बुंदेलखंड (क्षेत्र)

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ਗ੍ਰਾਮੀਣ ਰੀਆਲਿਟੀ ਸ਼ੋਅ- ਚੰਗੇ ਅਮਲ ਨੂੰ ਫੈਲਾਉਣ ਦਾ ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਤਰੀਕਾ
Posted on 28 Jan, 2016 10:50 AM
ਖੇਤੀਬਾੜੀ ਵਿੱਚ ਚੰਗੀਆਂ ਤਕਨੀਕਾਂ ਨੂੰ ਵੱਡੇ ਪੱਧਰ ’ਤੇ ਫੈਲਾਉਣਾ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਇੱਕ ਚੁਣੌਤੀ ਰਹੀ ਹੈ| ਹਾਲਾਂਕਿ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਬੁੰਦੇਲਖੰਡ ਖੇਤਰ ਦੇ ਇੱਕ ਛੋਟੇ ਜਿਹੇ ਪਿੰਡ ਰਾਜਾਵਰ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਰੇਡਿਓ ਦਾ ਉੱਤਮ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਵਿਕਾਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਮੂਹਿਕ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੀ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕ੍ਰਿਆ ਦਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ ਹੈ| ਗ੍ਰਾਮੀਣ ਰਿਆਲਿਟੀ ਸਮੁਦਾਇਕ ਰੇਡਿਓ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਵਿਲੱਖਣ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਪੂਰੇ ਸਮੁਦਾਇ ਤੱਕ ਜ਼ਮੀਨ ਨੂੰ ਉਪਜਾਊ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਤਕਨੀਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸਾਰ ਦਾ ਸ
जल-संरक्षण के लिए समाज आगे आये
Posted on 16 Sep, 2008 11:39 AM

सेव वाटर, सेव लाइफ

save water
मध्यप्रदेश: लोगों की पहुंच से दूर क्यों हो रहा जल,  कैसे होगा जल संकट हल
देश का हदय प्रदेश कहा जाने वाला मध्यप्रदेश जल संकट से जूझ रहा है। प्रदेश में बुन्देलखंड क्षेत्र की पहचान अब सूखे के रूप में हो रही है। बुन्देलखंड का अहम हिस्सा सागर जिला पहाड़ी इलाके के रूप में विद्यमान है। सागर जिले में पानी का संकट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सागर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों की नदियां, कुएं और तालाब सूखते जा रहे हैं। जिससे जिले के कई गाँव में पानी की समस्या गंभीर रूप से मंडरा रही है।  Posted on 02 May, 2024 04:56 PM

जल धरती पर जीवन का आधार है। एक कहावत है कि, जल है तो कल है। यह कहावत दशकों से हमारे जिहन में समायी है। मगर, वास्तव में जल है तो हमारा आज है। यदि जल नहीं होगा तो कल का सवाल ही पैदा नहीं होगा। आज हम जल को उसी तरह तरसने लगे जैसे मछली तरसती है। जल संकट आज दुनियां का एक विकराल सवाल बना गया। जिसका हल समूची दुनियाँ तलाश रही है।

चांदबर गांव में पानी का इंतजार करती महिलाएं और बच्चे
जलमोर्चे पर महिलाएं
जल प्रबंधन में महिलाओं की भूमिका आर्थिक महत्व भी रखती है। पानी के प्रबंधन और प्रशासन में महिलाओं का सशक्त बनाना सामाजिक न्याय का भी एक काम है। यह पानी की परियोजनाओं की कुशलता बढ़ाने और परिवार की अतिरिक्त आमदनी में बढ़ावा करने तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की एक सामरिक जरूरत बन गई है। भारत के राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के आकलन यह बताते हैं कि पानी प्रबंधन और प्रशासन में महिलाओं के भागीदारी अगर अच्छी स्थिति में हो तो गरीबी में 10 से 50% की कमी देखी गई है। Posted on 22 Apr, 2024 12:46 PM

प्रकृति के सभी प्राणियों के जीवन में जल का इतना महत्त्व है कि जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है, जल है तो कल है। हड़प्पा से लेकर यूनान तक दुनिया की सभी प्राचीन सभ्यताएं और नगर नदियों के किनारे बसाए गए और इन सभी में जल संचयन, संग्रहण और प्रबंधन की वैज्ञानिक व्यवस्था के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। जल का महत्त्व समझाने के लिए सभी प्राचीन धार्मिक और अन्य अहम ग्रंथों

जलमोर्चे पर महिलाएं
पानी के लिए अब जरधोबा में नहीं होती लड़ाइयां : पहले था पानी के लिए हाहाकार, अब हर घर में साफ पानी
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर. तक करा दी थी। ऐसे में पानी को लेकर गांव में तनाव बना रहता था। लेकिन पिछले साल जब हर घर नल कनेक्शन के लिए जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना पर काम शुरू किया गया, तब यह उम्मीद जगी कि भविष्य में पानी को लेकर गांव में लड़ाइयां नहीं होगी। आखिरकार यह योजना क्रियान्वित हो गई और अब हर घर में साफ पानी मिलने लगा है। Posted on 26 Apr, 2023 02:08 PM

मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर.

