देहरादून जिला

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प्रकृति प्रेम : एक माह बाद मनाई जाती है दीपावली
Posted on 13 Dec, 2015 03:30 PM इस क्षेत्र में लोगों की प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण बाबत कितनी सम
जल, जंगल और जमीन का संरक्षण और दोहन विकास के महत्त्वपूर्ण पायदान : हरीश रावत
Posted on 10 Dec, 2015 10:05 AM

उत्तराखण्ड के मौजूदा मुख्यमंत्री हरीश रावत को पंडित नारायण दत्त तिवारी के बाद सबसे अधिक अनुभवी राजनेता माना जाता है। हरीश रावत का मानना है कि इस प्रदेश के विकास की गाड़ी गाँवों से होते हुए ही मंजिल तक पहुँच सकती है। उनका यह भी मानना है कि गाँवों की आर्थिकी सुधारने और शिक्षा तथा चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएँ पहाड़ के गाँवों तक पहुँचाए बिना पलायन रोकना सम्भव नहीं है और इसीलिये उनकी सरकार मैगी

आधुनिक शौचलयों के कारण बिगड़ता पर्यावरण व बढ़ता प्रदूषण
Posted on 17 Nov, 2015 03:42 PM

विश्व शौचालय दिवस, 19 नवम्बर 2015 पर विशेष


मनवजाति तरक्की के साथ-साथ अपने लिये विशेष दिन भी तय कर रही है। अब 19 नवम्बर को ‘विश्व शौचालय’ दिवस है। क्या शौच के बारे में कहना कोई नई बात है? नहीं! परन्तु यदि नई बात है तो शौच और स्वच्छता को लेकर।
Toilet
पानी के अभाव में कुपोषित होते बच्चे
Posted on 13 Nov, 2015 02:40 PM

बाल दिवस, 14 नवम्बर 2015 पर विशेष


1. राजाराम मोहन राय आन्दोलन के कारण बाल विवाह पर रोक लगी।
2. इसके बाद बाल दिवस पर देश भर में चिन्ता व्यक्त की जाती रही।
3. मगर बाल मजदूरी, कुपोषण, गन्दे पानी के सेवन से मौत को गले लगाना जैसी समस्या बच्चों के सामने आये दिन मुँहबाये खड़ी ही नजर आती हैं।
malnutrition in children
दीपावली पर वैज्ञानिक देश में अवैज्ञानिक कारनामें
Posted on 12 Nov, 2015 10:15 AM

देश भर की तरह इस बार उतराखण्ड के 16,000 से भी अधिक गाँवों में दीपावली का जश्न सराबोर है। पहले भी रहा। परन्तु यदि हम सिर्फ-व-सिर्फ उतराखण्ड हिमालय राज्य की बात करें तो शायद देश के अन्य भागों से यहाँ पर त्योहारों को मनाने का तरीका भिन्न हो सकता है।

fireworks
भूस्खलन : बीमारी का स्रोत टिहरी बाँध
Posted on 25 Oct, 2015 09:50 AM

हिमालय में स्थित टिहरी बाँध के अनेक दुष्परिणाम भयावह तौर पर सामने आने लगे हैं। कमजोर व भु

स्वच्छ पर्यावरण पर शौचालय और शहरी सीवेज का भार
Posted on 01 Oct, 2015 02:34 PM स्वच्छता दिवस, 02 अक्टूबर 2015 पर विशेष
village
नदियों का पर्यावरण और वहाँ का जनजीवन
Posted on 27 Sep, 2015 01:02 PM

विश्व नदी दिवस, 27 सितम्बर 2015 पर विशेष


ऊँचे पर्वत शृंखलाओं से बहते पानी का संग्रहण एक नदी के रूप में ही है। जो जीव-जन्तुओं के लिये जीवित रहने का एक प्राकृतिक वरदान माना गया। वैज्ञानिकों ने भी जिन-जिन ग्रहों को खोज निकाला, वहाँ भी जीवन की पहली ही खोज की गई। अलबत्ता जहाँ पानी के संकेत उन्हें मिले तो वहीं जीवन के भी संकेत मिले है।
river
हिमालय के लिये केन्द्र में अलग से मंत्रालय हो
Posted on 21 Sep, 2015 12:03 PM नई दिल्ली, पत्रिका। हम लगातार हिमालय की रक्षा के लिये केन्द्र सरकार से अलग मंत्रालय की माँग कर रहे हैं। इस पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। अलग मंत्रालय होने से हिमालय से जुड़ी तमाम समस्याएँ, जानकारी और कार्यवाही एक ही स्थान पर हो सकेगी। यह बात पर्यावरणविद डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत में कही।
चलो, चले-गाँव की ओर
Posted on 20 Sep, 2015 02:56 PM

‘मेरे गाँव, मेरे तीर्थ’ कार्यक्रम में संघ के लोग उत्तराखण्ड के गाँव से पलायन कर चुके प्रवासियों को साल में एक बार अपने गाँव आने का आग्रह कर रहे हैं। संघ यह कार्यक्रम अपने सामाजिक संगठन ‘उत्तरांचल उत्थान परिषद’ के बैनर तले चला रहा है। जिसमें संघ के कार्यकर्ता प्रवासियों को समझाने की कोशिश कर रहे थे कि वे साल में कम-से-कम एक बार अपने पैतृक गाँव जरूर आएँ। उत्तराखण्ड में गाँव-के-गाँव खाली होने से ज

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