नमूना लेने के स्थान का चयन
किसी स्थान से नमूना लेने से पहले उस स्थान की पूर्व जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है। नदी अथवा नहर के पानी का नमूना इस प्रकार लेना चाहिए कि वह उस पानी के प्रदूषण की पूरी दशा को दर्शायें।
पानी को एकत्र करना व खराब होने से बचाना
नमूना परीक्षण के परिणाम तभी सही आते हैं जब नमूने को सही प्रकार से लिया जाये एवं खराबी से बचाया जाता है।
नमूना लेने की आवृति
नमूने की मात्रा व आवृति प्रदूषण के स्रोत पर निर्भर करती है। नमूना एकत्रण इस बात पर भी निर्भर करता है कि प्रदूषण मापन का उद्देश्य क्या है।
प्रदूषण मापन की इकाइयों का चयन
प्रदूषण मापन की इकाइयों का चयन, प्रदूषण पर तथा प्रदूषण स्थान पर पड़ता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि पानी का स्रोत क्या है।
पानी की गुणवत्ता अनुमापन एवं प्रबन्धनपरीक्षण
जल के विश्लेषण के लिए जरूरी बातें
पानी के स्रोत
पानी के मुख्यता दो स्रोत हैं। धरती की सतह पर बहने वाला पानी जैसे नदी. नाले, झरने, तालाब इत्यादि, तथा धरती के नीचे पाये जाने वाला पानी अर्थात भूजल, जैसे कुएँ, हैण्डपम्प इत्यादि का जल। सतही पानी की गुणवत्ता मौसम, मिट्टी के प्रकार तथा आस-पास की प्रकृति पर निर्भर करती है। सामान्यता नदी नालों का पानी तब प्रदूषित होता है जब वह घनी आबादी के क्षेत्रों या कारखानों के इलाकों से होकर गुजरता है। भूजल के प्रदूषण की सम्भावनायें कम होती हैं, परन्तु कभी-कभी भूमि पर पड़े हुए कचरे या गंदा पानी धीरे-धीरे धरती में से होता हुआ भूजल तक पहुँच कर उसे प्रदूषित कर देता है। भूमिगत चट्टानों से फ्लोराइड तथा आर्सेनिक के रिसने के कारण कई क्षेत्रों में भूजल दूषित हो गया है।
नमूने लेने के स्थान का चयन
किसी स्थान से नमूना लेने से पहले उस स्थान की पूर्व जानकारी होना अत्यन्त आवश्यक है। जैसे कि उस स्थान का एक संक्षिप्त नक्शा, पानी का बहाव, पानी के प्रदूषण का स्रोत, उस पानी का इस्तेमाल, आस-पास का वातावरण तथा आबादी, इत्यादि।
नदी अथवा नहर के पानी का नमूना इस प्रकार से लेना चाहिए कि उस पानी के प्रदूषण की पूरी दशा को दर्शाया जा सके। जब कोई नदी या नहर किसी फैक्टरी या और किसी स्रोत के कारण प्रदूषित हो जाती है तो नमूना नदी में उस गन्दगी से पहले और बाद की जगह से लेना चाहिए। इससे प्रदूषण की पूरी स्थिति का पता चल जाता है, साथ में तुलनात्मक आंकडे भी प्राप्त हो जाते हैं।
नमूना एकत्र करना व खराब होने से बचाना
नमूना परीक्षण का परिणाम तभी आते हैं जब नमूने को सही प्रकार से लिया जाये एवं खराबी से बचाया जाता है। अधिक जानकारी के लिए तालिका 3 देखें।
यदि नमूना का परीक्षण समय पर न किया जा सके तो उसे खराब होने से बचाने के लिए उसमें कुछ रसायनिक पदार्थ डाले जाते हैं और नमूने को एक निश्चित तापमान पर कुछ समय के लिए रखा जा सकता है। पानी का तापमान व पी.एच. जैसी इकाईयां नमूना लेने के स्थान पर ही नापी जाती है।
नमूना लेने की आवृति