जरधोबा
झांसी के 82 एकड़ के प्राचीन लक्ष्मी-तालाब और 490 एकड़ के नगर-पार्क के अतिक्रमण पर कार्यवाही न करने पर', NGT नाराज
झांसी। सरकार से लगातार अतिक्रमण की शिकायत से थक-हारकर एनजीटी के दरवाजे पर जाना मजबूरी बन गई है। झांसी के एडवोकेट बीएल भाष्कर, गिरजा शंकर राय, नरेन्द्र कुशवाहा की याचिका 165/2021 पर लगातार खेल जारी है। लगभग 82 एकड़ के नगरीय क्षेत्र के प्राचीन लक्ष्मीतालाब और 490 एकड़ के नगर-पार्क की भूमि पर बडे़ पैमाने पर अवैध कब्जे हैं। एनजीटी ने तालाब और नगर-पार्क की भूमि को कब्जामुक्त किये जाने के आदेश दिये थे। एनजीटी के आदेश पर नगर निगम और ‘झांसी विकास प्राधिकरण’ ने कुछ सात धार्मिक स्थलों को चिंहित कर उन्हें नोटिस जारी कर दिया। निजी बिल्डरों की ज़मीन के बारे में कार्रवाई करने की बजाय ‘ प्राचीन धार्मिक स्थलों’ के आड़ में प्राधिकरण अवैध भू-माफियाओं को बचाने में लगा हुआ है। Posted on 04 Jan, 2023 11:56 AM

झांसी। सरकार से लगातार अतिक्रमण की शिकायत से थक-हारकर एनजीटी के दरवाजे पर जाना मजबूरी बन गई है। झांसी के गिरजा शंकर राय, एडवोकेट बी.एल.

सुना है, लक्ष्मी तालाब की सुंदरता पर करोड़ों कर्च हो चुके हैं। फोटो साभार- झांसी फोटोज
अब उन खरे तालाबों की खोज कौन करेगा? 
अनुपम मिश्र या हम सबके प्रिय पमपम पर पाँच साल पहले लिखा गया श्रवण गर्ग का यहआलेख है। अनुपम भी उनके द्वारा तलाशे गए तालाबों की तरह से ही खरे थे। अनुपम ने तो तालाबों को उनके दूर होते हुए भी खोज लिया । हम उन्हें अपने इतने नज़दीक होते हुए भी खोज नहीं पाए। 19 दिसम्बर को अनुपम की पुण्यतिथि थी। Posted on 02 Jan, 2023 12:23 PM

अनुपम मिश्र या हम सबके पमपम अब हमारे बीच नहीं हैं। वे चुपचाप चले गए। अनुपम का जिंदगी को जीने का तरीका भी यही था। टायर के सोल वाली रबर की चप्पल पहनकर जब ये चलते थे तो उनके पैर आवाज नहीं करते थे। अनुपम अपने सारे काम चुपचाप रहकर करते रहते थे। चुप रहकर काम करने को अनुपम ने अपने स्वभाव में कुछ इस तरह से पिरो लिया था कि अपने अंदर की 'तकलीफों को भी उन्होंने और किसी के साथ कभी नहीं बांटा।

अनुपम मिश्र, गांधी शांति प्रतिष्ठान में। फोटो - सिविल सोसाइटी, लक्ष्मण आनंद
ज्यौ पनहरिया भरे कुंआ जल, हांत जोर सिर नावै
Posted on 13 Jun, 2010 11:58 AM

कबीर भजन


जैसे नटिया नट करत है, लंबी सरद पसारें
कुम्भकरन अधर चलत है, ऐसी सादन सादें।
माटी को वरतन बनो है, पानी मिलकर सानों,
विकसजात दिन एक में भैया, क्या राजा क्या रानी।
कहावतें/लोकोक्तियाँ
Posted on 13 Jun, 2010 10:59 AM 1. सेत बरसें खेत भर, कारे बरसें पारे भर।
जब उठें धुआंधारे, तब आंय नदिया नारे।

2. तीतर पारवी बादरी, विधवा काजर देय।
वे बरसे वे घर करें, ईमें नयी सन्देह

3. धूनी दीजे भांग की, बबासीर नहीं होय।
जल में घोलो फिटकरी, शौच समय नित धोय।

4. निन्नें पानी जो पियें, हर्र भूंजके खांय।
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