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भारत
आज अहम है पर्यावरण रक्षा का सवाल
Posted on 04 Jun, 2017 11:00 AM
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून पर विशेषEnvironment on top priority
![World Environment Day](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/World%20Environment%20Day_7.jpg?itok=6im-DeSL)
तीन साल : गंगा बदहाल
Posted on 01 Jun, 2017 11:28 AM
चार जून - गंगा दशहरा पर विशेषचार जून को गंगा दशहरा है। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी अर्थात गंगा अवतरण की तिथि। कहते हैं कि राजा भगीरथ को तारने गंगा, इसी दिन धरा पर आई थी। जब आई, तो एक चक्रवर्ती सम्राट होने के बावजूद, राजा भगीरथ स्वयं गंगा का पायलट बनकर रास्ते से सारे अवरोध हटाते आगे-आगे चले। गंगा को एक सम्राट से भी ऊँचा सम्मान दिया। धरती पुत्र-पुत्रियों ने गंगा की चरण-वन्दना की; उत्सव मनाया। परम्परा का सिरा पकड़कर हम हर साल गंगा उत्सव मनाते जरूर हैं, किंतु राजा भगीरथ ने जैसा सम्मान गंगा को दिया, वह देना हम भूल गये। उल्टे हमने गंगा के मार्ग में अवरोध ही अवरोध खड़े किए। वर्ष 1839 में गंगा से कमाने की पहला योजना बनने से लेकर आज तक हमने गंगा को संघर्ष के सिवा दिया क्या है? हमने गंगा से सिर्फ लिया ही लिया है। दिया है तो सिर्फ प्रदूषण, किया है तो सिर्फ शोषण और अतिक्रमण।
![Ganga](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Ganga_8_3.jpg?itok=Xkvxftix)
वैज्ञानिक करेंगे सागर मंथन
Posted on 01 Jun, 2017 09:56 AMभारत दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसे गहरे समुद्र में खनन अन्व
![sea](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/sea_9.jpg?itok=Pi7afIhW)
बीटी कॉटन को लेकर फिर से कठघरे में बीज कम्पनियाँ
Posted on 30 May, 2017 03:42 PM
नई दिल्ली, 30 मई (इंडिया साइंस वायर) : लंबे समय तक विवादों में रहे बीटी कॉटन के बीजों की मार्किटिंग में बीज कम्पनियाँ नियमों की घोर अनदेखी कर रही हैं, जिसका सीधा असर फसल उत्पादन के साथ-साथ किसानों की आमदनी पर भी पड़ सकता है। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।
![BT cotton](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/BT%20cotton_3.jpg?itok=f5TQMpvh)
दुष्काल मुक्ति को चाहिए समग्र प्रयास
Posted on 30 May, 2017 01:19 PMआंकड़े कह रहे हैं कि भारत के 32 फीसदी इलाकों में उपयोगी जल की
![famine](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/famine_0_3.jpg?itok=OONWOxdN)
घरेलू दूषित पानी से अब निकलेगी समृद्धि की धार
Posted on 28 May, 2017 01:48 PMपंत विवि के वैज्ञानिकों ने तैयार की गंदे पानी से सिंचाई की तकनीक, बढ़ेगा पौधों का बायोमास, 50 फीसदी तक कम होगा पानी में प्रदूषण
वन प्रबंधन से चमकेगी ग्रामीण भारत की सूरत
Posted on 28 May, 2017 01:40 PMवृक्षारोपण का मतलब सिर्फ गड्ढे खोदने से नहीं है। इसके लिये एक
विनाश की कीमत पर विकास
Posted on 28 May, 2017 01:34 PMअंधाधुंध विकास के फेर में इंसानों ने धरती का पर्यावरण गड़बड़ा दिया। आबोहवा खराब कर दी। शुरुआत विकसित देशों ने की। खामियाजा अब सभी भुगत रहे हैं। दिक्कत यह है कि गरीब देश जब यही जरूरी विकास कर रहे हैं तो उन पर शर्तें और संधियाँ थोपी जा रही हैं। आदिकाल से भारत अपने प्रकृति प्रेम के लिये जाना जाता रहा है। चूँकि अब तेज विकास उसकी बड़ी जरूरत है, लिहाजा पर्यावरण को बचाते हुए विकास के मंत्र उसे भी स
![](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/14217325997_f76b8fdf57_3.jpg?itok=Q75gMWUo)
कितना स्वच्छ : स्वच्छ भारत अभियान
Posted on 28 May, 2017 10:13 AM
गौर कीजिए हर घर में शौचालय हो; गाँव-गाँव सफाई हो; सभी को स्वच्छ-सुरक्षित पीने का पानी मिले; हर शहर में ठोस-द्रव अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था हो - इन्हीं उद्देश्यों को लेकर दो अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। कहा गया कि जब दो अक्तूबर, 2019 को महात्मा गाँधी जी का 150वां जन्म दिवस मनाया जाये, तब तक स्वच्छ भारत अभियान अपना लक्ष्य हासिल कर ले; राष्ट्रपिता को राष्ट्र की ओर से यही सबसे अच्छी और सच्ची श्रृद्धांजलि होगी। इस लक्ष्य प्राप्ति के लिये 62,009 करोड़ का पंचवर्षीय अनुमानित बजट भी तय किया गया था। अब हम मई, 2017 में हैं। अभियान की शुरुआत हुए ढाई वर्ष यानी आधा समय बीत चुका है। लक्ष्य का आधा हासिल हो जाना चाहिए था। खर्च तो आधे से अधिक का आंकड़ा पार करता दिखाई दे रहा है। कितने करोड़ तो विज्ञापन पर ही खर्च हो गये। इस कोशिश में शौचालय तो बढ़े, लेकिन क्या स्वच्छता बढ़ी?
![Sanitation](/sites/default/files/styles/featured_articles/public/hwp-images/Sanitation_0_15.jpg?itok=X8FRvo5g)