्त्व है। इसलिए इनक

डीएनए टेस्टः स्वच्छ भारत मिशन स्वच्छता स्टेटस रिपोर्ट 2016
Posted on 02 May, 2016 04:08 PM
भारत सरकार के स्टेटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन मंत्रालय (एमओएसपीआई- Ministry of Statistics and Programme Implementation) की तरफ से जारी की गई स्वच्छता स्टेट्स रिपोर्ट 2016 के मुताबिक भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का इस्तेमाल का आँकड़ा 95.6 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 98.8 प्रतिशत है।

नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ- National Sample Survey Office) द्वारा भारत में ये सर्वेक्षण मई-जून 2015 के दौरान किया गया जिसमें 73,176 ग्रामीण और 41,538 शहरी घरेलू आबादी को कवर किया गया। भारत के हर राज्य में जाकर लोगों से राय ली गई और आंकड़े जुटाए गए। सिर्फ अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा ही ऐसे राज्य थे जहाँ समय और अन्य सुविधाओं की कमीं के चलते सर्वेक्षण नहीं किया जा सका। यह सर्वे मात्र दो माह में किया गया था हालाँकि विशेषज्ञों के मुताबिक इस प्रकार के किसी भी सर्वेक्षण के लिये यह समय काफी नहीं है क्योंकि इतने कम समय में सही आँकड़े देना सम्भव नहीं है।
वे कचरे को कंचन बनाते हैं
Posted on 02 May, 2016 01:05 PM

कचरा मात्र कचरा नहीं होता, चाहे वह घरेलू हो या औद्योगिक। जिस कूड़े को हम एक बार कचरा पात्र

दिल्ली में सूखे पर पानीदार चर्चा
Posted on 02 May, 2016 09:59 AM


पूरे देश में जब भयंकर सूखा है, पूरा देश जब पानी के संकट से गुजर रहा है, ऐसे समय में सूखे के मुद्दे पर एक पानीदार चर्चा हुई दिल्ली के आईएसआई (इण्डियन सोशल ऑफ इंस्टीट्यूट) में आयोजक थे, ग्राम स्वराज और सीएसई। चर्चा का विषय रखा गया था- चूँकि दिल और दिमाग नहीं सूखा।

छात्र जी डी की विद्रोही स्मृतियाँ
Posted on 01 May, 2016 01:32 PM


स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद - 16वाँ कथन आपके समक्ष पठन, पाठन और प्रतिक्रिया के लिये प्रस्तुत है :

 

नई औद्योगिक नीति एवं पर्यावरण
Posted on 01 May, 2016 12:58 PM

क्रियात्मक स्तर पर, उद्योगों पर नियंत्रण के लिये एक जिम्मेदार और सक्षम पर्यावरण प्रबंधन ग

जल विकास योजना से बनेगी बात
Posted on 01 May, 2016 11:20 AM
वर्ष 1966 और 1967 में भीषण सूखा पड़ा था। लेकिन तब इस तरह का प
कार्रवाई का सूखा
Posted on 30 Apr, 2016 04:10 PM
देश एक बार फिर भयंकर सूखे की चपेट में है। सरकार मान रही है कि 10 राज्यों में सुखाड़ है और कोई 33 करोड़ आबादी के सामने रोजी-रोटी का संकट है। गैर सरकारी स्रोतों के अनुसार 14 राज्यों और 56 करोड़ आबादी इसकी जद में है। जाहिर है कि ये स्थितियाँ मानवीय अस्तित्व पर खतरे और देश की अर्थव्यवस्था के लिये नुकसानदेह हैं। तब जबकि यह स्थिति देश के बड़े हिस्से में सालाना घटित होती है, जो जल संसाधनों के प्
ग्लेशियोलॉजिस्ट प्राकृतिक संरक्षण में कमाई
Posted on 30 Apr, 2016 03:25 PM
क्या आपने कभी बर्फ से भरे इलाके में चलने की कल्पना की है?
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