उबालना
कम मात्रा के पानी तथा घरेलू उपयोग में लाये जाने वाले पानी को रोगाणु रहित करने के लिए पानी को उबालना एक अच्छा तरीका है। यह अधिक मात्रा में पानी के लिए सस्ता तरीका नहीं है। पानी को अच्छी तरह से उबालने के लिए एक प्रबल उष्मा स्रोत की जरूरत होती है।
पानी को गर्म करने के लिए स्टोव, लकड़ी या दोनों में आसान गैस चूल्हों का उपयोग किया जा सकता है। साफ तथा धातु या अन्य पदार्थों से बने बर्तन जो कि गर्म करने पर न पिघलने का उपयोग पानी को उबालने में किया जा सकता है।
उबालने से पानी में उपस्थित रोगाणु नष्ट होते हैं तथा साथ में पानी की अस्थाई कठोरता भी कम होती है। (कार्बन डायऑक्साइड निकलती है तथा कैल्शियम कार्बोनेट अवसादित हो जाता है) उबाला हुआ पानी ठंडा करने के तुरन्त बाद उपयोग कर लेना चाहिए क्योंकि यह पुनः संक्रमित हो सकता है।
विधि
• छन्ने में पानी को कुछ देर के लिए रखते हैं जिससे कि बड़े कण तली में बैठ जाते हैं।
• बर्तन के ऊपर से पानी को स्वच्छ उबालने वाले बर्तन में डालते हैं।
• पानी को कम से कम दो मिनट तक अच्छी तरह उबालते हैं।
• पर्वतीय या ऊँचे स्थानों में पानी को कम से कम पांच मिनट तक उबालना चाहिए।
• खराब स्वाद हटाने के लिए पानी को कुछ घण्टे के लिए छोड़ देते हैं अथवा एक साफ बर्तन से कुछ मिनट के लिए ढंक देते हैं।
• शोधित पानी को उपयोग से पहले एक बन्द बर्तन में रखते हैं।
• एक ली. पानी उबालने के लिए 1 कि.ग्रा. ईंधन की आवश्यकता होती है।
दोष
अधिक पानी शोधन के लिए यह एक महंगी विधि है।
क्लोरीनीकरण
क्लोरीनीकरण एक प्रभावी ऑक्सीकारक है। पूरे विश्व में पानी को शुद्ध करने का क्लोरीनीकरण अच्छा तरीका है। इसके उत्पादों को सरल, सुगम और उपलब्धता, सस्ते एवं प्रभावी होने के कारण बड़े पैमाने तथा घरेलू स्तर में पानी के रोगाणुओं को नष्ट करने का एक उत्तम तरीका है। यह जीवाणुओं के कोशिका दीवार को भेदकर उनके जीवद्रव्य को नष्ट करता है। कई प्रकार के क्लोरीनीकरण पदार्थ उपलब्ध है जिनमें ब्लीचिंग पाउडर प्रमुख हैं।
प्रायः प्रयोग में लाये जाने वाले क्लोरीन उत्पाद निम्न प्रकार हैः
• ब्लीचिंग पाउडर
• क्लोरीन की गोली
• सोडियम हाइपोक्लोराइट
प्रभावी तरीके से रोगाणु नष्ट करने के लिए क्लोरीन की मात्रा, प्रभावी सम्पर्क समय तथा अवशेष क्लोरीन की जानकारी होनी चाहिए। अवशेषी क्लोरीन, क्लोरीन की वह मात्रा है जो निश्चित समयतक पानी के सम्पर्क में रहने के बाद बचती है। एक तरफ अवशेष क्लोरीन शुद्धिकरण प्रक्रिया के पूरे होने का आभास, संचय करने एवं आवागमन के समय संक्रमण से रोकती है तथा दूसरी तरफ यदि इसकी सान्द्रता 0.2ppm से अधिक हो तो हानिकारक प्रभाव डाल सकती है इसलिए क्लोरीन की उचित मात्रा का उपयोग करना चाहिए। कार्बनिक अशुद्धियों से बचने के लिए क्लोलीनीकरण से पहले पानी को छानना तथा संकलित करना चाहिए। गन्दे या कार्बनिक अशुद्धियों युक्त पानी में क्लोरीनीकरण नहीं करना चाहिए क्योंकि मुक्त क्लोरीन कार्बनिक पदार्थों से क्रिया करके हानिकारक क्लोरोकार्बनिक यौगिक (थायोमेथेन्स) बनाता है जिससे कैन्सर हो सकता है।
