Posted on 17 Jun, 2017 09:33 AM प्रकृति और पर्यावरण को उनकी मूल नैसर्गिक अवस्था में बनाए रखने में वन, आर्दभूमि, पहाड़, समुद्र, मैंग्रोव जैसे पर्यावरण प्रहरी अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। यह स्थिति बने रहना समूची पृथ्वी और इसके बाशिंदों (जिसमें वन्यजीव, पशु-पक्षी, मनुष्य सूक्ष्मजीव आदि सभी आते हैं) के अस्तित्व के लिये अनिवार्य है। हमें यह बात गाँठ बाँध लेनी चाहिये। कुछ संवेदनशील व्यक्तियों ने ऐसा ही किया। प्रकृति और इनके अमूल
Posted on 13 Jun, 2017 04:56 PM पुण्य सलिला गंगा की सफाई को लेकर केंद्र सरकार न केवल गंभीर है बल्कि कई ऐसे कदम उठाए गए हैं कि लगने लगा है कि नमामि गंगे परियोजना सही दिशा में आगे बढ़ रही है। कई बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा चुकी है। गंगा में कई जगह ऊपरी सतह से गंदगी निकालने का काम चल रहा है। ऐसा ही गंगा की सहायक नदियों और यमुना के लिये किया जा रहा है। गंगा को प्रदूषित करने वाली यूनिट्स को बंद करने या हटाने की प्रक्
Posted on 13 Jun, 2017 03:47 PM देश के गाँवों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता की एक नई लहर उठने लगी है। जो काम वहाँ अब तक नहीं हुए थे, वो अब हो रहे हैं। बड़ी तादाद में देश के लाखों गाँव शौचालयों से युक्त हो रहे हैं, सेनिटेशन की एक नई अवधारणा लोगों की समझ में आने लगी है- सबसे बड़ी बात जो दो-तीन वर्षों में हुई है, वो ये है कि लोगों की अच्छी तरह समझ में आ गया है कि खुले में शौच करना किसी भी लिहाज से उचित नहीं। इसी तरह पा
Posted on 13 Jun, 2017 03:30 PM भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने कुछ महीनों पहले भविष्यवाणी की थी कि इस वर्ष इंद्रदेव मेहरबान रहेंगे। 2017 में सामान्य वर्षा होगी। गत सप्ताह विभाग ने नया पूर्वानुमान जारी किया कि इस वर्ष 98 फीसद बारिश होगी। पूर्व में 96 फीसद वर्षा की बात कही गई थी। ध्यान रहे जून से सितम्बर के दौरान 96 फीसद बारिश होने पर उसे सामान्य मानसून माना जाता है। यदि मौसम विभाग की
Posted on 13 Jun, 2017 03:22 PM सदियों से ही आर्कटिक यानी उत्तर ध्रुवीय प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य, रहस्य एवं चुनौती का पर्याय रहा है। लेकिन मनुष्यों के क्रियाकलापों के चलते रहस्य, सौंदर्य एवं चुनौती भरे इस प्रदेश पर आने वाले समय में हिमविहीन होने का खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर हालात यूँ ही बने रहे तो वर्ष 2040 तक आर्कटिक बर्फविहीन हो जाएगा।
Posted on 13 Jun, 2017 12:20 PM अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर परिशुद्धता खेती पिछले दो दशकों में कृषि के क्षेत्र में सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। आज के कृषि सम्बन्धित मुद्दों जैसे उत्पादकता एवं पर्यावरणीय चिन्ताओं का सन्तुलन बनाए रखने के लिये प्रणालीगत दृष्टिकोण का उपयोग करके परिशुद्धता कृषि इस दिशा में एक नया समाधान उपलब्ध कराती है। मिट्टी की उर्वरता और फसल की स्थिति पूरे खेत म
Posted on 13 Jun, 2017 12:00 PM बेंत की लकड़ी से काफी मजबूत तथा टिकाऊ फर्नीचर बनता है। इसके अतिरिक्त बेंत को छीलना तथा पॉलिश करना काफी सरल है। काफी कम समय में तथा कम श्रम में काफी अधिक मात्रा में बेंत के फर्नीचर तैयार किए जा सकते हैं। इस दृष्टि से बेंत एक अत्यन्त उपयोगी एवं बहुमूल्य पौधा है।
Posted on 13 Jun, 2017 11:30 AM ए-12017/4/2015-प्रशासन, भारत सरकार 8वां तल, पंडित दीनदयाल अन्त्योदय भवन (पर्यावरण भवन) सीजीओ कॉम्प्लेक्स, लोधी रोड, नई दिल्ली-110003