भोपाल जिला

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भोजवेटलैंड (भोपाल ताल) की विशेषताएँ
Posted on 18 Dec, 2017 12:24 PM
भारत के हृदय प्रदेश मध्य प्रदेश के भोपाल नगर में स्थित बड़ी झील और छोटी झील को भोजवेटलैंड के नाम से अन्तरराष्ट्रीय महत्त्व के वेटलैंड के रूप में मान्यता दी गई है।

भोजवेटलैंड का रामसर स्थल क्रमांक 1206 है।
भोजवेटलैंड : इतिहास एवं निर्माण
Posted on 17 Dec, 2017 04:29 PM
भारत के मध्यप्रदेश के भोपाल नगर में स्थित बड़ी और छोटी झील को अन्तरराष्ट्रीय रामसर साइट क्रमांक 1206 के अन्तर्गत भोजवेटलैंड के नाम से अन्तरराष्ट्रीय वेटलैंड के रूप में मान्यता प्रदान की गई है।
वेटलैंड (आर्द्रभूमि) (Wetland)
Posted on 16 Dec, 2017 03:27 PM

वेटलैंड किसे कहते हैं


जलमग्न अथवा आर्द्रभूमि को वेटलैंड कहते हैं। प्राकृतिक अथवा कृत्रिम, स्थायी अथवा अस्थायी, पूर्णकालीन आर्द्र अथवा अल्पकालीन, स्थिर जल अथवा अस्थिर जल, स्वच्छ जल अथवा अस्वच्छ, लवणीय, मटमैला जल- इन सभी प्रकार के जल वाले स्थल वेटलैंड के अन्तर्गत आते हैं। समुद्री जल, जहाँ भाटा-जल की गहराई छः मीटर से अधिक नहीं हो, भी वेटलैंड कहलाता है।
जल और जल-संकट (Water and Water Crisis)
Posted on 16 Dec, 2017 12:30 PM
जल को संस्कृत एवं हिन्दी भाषा में ‘उदान’ तथा ‘उदक’ नाम से भी जानते हैं। उद् का अर्थ है- आर्द्र होना। ‘उद्’ शब्द से ही उद्जन शब्द बना है।
Water
खेतों की मिट्टी हुई कमजोर, बड़े खतरे की घंटी
Posted on 14 Dec, 2017 10:27 AM


मध्यप्रदेश के अधिकांश इलाकों में खेतों की मिट्टी अपनी ताक़त खोती जा रही है। यह पर्यावरण के साथ हमारी खेती के लिये भी बड़े खतरे की घंटी है। लंबे समय से लगातार खेतों में बड़ी तादाद में रासायनिक खादों के इस्तेमाल से अब मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर पड़ती जा रही है।

Soil Health Card
नर्मदा का पानी क्षिप्रा के बाद अब कालीसिंध में भी
Posted on 14 Oct, 2017 04:55 PM


मध्य प्रदेश सरकार ने नर्मदा नदी का पानी क्षिप्रा में प्रवाहित करने के बाद अब कालीसिंध नदी में भी नर्मदा का पानी छोड़े जाने के फैसले को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के साथ ही अगले कुछ महीनों में 1400 करोड़ लागत की इस योजना पर काम भी शुरू हो जाएगा।

कालीसिंध नदी
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा कृषि पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रारम्भ
Posted on 28 Jul, 2017 03:30 PM

विश्वविद्यालय का परिचय


मध्य प्रदेश शासन द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना सन 2011 भोपाल में की गई है। इस विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था साधारण परिषद है जिसके अध्यक्ष प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल भारत सहित सम्पूर्ण विश्व का पहला विश्वविद्यालय है, जो ज्ञान विज्ञान की समस्त शाखाओं के शिक्षण-प्रशिक्षण, प्रकाशन-विस्तार तथा राष्ट्रीय लोक व्यवहार को हिन्दी भाषा में सम्भव तथा सम्पन्न करने के लिये संकल्पित है। हिंदी विश्वविद्यालय की परिकल्पना ऐसे विश्वस्तरीय मानकों के निर्माण करने की है, जिनके आधार पर हमारे शिक्षकों में भी गुणात्मक अध्ययन-अध्यापन एवं शोध की क्षमता में निरन्तर वृद्धि हो सके। यहाँ शिक्षण और प्रशिक्षण की ऐसी प्रविधियों की संरचना की गई है, जिससे गुरू-शिष्य परम्परा के आधार पर व्यावहारिक निपुणताओं को आगे बढ़ाया जा सके तथा योजनाबद्ध शिक्षण, प्रशिक्षण, प्रदर्शन की अत्याधुनिक प्रविधियों, संग्रहण, सर्वेक्षण, अभिलेखीकरण, श्रेष्ठ भाषाविदों के सानिध्य एवं सहयोग से मार्गदर्शन कर सके।
अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा पत्रकारिता पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रारम्भ
Posted on 28 Jul, 2017 03:25 PM

विश्वविद्यालय का परिचय


संचार एक शाश्वत और अनवरत प्रक्रिया है। यह सर्वकालिक व सार्वभौमिक है। यह मानव समाज की अनिवार्य आवश्यकता है। संचारविहीन मानव जीवन की कल्पना भी सम्भव नहीं। संचार मानव विकास का माध्यम भी है और पैमाना भी। संचार का उपयोग वैयक्तिक स्तर, अन्तः वैयक्तिक, समूह और जन के स्तर पर अनेक कारणों से किया जाता है। संचार का उपयोग सन्देश प्रेषित करने, सूचना देने, सीखने-सिखाने, समझने-समझाने, प्रसन्न होने तथा प्रसन्न करने, प्रेरणा देने-लेने जैसे कार्यों के लिये किया जाता है। अटल बिहारी वायपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना मध्य प्रदेश राजपत्र (असाधारण) में दिनांक 19.12.2011 को मध्य प्रदेश अधिनियम क्रमांक 34 सन 2011 द्वारा मध्य प्रदेश की राजधानी, भोपाल में की है। इस विश्वविद्यालय की सर्वोच्च नीति-निर्धारक संस्था साधारण परिषद है, जिसके अध्यक्ष प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री हैं। इसके साथ ही सदस्य के रूप में इस परिषद में उच्च शिक्षा मंत्री, वित्त मंत्री एवं प्रदेश के लगभग सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के माननीय कुलपतिगण शामिल हैं। परिषद में विश्वविद्यालय के कुलपति पदेन सदस्य सचिव हैं।

इस विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा के माध्यम से अध्यापन, प्रशिक्षण तथा ज्ञान की वृद्धि के लिये विज्ञान, साहित्य, कला, वाणिज्य, प्रबन्धन एवं अन्य विधाओं में शोध कार्य किया जा रहा है। हिन्दी भाषा के माध्यम से शिक्षा के विभिन्न अनुशासनों (विषयों) को शिक्षण, शोध व प्रशिक्षण के लिये यह देश व प्रदेश का प्रथम विश्वविद्यालय है।
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