गोरखपुर एनवायरन्मेंटल एक्शन ग्रुप
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सूखे में तिल की खेती
Posted on 08 Apr, 2013 03:38 PMतिल हमीरपुर के किसानों की परंपरागत फसल है, जिसने न सिर्फ किसानों को सूखे से मुक्ति दिलाई, वरन् उनकी पौष्टिकता भी बढ़ाई है।
संदर्भ
जल संचयन करके चना व अलसी की खेती
Posted on 08 Apr, 2013 10:50 AMपहले से सूखे बुंदेलखंड में अनियोजित व अदूरदर्शी सरकारी अनुदानों व योजनाओं ने स्थिति को और भी विकट ही बनाया है।परिचय
दलहन फसल के साथ मिश्रित खेती
Posted on 08 Apr, 2013 10:19 AM(ज्वार + मूंग + अरहर + रोसा + कचरिया)दलहनी फसलें जहां मानव जीवन के लिए प्रोटीन का काम करती है, वहीं उनकी जड़ों में फ़िक्स नाइट्रोजन मृदा उर्वरता को बढ़ाता है व सुखाड़ की स्थिति में भी ये फसलें कुछ बेहतर उपज दे जाती हैं।
परिचय
रबी ऋतु में मिश्रित फसलें
Posted on 07 Apr, 2013 04:24 PM(कठिया गेहूं + देशी चना+ अलसी + सरसों)अनाज, दलहन, तिलहन सभी का प्रतिनिधित्व करने वाली मिश्रित खेती किसान के खेत व घर दोनों को पोषक तत्वों व खाद्यान्न से प्रचुर बनाए रखती है।
परिचय
खरीफ ऋतु में मिश्रित फसलें
Posted on 07 Apr, 2013 04:20 PM(देशी बाजरा + देशी तिल + देशी मूंग + देशी अरहर)मिश्रित फसलें एक तरफ जहां किसान की खाद्य सुरक्षा व पोषकता को बढ़ाती है, वहीं अलग-अलग जड़ व प्रकृति की होने के कारण मृदा उर्वरता व नमी को संरक्षित करने में भी सहायक होती हैं।