यह देखा गया है कि कुंए के 1 ली. पानी को रोगाणु रहित करने के लिए 4 mg ब्लीचिंग पाउडर पर्याप्त होता है जो कि समस्त सूक्ष्म जीवों को नष्ट करता है तथा 0.2-0.5 अवशेष क्लोरीन छोड़ता है। 25% उपस्थित क्लोरीन वाले ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग करना चाहिए।
पानी का आयतन (ली. में) 3.14 x (व्यास)2 x पानी के ऊँचाई x 1000/4
आवश्यक ब्लीचिंग पाउडर (ग्राम में) = पानी का आयतन (ली. में) x 4/1000
• बाल्टी 2
• ब्लीचिंग पाउडर
• कांच की छड़ी
• आवश्यक ब्लीचिंग पाउडर की मात्रा को बाल्टी में लेते हैं।
• कम से कम पानी मिला कर कांच की छड़ की सहायता से सानते हैं।
• कुएं से बाल्टी में पानी डालते हैं।
• मिश्रित करके अवसादित होने के लिए छोड़ देते हैं।
• अवसादन हो जाने के बाद वि. के ऊपरी भाग को दूसरी बाल्टी में डालते हैं।
• अब दूसरी बाल्टी के वि. को कुएं में डाल देते हैं।
• कुंए के पानी को हिलाते हैं।
• 30 मिनट के बाद अवशेष क्लोरीन की मात्रा की गणना करते हैं तथा फिर पानी का उपयोग पीने के लिए किया जा सकता है।
यदि कुआं पानी का मुख्य स्रोत है तो कम मात्रा की बजाय पूरे पानी का क्लोरीनीकरण करना चाहिए।
(1) एक बर्तन विधि
• 7-10 ली. क्षमता वाला एक मिट्टी का बर्तन लेते है।
• बर्तन की तली में तीन छोटे-छोटे छेद (छोटी उंगली के बराबर) करते हैं।
• बर्तन का आधा भाग बड़े-बड़े कंकड़ से भरते हैं ।
• कंकड़ के ऊपर ग्रैवल कंक्ड़ों की एक सतह बिछाते हैं।
• एक भाग ब्लीचिंग पाउडर तथा दो भाग रेत का मिश्रण बनाकर ग्रैवल कंक्ड़ की सतह के ऊपर भरते है। इसे लगभग ऊपरी सतह के ऊपर भरते है। इसे लगभग ऊपरी सतह तक भरना चाहिए तथा कुछ स्थान कंकड़ डालने के लिए छोड़ देना चाहिए।
• बर्तन की गर्दन तक कंक्ड़ भरते हैं।
• बर्तन को अच्छी तरह रस्सी से बांधते हैं जिससे इसे आसानी से लटकाया जा सके।
चित्रबर्तन के मुख को खुला रखते हुए इसे कुंए के अन्दर पानी में लटकाते हैं। यदि बर्तन में 1.5 कि. ग्रा. ब्लीचिंग पाउडर हो तो यह लगभग एक सप्ताह तक कुंए को शुद्ध रख सकता है जबकि कुंए से 1000-1200 ली. पानी प्रति दिन निकलता है।
• प्लास्टिक अथवा मिट्टी के बने हुए एक छोटा तथा एक बड़ा बर्तन लेते हैं।
• 1 कि.ग्रा. ब्लीचिंग पाउडर तथा 2 कि. ग्रा. मोटी रेत का मिश्रण बनाते हैं।
• इस मिश्रण को छोटे वाले बर्तन में भरते हैं। इसमें एक ढक्कन होना चाहिए जो कि कुंए में ठहर सके।
• छोटे वाले बर्तन के ऊपरी कोने में छेद करते हैं।
• बड़े वाले बर्तन में उसी तरफ नीचे की ओर छेद करते हैं।
• छोटे बर्तन को बड़े बर्तन के अन्दर रखते है तथा बड़े बर्तन का छेद पतले कपड़े से ढंकते हैं। अब इसे कुंए में लटकाते हैं।
