वॉटर एड

वॉटर एड
प्रशासनिक स्तर में क्लोरीनीकरण
Posted on 23 Jun, 2010 12:19 PM
छने हुए पानी में बचे हुए जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए आवश्यक क्लोरीन गैस मिलाते हैं। आवश्यक अवशेष क्लोरीन से ज्यादा मात्रा की आवश्यकात होती है जिससे कि क्लोरीन की पर्याप्त मात्रा प्रत्येक जगह पहुँच सके। कुल क्लोरीन की मात्रा वह मात्रा है जो जीवाणुओं को नष्ट करने एवं वितरण के समय आवश्यक होती है जिससे कि रास्ते में पानी संक्रमित न हो सके।

स्वच्छ पानी के जलाशय/वितरण प्रणाली

पेयजल उपचार के अन्य उपाय
Posted on 23 Jun, 2010 12:17 PM

सूर्य किरण के साथ सम्पर्क


PET बोतल में किसी नदी या कुंए का पानी भरकर ढक्कन बन्द करके सूर्य की रोशनी में रख देते हैं।

370C से 450 C ताप उपयुक्त होता है। तीन घण्टे तक सूर्य के प्रकाश में रखने पर 95% तथा 6 घण्टे तक रखने पर 100% हानिकारक जीवाणु नष्ट हो जाते हैं।

ताम्बे के बर्तन का उपयोग

कुंआँ में क्लोरीन उत्पाद डालने की प्रयोग विधि
Posted on 23 Jun, 2010 12:14 PM
यह देखा गया है कि कुंए के 1 ली. पानी को रोगाणु रहित करने के लिए 4 mg ब्लीचिंग पाउडर पर्याप्त होता है जो कि समस्त सूक्ष्म जीवों को नष्ट करता है तथा 0.2-0.5 अवशेष क्लोरीन छोड़ता है। 25% उपस्थित क्लोरीन वाले ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग करना चाहिए।

पानी का आयतन (ली. में) 3.14 x (व्यास)2 x पानी के ऊँचाई x 1000/4
पेयजल को रोगाणुरहित बनाने के घरेलू उपाय
Posted on 23 Jun, 2010 12:11 PM

उबालना



कम मात्रा के पानी तथा घरेलू उपयोग में लाये जाने वाले पानी को रोगाणु रहित करने के लिए पानी को उबालना एक अच्छा तरीका है। यह अधिक मात्रा में पानी के लिए सस्ता तरीका नहीं है। पानी को अच्छी तरह से उबालने के लिए एक प्रबल उष्मा स्रोत की जरूरत होती है।
जल उपचार की विधियाँ / उपाय
Posted on 23 Jun, 2010 12:09 PM
जल उपचार के लिए घरेलू स्तर पर उपयोग के लिए छन्ने (Filter)

छन्ने को बनाने में उपयोगी सामग्री तथा उनके गुणः

विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का उपयोग जल को छानने में किया जा सकता है। साधारणतया सूक्ष्म रेत (0.3mm) का उपयोग छानने में किया जाता है। ग्रैवल रेत के सहारे सूक्ष्म रेत का उपयोग भी किया जा सकता है। जिसमें निम्नवत गुण होने चाहिएः
जल गुणवत्ता अनुमापन
Posted on 23 Jun, 2010 12:00 PM
जल के परीक्षण का मुख्य उद्देश्य जल की गुणवत्ता का आंकलन करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल स्वच्छ है।

नमूना लेने के स्थान का चयन
किसी स्थान से नमूना लेने से पहले उस स्थान की पूर्व जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है। नदी अथवा नहर के पानी का नमूना इस प्रकार लेना चाहिए कि वह उस पानी के प्रदूषण की पूरी दशा को दर्शायें।
पेयजल की गुणवत्ता मापन
Posted on 23 Jun, 2010 11:37 AM
पेयजल के भौतिक एवं रासायनिक परिक्षणों के अतिरिक्त उन जल श्रोतों का स्वास्थ्य सम्बंधी सर्वेक्षण करना भी अति आवश्यक है, जहाँ से जल आता है।

पेयजल के परीक्षण का मुख्य उद्देश्य पेयजल की गुणवत्ता का आंकलन करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जल पीने के योग्य है अथवा नहीं।

स्वास्थ्य सम्बंधी सर्वेक्षण के मुख्य कारण निम्न हैः-
प्रदूषण उत्पन्न करने वाले कारक
Posted on 23 Jun, 2010 11:35 AM
• प्राकृतिक कारक

• मानवीय कारक

प्राकृतिक कारक


• भू-तलीय-किसी भी क्षेत्र में होने वाली वर्षा के सतही बहाव व उसके द्वारा नदी में पहुँचने वाले सेडीमेन्ट्स के लिए भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण हैं।

• जल ग्रहण की आकृति।

• जल ग्रहण का आकार।
जल
Posted on 23 Jun, 2010 11:32 AM
पानी के मुख्यता दो स्रोत हैं। धरती की सतह पर बहने वाला पानी जैसे नदी, नाले, झरने, तालाब इत्यादि, तथा धरती के नीचे पाये जाने वाला पानी अर्थात भूजल, जैसे कुएँ, हैण्डपम्प इत्यादि का जल। सतही पानी की गुवत्ता मौसम, मिट्टी के प्रकार तथा आस-पास की प्रकृति पर निर्भर करती है। सामान्यता नदी नालों का पानी तब प्रदूषित होता है जब वह घनी आबादी के क्षेत्रों या कारखानों के इलाकों से होकर गुजरता है। भूजल के प्रदूष
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