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वर्षा जल संग्रहण
झाबुआ की तस्वीर बदल रही है
Posted on 03 May, 2019 12:32 PMजल पांच तत्वों में से एक तत्व, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। जहां भी पानी हो, वहां जीवन अपने आप ही पल्लवित हो उठता है। वास्तव में यही हमारी भारत भूमि की परंपरा रही है। हमें इसलिए स्थान विशेष में जल संरक्षण हेतु तमाम पद्धतियां, प्रक्रियाएं और परिणाम स्वरूप जल-संरचनाएं मिलती हैं। आज भी ऐसे कुछ स्थान, कुछ समाज ऐसे बचे हैं, जिन्होंने जल के प्रति भारत भूमि की भावना को संजोए रखा है और
पानी की रिहाई
Posted on 02 May, 2019 12:55 PMबरसात के समय मे 90 प्रतिशत आपदाओं का कारण पानी है। दूसरी ओर पानी जीवन का आधार है। वह चाहे नदियों, जल स्रोतों, जलाशयों, बारिश की बूंदों के आदि के रूप में जहां से भी आ रहा हो, इनमें मानसून के समय मे पानी की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन यही समय है कि जब अधिक-से-अधिक पानी को जमा करके सालभर की आवश्यकता की पूर्ति की जा सकती है। मकानों की छतों से बरसात में बहने वाले पानी को पीने के लिए, फैरोसीमेंट टैंक ब
जल कौशल से होगा हल
Posted on 02 Jul, 2018 03:26 PMवर्षाजल से पेयजल का इन्तजाम करने का कौशल जैसलमेर के रामगढ़ का हर ग्रामवासी जानता है। नगरीय हाउसिंग और औद्य
सम्पन्नता की बूँदों का हो चतुर इस्तेमाल
Posted on 02 Jul, 2018 03:00 PMबारिश की सबसे अच्छी बात यह है कि यह सभी की जिन्दगी में सम्पन्नता लेकर आती है, लेकिन प्रबन्धन की कमी के चलते इसका प्रभाव अधिक समय तक नहीं टिकता। अध्ययन बताते हैं कि मानसूनी बारिश के दिन भले ही 100 हों, लेकिन 400-600 मिमी होने वाली बारिश का अधिकांश हिस्सा सिर्फ 100 घण्टे से कम में ही बरसता है। लिहाजा हर किसान, ग्राम पंचायत, शहर और कस्बे के वासियों और शहरी सोसायटियों के लोगों को सक्रियता और विव