• यह विधि 2-3 सप्ताह के लिए पर्याप्त है यदि कुंए से 400-500 ली. पानी प्रतिदिन निकलता हो तथा कुंए की क्षमता 4500 ली. हो।
पानी का आयतन (ली. में) 3.14 x (व्यास)2 x पानी के ऊँचाई x 1000/4
आवश्यक ब्लीचिंग पाउडर (ग्राम में) = पानी का आयतन (ली. में) x 4/1000
आवश्यक सामग्री
• बाल्टी 2
• ब्लीचिंग पाउडर
• कांच की छड़ी
प्रयोग विधि
• आवश्यक ब्लीचिंग पाउडर की मात्रा को बाल्टी में लेते हैं।
• कम से कम पानी मिला कर कांच की छड़ की सहायता से सानते हैं।
• कुएं से बाल्टी में पानी डालते हैं।
• मिश्रित करके अवसादित होने के लिए छोड़ देते हैं।
• अवसादन हो जाने के बाद वि. के ऊपरी भाग को दूसरी बाल्टी में डालते हैं।
• अब दूसरी बाल्टी के वि. को कुएं में डाल देते हैं।
• कुंए के पानी को हिलाते हैं।
• 30 मिनट के बाद अवशेष क्लोरीन की मात्रा की गणना करते हैं तथा फिर पानी का उपयोग पीने के लिए किया जा सकता है।
कुओं में क्लोरीनीकरण करने की विधियां
यदि कुआं पानी का मुख्य स्रोत है तो कम मात्रा की बजाय पूरे पानी का क्लोरीनीकरण करना चाहिए।
(1) एक बर्तन विधि
• 7-10 ली. क्षमता वाला एक मिट्टी का बर्तन लेते है।
• बर्तन की तली में तीन छोटे-छोटे छेद (छोटी उंगली के बराबर) करते हैं।
• बर्तन का आधा भाग बड़े-बड़े कंकड़ से भरते हैं ।
• कंकड़ के ऊपर ग्रैवल कंक्ड़ों की एक सतह बिछाते हैं।
• एक भाग ब्लीचिंग पाउडर तथा दो भाग रेत का मिश्रण बनाकर ग्रैवल कंक्ड़ की सतह के ऊपर भरते है। इसे लगभग ऊपरी सतह के ऊपर भरते है। इसे लगभग ऊपरी सतह तक भरना चाहिए तथा कुछ स्थान कंकड़ डालने के लिए छोड़ देना चाहिए।
• बर्तन की गर्दन तक कंक्ड़ भरते हैं।
• बर्तन को अच्छी तरह रस्सी से बांधते हैं जिससे इसे आसानी से लटकाया जा सके।
चित्रबर्तन के मुख को खुला रखते हुए इसे कुंए के अन्दर पानी में लटकाते हैं। यदि बर्तन में 1.5 कि. ग्रा. ब्लीचिंग पाउडर हो तो यह लगभग एक सप्ताह तक कुंए को शुद्ध रख सकता है जबकि कुंए से 1000-1200 ली. पानी प्रति दिन निकलता है।
दो बर्तन विधि
• प्लास्टिक अथवा मिट्टी के बने हुए एक छोटा तथा एक बड़ा बर्तन लेते हैं।
• 1 कि.ग्रा. ब्लीचिंग पाउडर तथा 2 कि. ग्रा. मोटी रेत का मिश्रण बनाते हैं।
• इस मिश्रण को छोटे वाले बर्तन में भरते हैं। इसमें एक ढक्कन होना चाहिए जो कि कुंए में ठहर सके।
• छोटे वाले बर्तन के ऊपरी कोने में छेद करते हैं।
• बड़े वाले बर्तन में उसी तरफ नीचे की ओर छेद करते हैं।
• छोटे बर्तन को बड़े बर्तन के अन्दर रखते है तथा बड़े बर्तन का छेद पतले कपड़े से ढंकते हैं। अब इसे कुंए में लटकाते हैं।
• यह विधि 2-3 सप्ताह के लिए पर्याप्त है यदि कुंए से 400-500 ली. पानी प्रतिदिन निकलता हो तथा कुंए की क्षमता 4500 ली. हो।
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