राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड द्वारा सुझाव आमंत्रित

याचिका समिति


राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसी भी बेतरतीब विकास कार्य को रोकने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में भूमि उपयोग और अवसंरचना विकास को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की अवधारणा को प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वित करने की प्रार्थना करने वाली याचिका

भगत सिंह कोश्यारी, सदस्य राज्य सभा, की अध्यक्षता वाली राज्य सभा की याचिका समिति, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में किसी बेतरतीब विकास कार्य को रोकने के उद्देश्य से इस क्षेत्र में भूमि उपयोग और अवसंरचना विकास को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की अवधारणा को प्रभावशाली ढंग से कार्यान्वित करने की प्रार्थना करने वाली याचिका पर विचार कर रही है। याचिकाकर्ता ने उल्लेख किया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण और अवसंरचना को बढ़ाने के हर संभव प्रयास के बावजूद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली की लगातार बढ़ती जनसंख्या के कारण और अवसंरचना को बढ़ाने के हर संभव प्रयास के बावजूद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली पर जनसंख्या का दबाव निरंतर बढ़ता जा रहा है। इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की अवधारण क्षेत्र का सुझाव दिया गया था और “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड अधिनियम, 1985” नामक एक संसदीय अधिनियम पारित किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र विकसित करने का उद्देश्य यह था कि एक कार्यात्मक योजना बनाई जाए जिसमें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों की सहायता से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कतिपय क्षेत्रों को वैकल्पिक विकास केंद्र के रूप में विकसित किया जा सके। लेकिन वर्तमान स्थिति ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड अधिनियम, 1985’ के उद्देश्यों को पूरा नहीं करती है।

2. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने प्रार्थना की है किः

(i) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड का अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रभावशाली ढंग से कार्यकरण ताकि दिल्ली की लगातार बढ़ती जनसंख्या के साथ इसकी भूमि, आवास, परिवहन और जलापूर्ति तथा जलनिकासी जैसी अनिवार्य अवसंरचना के प्रबंधन की समस्याओं को समुचित रूप से दूर किया जा सके।
(ii) राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों अर्थात मेरठ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा फरीदाबाद, बहादुरगढ़, कुंडली, अलवर, भिवाड़ी आदि के बीच बेहतर बहु-मॉडल संपर्क सुनिश्चित किया जाए।
(iii) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में क्षेत्रीय योजना का अनुमोदन करने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की भूमिका क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विभिन्न राज्यों में भूमि उपयोग की पद्धति में गंभीर भेद है जहां राज्य सरकारें भिन्न-भिन्न फर्श क्षेत्र अनुपात की अनुमति देती हैं जिससे शहरों में कंकरीट के जंगल खड़े हो जाते हैं जो संकल्पना के स्तर से ही समस्या बन जाते हैं।
(iv) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड को भूमि के अर्जन का अनुवीक्षण और सभी हितधारकों के अधिकारों का निर्धारण करना चाहिए।
(v) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण का निर्माण।

3. यह याचिका राज्य सभा की वेबसाइट (www.rajyasabha.nic.in) पर Committees – Standing Committees – Committee on Petitions – Petitions with the Committee लिंक के तहत उपलब्ध है। याचिका की प्रति लिखित अनुरोध के माध्यम से सहायक निर्देशक, समिति अनुभग (याचिका), कमरा सं. 537 राज्य सभा सचिवालय, संसदीय सौध, नई दिल्ली से भी प्राप्त की जा सकती है।

4. समिति ने समाज के विभिन्न वर्गों से परामर्श करने का निर्णय लिया है और तदनुसार समिति इस संबंध में लिखित ज्ञापन आमंत्रित करती है। समिति को ज्ञापन भेजने के इच्छुक व्यक्ति इस प्रेस विज्ञप्ति के प्रकाशन के 15 दिन के भीतर ज्ञापनों की दो-दो प्रतियां (अंग्रेजी तथा हिन्दी में) अशोक कुमार साहू, उप निदेशक, राज्य सभा सचिवालय, संसदीय सौध, नई दिल्ली- 110001 (दूरभाषः 011-2303565 (का.), 23794328 (फैक्स), और ई-मेलः rsc2pet@sansad.nic.in को भेज सकते हैं।

5. समिति को प्रस्तुत की गई टिप्पणियां/सुझाव समिति के अभिलेख का भाग बन जाएंगे और उन्हें गोपनीय माना जाएगा। इस संबंध में किसी भी उल्लंघन को समिति के विशेषाधिकार का हनन माना जाएगा।

6. जो व्यक्ति लिखित टिप्पणियां/सुझाव देने के साथ-साथ समिति के समझ उपस्थिति होना चाहते हैं वे इसकी सूचना दें। तथापि, इस संबंध में समिति का निर्णय अंतिम होगा।

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