देहरादून जिला

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टेम्स की तरह संवरेगी रिस्पना और कोसी
Posted on 21 Jul, 2018 12:23 PM


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 22 जुलाई को अपने प्रोजेक्ट ‘रिस्पना पुनर्जीवीकरण’ का शुभारम्भ करेंगे। इसके तहत रिस्पना को सदानीरा बनाने के लिये 2.50 लाख पौधे रोपे जाएँगे। मुख्यमंत्री ने लोगों से इस महाअभियान से जुड़ने का आह्वान किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एक दिन ब्रिटेन की टेम्स नदी की तर्ज पर हम भी अपने राज्य की रिस्पना और कोसी को सँवार लेंगे।

रिस्पना नदी का उद्गम स्थल
दून में भूजल का रिचार्ज कम गिरावट ज्यादा
Posted on 10 Jul, 2018 01:49 PM
केन्द्रीय भूजल बोर्ड के ताजा आँकड़े भूजल की उल्टी गिनती शुरू होने की कहानी बयाँ कर रहे हैं। वर्ष 2006 से 2015-16 के बीच किये गये अध्ययन में पता चला है कि भूजल रिचार्ज होने की दर कम है, जबकि भूजल के रसातल में जाने की दर कहीं अधिक है। दून में मई, अगस्त, नवम्बर और जनवरी में भूजल में अधिकतम रिचार्ज 10.16 मीटर का रहा। जबकि इसके नीचे जाने की दर 14.83 मीटर रही।
water crisis
स्वच्छ सर्वेक्षण, तीन चरण में हुई 4000 अंक की जंग
Posted on 24 Jun, 2018 06:52 PM

स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान शहरों के बीच तीन चरणों में कुल 4000 अंकों के लिये प्रतिस्पर्द्धा हुई। पहले और तीसरे चरण में 1400-1400 और दूसरे चरण में 1200 अंकों पर मूल्याकंन हुआ था। अन्तिम चरण में जनता की राय के 1000 और स्वच्छ एप डाउनलोड करने के 400 अंक दिये जाने हैं। पहले चरण में नगर निगम की कूड़ा निस्तारण की व्यवस्थाओं का दस्तावेजी विवरण दूसरे चरण में व्यवस्थाओं की धरातल पर वास्तविक स्थिति और
स्वच्छ सर्वेक्षण
कहाँ गये 3403 चाल-खाल
Posted on 16 Jun, 2018 02:44 PM


भूजल रिचार्ज करने और अन्य प्राकृतिक जल-स्रोतों में पानी का प्रवाह बनाये रखने के लिये प्रदेशभर में बनाये गये 3403 चाल-खाल का अता-पता नहीं है। ये चाल-खाल वर्तमान में बचे भी हैं या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, इनके रिकॉर्ड जल संस्थान के पास हैं ही नहीं।

चाल-खाल
बारिश से नहीं बुझ रही धरती की प्यास
Posted on 12 Jun, 2018 02:11 PM

हमारा दून किस भविष्य की तरफ बढ़ रहा है। एक ओर पानी के लिये भूजल पर हमारी निर्भरता 90 फीसद तक बढ़ गई है और दूसरी तरफ हम भूगर्भ के भण्डार के पुनर्भरण की तरफ भी ध्यान नहीं दे रहे। भवनों में वर्षा जल संग्रहण के लिये छत पर टैंक निर्माण की बात तो दूर सिस्टम की अनदेखी ने प्राकृतिक रूप से वर्षा जल रिचार्ज की राह भी बाधित कर दी है। एमडीडीए के ट्रांसपोर्ट प्लानर जगमोहन सिंह के ताजा शोध पर गौर करें तो
स्रोतों का 2.2 करोड़ लीटर पानी घटा
Posted on 10 Jun, 2018 02:36 PM

कोई भी सम्पदा कितनी ही अधिक क्यों न हो, यदि उसका संरक्षण न किया जाये तो एक दिन उसे समाप्त होने से कोई नहींं रोक सकता। जल भी ऐसी ही एक सम्पदा है, जिसे संरक्षण के बिना महफूज रख पाना सम्भव नहीं। राज्य गठन से अब तक के 18 साल के अन्तराल की बात करें तो पानी को हमने सिर्फ दोहन का जरिया समझा है। सतह के स्रोत (नदी,झरने) सूखने लगे तो एक पल गँवाए बिना धरती का सीना चीरकर भूजल गटकने लगे। पानी की सिर्फ भोगने

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