क्लोरीन के उत्पाद यदि मुँह, आँखों आदि में लगने पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं। घरेलू उपयोग में आने वाले ब्लीचिंग पाउडर में 5% क्लोरीन होती है। सामान्य ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग करना चाहिए और इसे सफाई कार्यों में उपयोग किये जाने वाले पदार्थों से दूर रखना चाहिए।
जल में क्लोरीनीकरण से लाभ
• जीवाणुओं को नष्ट करने में अत्धिक प्रभावी
• अधिक मात्रा हो जाने पर अवशेष क्लोरीन के रूप में आसानी से पहचानी जा सकती है
• सस्ती
• सुगम उपलब्धता
• उपयोग में आसानी/सुगमता से घुलना
दोष
कार्बनिक अशुद्धियों की उपस्थिति में यह हानिकारक ट्राइहैलोमेथेन्स बनाती है जिससे कि कैन्सर हो सकता है। अतः शोधित होने वाले पानी में कार्बनिक अशुद्धियां नहीं होनी चाहिए।
• असहनीय स्वाद एवं गन्ध
• कम से कम 20 मिनट सम्पर्क समय की अनिवार्यता
• पानी में जन्मे रोगाणु जैसे सिसट व प्रोटोजोआ (क्रिप्टोस्पोरीडियम व जिआरडिआना) क्लोरीन द्वारा नष्ट नहीं होते
• क्लोरीनीकृत पानी जिसमें अधिक अवशेष क्लोरीन होती है वे अन्य प्रक्रमों जैसे रिवर्स ओसमोसिस में सिल्ली में प्रभाव डालती है
क्लोरीनीकरण के घरेलू उपाय
(क) ब्लीच घोल (विलयन)
• एक गैलन पानी अथवा चार ली. पानी में चार बूंद ब्लीच विलयन मिला लेते हैं।
• यदि पानी गन्दा हो तो चार ली. पानी में आठ बूंद ब्लीच मिलाते हैं।
• अच्छी तरह मिलाने के बाद 15 मिनट के लिए छोड़ देते हैं। 15 मिनट के बाद हल्का स्वाद तथा 30 मिनट बाद क्लोरीन का स्वाद नहीं होना चाहिए। यदि 30 मिनट बाद भी पानी में क्लोरीन का स्वाद हो तो अगली बार एक बूंद कम ब्लीच डालना चाहिए।
(ख) ब्लीचिंग पाउडर
1.3 से 5 मि. ग्रा. ब्लीचिंग पाउडर (संक्रमण पर निर्भर) 1 ली. पानी को रोगाणु रहित करने के लिए जरूरी होता है। यह रोगाणु रहित करने में 0.5 से 1 घंटा समय लेता है। 26 से 100 मि.ग्रा. अथवा एक चुटकी ब्लीचिंग पाउडर 20 ली. पानी को रोगाणु रहित कर सकता है।
सोडियम हाइपोक्लोराइट
आवश्यक सामग्री
• सोडियम हाइपोक्लोराइट वि. जिसमें लगभग 4% भाग/आठ क्लोरीन उपस्थित हों
• 10-20 ली. क्षमता वाले दो जैरी बर्तन
• अवशेष क्लोरीन निकालने की सामग्री
विधि
1 ली. पानी में 2-3 बूंद सो.हा.क्लो. डाल कर इसे एक घण्टे या पूरी रात के लिए रख देते हैं। इसके बाद अवशेष क्लोरीन की मात्रा निकालते हैं। यदि ये 0.2mg/l से अधिक है तो पानी को सूर्य के प्रकाश में रखते हैं जिससे की क्लोरीन कम हो जाए।
यह ध्यान रखना चाहिए कि क्लोरीनीकृत होने वाले पानी में कार्बनिक अशुद्धियां कम हों।
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