दैनिक भास्कर टीम
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सूखी यमुना की धार
Posted on 26 Apr, 2012 09:45 AMयमुना नदी इस बार समय से पहले ही सूख गई है। जुलाई महीने में पैदा होने वाला जलसंकट अप्रैल में ही उत्पन्न हो गया है। नदी की धार टूटने का सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव देश की राजधानी पर पड़ेगा। जहां पेयजल के लिए हाहाकार मच जाएगा। हरियाणा में भी भू-जल में गिरावट होगी। देश की राजधानी पेयजल के लिए सबसे ज्यादा निर्भर यमुना नदी पर है। नदी की धार सूख गई है। जिससे दिल्ली को पर्याप्त पानी नहीं मिल सकेगा। इसके साथराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा सुझाव आमंत्रित
Posted on 21 Apr, 2012 11:31 AMयाचिका समिति
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसी भी बेतरतीब विकास कार्य को रोकने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में भूमि उपयोग और अवसंरचना विकास को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की अवधारणा को प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वित करने की प्रार्थना करने वाली याचिका
गंगा नदी मुद्दा : मुख्यमंत्रियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं में मतभेद
Posted on 18 Apr, 2012 11:49 AMइस बैठक में जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद शामिल नहीं हो सके। लेकिन पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने
सूखने लगी हैं बिहार की नदियां
Posted on 06 Apr, 2012 10:53 AMबिहार की नदियां सूखने लगी हैं। खास तौर पर गंगा में पानी की कमी चिंता का विषय है। गंगोता यानी गंगा किनारे के निवासी होने के कारण हमारा दायित्व है कि गंगा को बचाएं। वर्षाजल का संचय करें। गंगा को प्रदूषण से बचाएं। ये बातें पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना विश्वविद्यालय के प्राध्यापक संजय पासवान ने पटना के एक होटल में आईआईटी दिल्ली और एनआईटी पटना द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यशाला में कही। राष्ट्रीयस्वच्छ यमुना के लिए तय होगी जवाबदेही
Posted on 29 Mar, 2012 09:44 AMसभी को अपने राज्यों में साफ-सफाई पर देना होगा ध्यान, हर माह लिया जाएगा यमुना के पानी का नमूनाचीन की नदी में मिला कैंसर कारक रसायन
Posted on 30 Jan, 2012 04:11 PMबीजिंग. हांगकांग और मकाऊ के आसपास जल स्रोतों में कैंसर कारक कैडमियम रसायन की काफी मात्रा मिलने से दक्षिणी चीन में चिंता व्याप्त है। औद्योगिक अपशिष्ट के कारण महत्वपूर्ण जल संसाधनों के प्रदूषण होने के बीच दक्षिणी गुआंग्क्सी झुआंग प्रांत की एक नदी में कैडमियम प्रदूषक की मात्रा प्रतिबंधित स्तर से दोगुनी पाई गई है।दूसरी ग्लोबल बर्ड वॉचर्स कांफ्रेंस
Posted on 10 Jan, 2012 10:55 AM19-22 जनवरी, 2012 गांधीनगर
गुजरात तेजी से इको-टूरिज्म गंतव्य के रुप में उभर रहा है जहाँ प्राचीन एवं अभी तक अज्ञात गंतव्यों की ऐसी विस्तृत रेंज मौजूद है जो प्रकृति प्रेमियों के लिए उत्सुकता का विषय है। गुजरात अतिथि सत्कार के लिए भी जाना जाता है जहाँ के निवासी बेहद मिलनसार होते हैं। यहां का वातावरण इतना मनोरम है कि प्रकृति के खूबसूरत फरिश्ते-पक्षी यहाँ की सुरम्यता को भांप कर दूरदराज के स्थानों से यहाँ आते हैं। राज्य में इस समय 520 से ज्यादा पक्षी प्रजातियां पाई जाती हैं जो दशकों से इन मनमोहक परिदों को आकर्षित करता रहा है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स, ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की पार्टनरशिप में गुजरात पर्यटन गांधीनगर, गुजरात, भारत में 19 से 22 जनवरी, 2012 तक सेकेंड ग्लोबल वर्ड वॉचर्स कांफ्रेंस आयोजित कर रहे हैं।