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बुंदेलखंड (क्षेत्र)
ਗ੍ਰਾਮੀਣ ਰੀਆਲਿਟੀ ਸ਼ੋਅ- ਚੰਗੇ ਅਮਲ ਨੂੰ ਫੈਲਾਉਣ ਦਾ ਇੱਕ ਨਵਾਂ ਤਰੀਕਾ
Posted on 28 Jan, 2016 10:50 AMਖੇਤੀਬਾੜੀ ਵਿੱਚ ਚੰਗੀਆਂ ਤਕਨੀਕਾਂ ਨੂੰ ਵੱਡੇ ਪੱਧਰ ’ਤੇ ਫੈਲਾਉਣਾ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਇੱਕ ਚੁਣੌਤੀ ਰਹੀ ਹੈ| ਹਾਲਾਂਕਿ, ਭਾਰਤ ਦੇ ਬੁੰਦੇਲਖੰਡ ਖੇਤਰ ਦੇ ਇੱਕ ਛੋਟੇ ਜਿਹੇ ਪਿੰਡ ਰਾਜਾਵਰ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਸਮੁਦਾਇਕ ਰੇਡਿਓ ਦਾ ਉੱਤਮ ਪ੍ਰਯੋਗ ਕਰਕੇ ਵਿਕਾਸ ਦੀ ਦਿਸ਼ਾ ਵਿੱਚ ਸਮੂਹਿਕ ਪਰਿਵਰਤਨ ਦੀ ਇੱਕ ਪ੍ਰਕ੍ਰਿਆ ਦਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਕੀਤਾ ਹੈ| ਗ੍ਰਾਮੀਣ ਰਿਆਲਿਟੀ ਸਮੁਦਾਇਕ ਰੇਡਿਓ ਉੱਪਰ ਇੱਕ ਵਿਲੱਖਣ ਇੱਕ ਵਿਅਕਤੀ ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ ਪੂਰੇ ਸਮੁਦਾਇ ਤੱਕ ਜ਼ਮੀਨ ਨੂੰ ਉਪਜਾਊ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਇੱਕ ਤਕਨੀਕ ਦੇ ਪ੍ਰਸਾਰ ਦਾ ਸ
मध्यप्रदेश: लोगों की पहुंच से दूर क्यों हो रहा जल, कैसे होगा जल संकट हल
Posted on 02 May, 2024 04:56 PMजल धरती पर जीवन का आधार है। एक कहावत है कि, जल है तो कल है। यह कहावत दशकों से हमारे जिहन में समायी है। मगर, वास्तव में जल है तो हमारा आज है। यदि जल नहीं होगा तो कल का सवाल ही पैदा नहीं होगा। आज हम जल को उसी तरह तरसने लगे जैसे मछली तरसती है। जल संकट आज दुनियां का एक विकराल सवाल बना गया। जिसका हल समूची दुनियाँ तलाश रही है।
जलमोर्चे पर महिलाएं
Posted on 22 Apr, 2024 12:46 PMप्रकृति के सभी प्राणियों के जीवन में जल का इतना महत्त्व है कि जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है, जल है तो कल है। हड़प्पा से लेकर यूनान तक दुनिया की सभी प्राचीन सभ्यताएं और नगर नदियों के किनारे बसाए गए और इन सभी में जल संचयन, संग्रहण और प्रबंधन की वैज्ञानिक व्यवस्था के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। जल का महत्त्व समझाने के लिए सभी प्राचीन धार्मिक और अन्य अहम ग्रंथों
पानी के लिए अब जरधोबा में नहीं होती लड़ाइयां : पहले था पानी के लिए हाहाकार, अब हर घर में साफ पानी
Posted on 26 Apr, 2023 02:08 PMमध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से सटे जरधोबा गांव एक साल पहले तक जल संकट से जुझ रहा था। गर्मी के दिनों में पानी को लेकर यहां मारपीट हो जाती थी। कुछ मामलों में ग्रामीणों ने एक-दूसरे के खिलाफ एफ.आई.आर.
झांसी के 82 एकड़ के प्राचीन लक्ष्मी-तालाब और 490 एकड़ के नगर-पार्क के अतिक्रमण पर कार्यवाही न करने पर', NGT नाराज
Posted on 04 Jan, 2023 11:56 AMझांसी। सरकार से लगातार अतिक्रमण की शिकायत से थक-हारकर एनजीटी के दरवाजे पर जाना मजबूरी बन गई है। झांसी के गिरजा शंकर राय, एडवोकेट बी.एल.
अब उन खरे तालाबों की खोज कौन करेगा?
Posted on 02 Jan, 2023 12:23 PMअनुपम मिश्र या हम सबके पमपम अब हमारे बीच नहीं हैं। वे चुपचाप चले गए। अनुपम का जिंदगी को जीने का तरीका भी यही था। टायर के सोल वाली रबर की चप्पल पहनकर जब ये चलते थे तो उनके पैर आवाज नहीं करते थे। अनुपम अपने सारे काम चुपचाप रहकर करते रहते थे। चुप रहकर काम करने को अनुपम ने अपने स्वभाव में कुछ इस तरह से पिरो लिया था कि अपने अंदर की 'तकलीफों को भी उन्होंने और किसी के साथ कभी नहीं बांटा।
ज्यौ पनहरिया भरे कुंआ जल, हांत जोर सिर नावै
Posted on 13 Jun, 2010 11:58 AMकबीर भजन
जैसे नटिया नट करत है, लंबी सरद पसारें
कुम्भकरन अधर चलत है, ऐसी सादन सादें।
माटी को वरतन बनो है, पानी मिलकर सानों,
विकसजात दिन एक में भैया, क्या राजा क्या रानी।
कहावतें/लोकोक्तियाँ
Posted on 13 Jun, 2010 10:59 AM1. सेत बरसें खेत भर, कारे बरसें पारे भर।जब उठें धुआंधारे, तब आंय नदिया नारे।
2. तीतर पारवी बादरी, विधवा काजर देय।
वे बरसे वे घर करें, ईमें नयी सन्देह
3. धूनी दीजे भांग की, बबासीर नहीं होय।
जल में घोलो फिटकरी, शौच समय नित धोय।
4. निन्नें पानी जो पियें, हर्र भूंजके खांय।