नमूने की मात्रा व आवृति प्रदूषण के स्रोत पर निर्भर करती है। नमूना एकत्रण इस बात पर भी निर्भर करता है कि प्रदूषण मापन का मकसद क्या है। जैसे पीने के पानी में जीवाणुओ की जाँच के लिए नमूना हफ्ते में एक बार उसी स्थान से लेना चाहिए और यह प्रयोग एक साल तक करना चाहिए। एक स्थान से कितने नमूने लिए जाये यह उस स्थान के प्रदूषण की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि किसी स्थान के प्रदूषण की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि किसी स्थान के प्रदूषण की मोटे तौर पर जांच करनी हो तो साल में तीन-तीन महीने के अन्तराल पर परीक्षण किया जा सकता है। पूरी जानकारी के लिए तालिक-2 देखें।
पानी का नमूना लेने के लिए आवश्यक सावधानियाँ
• एक सैम्पलिंग स्थान दूसरे सैम्पलिंग स्थान से इतना दूर होना चाहिए कि वहाँ पानी के गुण में परिवर्तन आया हो।
• रूके हुए या सड़े हुए पानी का नमूना नहीं लेना चाहिए।
• नदी या नहर से पानी लेते समय बोतल को हमेशा पानी के बहाव के विपरीत दिशा में रखना चाहिए।
• हैण्डपम्प या नल से नमूना लेने से पहले ठहरा हुआ पानी निकालने के लिए नल को पांच मिनट तक चलाते रहना चाहिए।
• जीवाणुओं का परीक्षण करने के लिए नमूना हमेशा कांच की बोतल में लेना चाहिए और बोतल में ऊपर थोड़ी जगह छोड़नी चाहिए।
• नमूना की बोतल पर हमेशा एक चिट लगानी चाहिए जिस पर दिनांक, स्थान, समय, स्रोत, आस-पास के वातावरण का विवरण तथा नमूना लेने वाले का नाम होना चाहिए।
• नमूना की बोतल हमेशा साफ होनी चाहिए।
मापन हेतु कारकों (Parameters) का चयन
कारकों (Parameters) का चयन, जल स्रोत के प्रकार एवं उसके उपयोग तथा उसके आस-पास के क्षेत्रों प्रदूषण के स्रोत पर निर्भर करता है।
तालिका – 1
क्र. | कारक (Parameter) | नमूना लेने का पात्र | परीक्षण | अधिकतम समय तक रखने की सीमा |
1 | तापमान | प, क | तुरन्त करें | - |
2 | रंग | प, क | फ्रिज में रखें | 48 घण्टे |
3 | पी.एच. | प, क | तुरन्त करें | 2 घण्टे |
4 | पानी की क्षारीयता | प, क | फ्रिज में रखें | 24 घण्टे |
5 | पानी की कठोरता | प, क | 1 मिली. सान्द्र नाइट्रिक अम्ल/लि. में डालें | 6 महीने |
6 | क्लोराइड | - | - | - |
7 | फ्लोराइड | प | - | 28 दिन |
8 | नाइट्रेट | प, क | 1 मिली. सान्द्र नाइट्रिक अम्ल/लि. में डालें | 48 घण्टे |
9 | रेसिजुअल क्लोरीन | प, क | तुरन्त करें फ्रिज में – 100C | 30 मिनट |
10 | कोलीफार्म | क | फ्रिज में रखें | 6 घण्टे |
प – प्लास्ठिक की बोतल
क – कांच की बोतल
तालिका – 2 : परीक्षण की आवृति
क्र. | कारक | आवृति |
1 | तापमान | अ |
2 | रंग | अ |
3 | पी. एच. | अ |
4 | पानी की क्षारीयता |
|
5 | पानी की कठोरता | ब |
6 | घुलित लौह कण | ब |
7 | क्लोराइड | ब |
8 | फ्लोराइड | ब |
9 | नाइट्रेट | ब |
10 | कोलीफार्म | अ |
अ – हफ्ते या 15 दिन की आवृति में परीक्षण करना
ब – तीन महीने में एक बार या दो बार परीक्षण करना
तालिका – 3 : जल गुणवत्ता जाँच के कारक
क्र. | कारक (Parameter) | भूजल | नदियों, झरनों का पानी | नल में आने वाला पानी |
1 | तापमान | नहीं | हाँ | नहीं |
2 | रंग | हाँ | हाँ | हाँ |
3 | पी.एच. | हाँ | हाँ | हाँ |
4 | पानी की कठोरता | हाँ | नहीं | नहीं |
5 | घुलित लौह कण | हाँ | नहीं | हाँ |
6 | क्लोराइड | हाँ | हाँ | नहीं |
7 | फ्लोराइड | हाँ | हाँ | हाँ |
8 | नाइट्रेट | हाँ | हाँ | नहीं |
9 | पानी में घुलित आक्सीजन | नहीं | हाँ | नहीं |
10 | कोलीफार्म | हाँ | हाँ | हाँ |
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