Posted on 15 Oct, 2015 12:21 PMभारत के मानसूनी क्षेत्र में पाया जाने वाला एक सामान्य प्रकार का वृक्ष जो आजकल अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, ‘नीम’ के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘एजारडारेक्टा इन्डिका’ है। एक अनुमान के अनुसार सम्पूर्ण भारत में लगभग डेढ़ करोड़ नीम के वृक्ष उपलब्ध हैं। इस वृक्ष की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि है यह विभिन्न प्रकार के जल
कन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन दिवस, 15 अक्टूबर 2015 पर विशेष
आज के दिन हम जल विवादों को निपटारे पर चर्चा कर रहे हैं, तो हमें जरा सोचना चाहिए कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गंग और हरियाणा में यमुना नहरों से अधिकांश पानी निकाल लेने के कारण इनके निचले हिस्से वालों की सेहत पर कुप्रभाव पड़ता है कि सुप्रभाव?
उत्तराखण्ड के बाँधों द्वारा पानी रोक लेने से उत्तर प्रदेश वाले खुश क्यों नहीं होते? नदी जोड़ परियोजना, ऐसी नाखुशी कोे घटाएगी कि बढ़ाएगी? क्या भारत की गंगा-ब्रह्मपुत्र पर बाँध-बैराज, बांग्ला देश के हित का काम है?
हित-अनहित की गाँठ बनते नदी बाँध
भारत, आज यही सवाल चीन से भी पूछ सकता है। चीन, पहले ही भारत की 43,800 वर्ग किलोमीटर जमीन हथियाए बैठा है।
इंटरनेशनल नेचुरल डिजास्टर रिडक्शन दिवस, 13 अक्टूबर 2015 पर विशेष
13 अक्टूबर अन्तरराष्ट्रीय प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण दिवस है। जब पोर्टल के श्री रमेश ने मुझसे इस मौके पर बाढ़ को विषय बनाकर लेख लिखने का अनुरोध किया, तो सबसे पहला ख्याल यह आया कि क्या वाकई बाढ़, एक आपदा है?
क्या वाकई बाढ़, एक आपदा है?
जवाब आया कि बाढ़, प्राकृतिक होती है और कृत्रिम कारणों से भी, किन्तु यह सदैव आपदा ही हो, यह कहना ठीक नहीं। आपदा के आने का पता नहीं होता; कई नदियों में तो हर वर्ष बाढ़ आती है। पता होता है कि एक महीने के आगे-पीछे बाढ़ आएगी ही; तो फिर यह आपदा कहाँ हुई?