दैनिक भास्कर टीम

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वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन में बेहतरीन अवसर
Posted on 07 Mar, 2013 11:16 AM
पूरा विश्व लगातार हो रहे पर्यावरणीय परिवर्तनों को लेकर चिंतित है। खतरे में पड़ी प्रजातियों की सूची में लगातार इज़ाफा हो रहा है, ऐसे में पूरी दुनिया में वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के लिए काम करने वाले विशेषज्ञों की मांग बढ़ती जा रही है। बढ़ती हुई इस मांग ने इस क्षेत्र को कॅरिअर के एक बेहतर विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया है। आने वाले सालों में रिसर्च से लेकर फील्ड में बेहतर माहौल तैयार करने के लिए दुनिय
नहीं साफ हो सकी यमुना : सुप्रीम कोर्ट
Posted on 11 Oct, 2012 01:10 PM
राजधानी के वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया के पिकलिंग कारखानों से बेहद
किसानों ने खुद ही साफ की 3 किमी. लंबी नहर
Posted on 06 Oct, 2012 05:02 PM
श्रमदान : पांच सौ किसानों ने कायम की मिसाल, दो हजार एकड़ खेतों आएगी हरियाली
अब ग्रामीण खुद ही करेंगे थपाना नदी की पहरेदारी
Posted on 05 Oct, 2012 11:21 AM

अंतरराष्ट्रीय नदी दिवस पर लिया था गोद, कहा-न खुद पानी को प्रदूषित करेंगे, न होने देंगे


थपाना प्राकृतिक धारा को गोद लेने के दौरान नदी मित्र मंडली व यमुना सेवा समिति कनालसी के सदस्य।थपाना प्राकृतिक धारा को गोद लेने के दौरान नदी मित्र मंडली व यमुना सेवा समिति कनालसी के सदस्य।नदी, अक्षर सिर्फ ढाई हैं लेकिन इसके मायने बहुत बड़े हैं। नदी सिर्फ पानी का रास्ता भर नहीं है। यह संस्कृति है...जीवन है...सभ्यता है। नदी से सब जुड़ा है। जाहिर है, नदी नहीं तो सब गड़बड़। फिर इससे हम कैसे अछूते रह सकते हैं। यह तथ्य ग्रामीण जानते हैं तभी तो वह अपनी नदी को बचाने के लिए एकजुट हुए हैं।

नदियों व नहरों का अस्तित्व बचाने व उन्हें साफ सुथरा रखने के लिए सरकारों के प्रयास गति नहीं पकड़ रहे हैं और करोड़ों खर्च करने के बाद भी परिणाम शून्य ही मिल रहा है। यमुना सेवा समिति द्वारा नदियों को बचाने के लिए कई बार कार्य किया गया है और इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन से भी सहयोग की अपील की है।
इस घर से नहीं निकलता है कचरा, बच रहा पानी
Posted on 25 Sep, 2012 12:05 PM

घर की छत पर लगाया बायोगैस प्लांट, बनाई जाती है रसोई गैस और खाद, रीसाइकल कर बचा रहे 500 लीटर पानी

समुद्र का विज्ञान ओशॅनोग्राफी
Posted on 27 Aug, 2012 01:11 PM
ओशॅनोग्राफी समुद्र के अनगिनत रहस्यों को समझने, पढ़ने, और शोध करने का बहुआयामी तरीका है। समुद्री पर्यावरण के क्षेत्र में अध्ययन तथा अनुसंधान करने वाले विद्यार्थियों के लिए ओशॅनोग्राफी करियर के रूप में उभरा है। समुद्र में आए दिन तुफानों और आपदा प्रबंधन योजनाओं के बढ़ते महत्व के कारण ओशॅनोग्राफी में विद्यार्थियों की रुची बढ़ती जा रही है। भारत में समुद्र की लम्बाई-चौड़ाई को देखते हुए ओशॅनोग्राफी मे
किस्मत काबू में ग्रीन स्टोव, क्लीन कारोबार
Posted on 10 Jul, 2012 11:32 AM
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएट अंकित माथुर और नेहा जुनेजा किसी मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर ज्यादा पैसा कमा सकते थे। लेकिन दोनों का लक्ष्य सिर्फ पैसा कमाना नहीं था। दोनों ने ऐसा स्टोव बनाया, जो लकड़ी की खपत एक चौथाई कर देता है। यही नहीं, लकड़ी से जलने वाले मिट्टी के चूल्हों के मुकाबले ग्रीन स्टोव धुआं भी 80 फीसदी तक कम फेंकता है।
ग्रीन स्टोव के साथ अंकित और नेहा
आषाढ़ : प्रकृति खिलखिलाने के बजाय अब डराती है
Posted on 21 Jun, 2012 10:50 AM
आषाढ़ का महीना आते ही प्रकृति खिलखिलाने लगती है रिमझिम वर्षा की बारीश की बुंदे धरती पर पड़ते ही मिट्टी के शौंधेपन की खुशबू और कोयल की कुकू-कुकू की आवाज के साथ आषाढ़ महीने की आगाज हो जाता है और लोगों के मन में एक उल्लास पैदा हो जाता था। आषाढ़ किसानों के लिए खुशखबरी होती थी लेकिन अब ऐसा ऐसा नहीं होता है क्योंकी आषाढ़ का महीना उल्लास लाने के बजाय डराती है।
प्रदूषित गंगा किनारे स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की अनूठी पहल
Posted on 21 Jun, 2012 10:38 AM
गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के बीच वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं को निःशुल्क स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनूठी पहल की गई है। इसके तहत वाराणसी के धर्मनिष्ठ प्रमुख कपड़ा व्यवसायी केशव जालान ने अपने व्यवसायी मित्र मनविंदर सिंह बग्गा के सहयोग से घाट के ऊपर ही एक आरओ प्लांट स्थापित कर दिया है। इसके सहारे श्रद्धालु अब गंगा का पानी बिना किसी भय के भी पी सकते हैं और
राजधानी के भू-जल में खतरनाक रसायन
Posted on 04 May, 2012 08:09 AM

इन खतरनाक रसायनों के अलावा दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली व पश्चिमी दिल्ली के भूमिगत जल में फ्लोराइड पाया गया है। पूर्वी

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