/topics/rainwater-harvesting
वर्षा जल संग्रहण
खेत-तालाब योजना: किसानों को खेत तालाब बने वरदान
Posted on 04 Sep, 2008 08:18 AMगुना/झांसी/ मध्य प्रदेश- बुन्देलखण्ड क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति व सूखे के हालातों के चलते जल संवर्धन एवं जल संरक्षण के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, इन्दिरा आवास के लाभार्थियों के साथ बीपीएल के दायरे में रहने वाले लोगों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नरेगा में खेत-तालाब योजना लागू की गई है। इस योजना में खेत के एक हिस्से को ही तालाब का रूप देकर खेत में ही सिंचाई सुविधा बढ़ाने की योजना
मेड़बन्दी और स्वैस्थानिक (ऑनसाइट) वर्षाजल संरक्षण
Posted on 03 Sep, 2008 12:51 PMवर्षा का पानी हमारी वर्ष भर की जरूरतों को पूरा कर सकता है, बशर्ते उसे यूँ ही न बह जाने दिया जाय। खेतों की मेड़बन्दी से लेकर पोखरों, तालाबों, कुँए आदि का निर्माण इसीलिए किया जाता है कि वर्षा का जल उनमें इकट्ठा होकर धरती की और प्राणियों की प्यास बुझाता रहे। जल संचयन भूमि की सतह (छत, पार्किंग, भूमि आदि) पर जल अपवाह को रोककर इकट्ठा करने की प्रक्रिया है, इस रोके गये जल को स्थान विशेष पर रोकने की प्र
कृषि जलप्रबंधन और वर्षाजल प्रबंधन क्यों
Posted on 03 Sep, 2008 11:21 AMभारतवर्ष के ज्यादातर हिस्सों में वार्षिक वर्षाजल (Annual Rainfall) का लगभग 70-80 प्रतिशत भाग मानसून के तीन महीनों में प्राप्त होता है तथा बाकी के नौ महीनों में सिर्फ लगभग 20-30 प्रतिशत ही वर्षा होती है। इस विषम वर्षाजल वितरण (Rainfall distribution) कि वजह से जहां मानसून में वर्षाजल का अधिकांश भाग अपवाह (Runoff) के रूप में नदी नालों में बहकर बेकार चला जाता है और मृदा अपरदन एवं बाढ़ जैसी समस्याओ क
अब वर्षाजल पुनर्भरण को अपनाएंगे मुंबई के मकान
Posted on 02 Sep, 2008 02:21 AMभाषा/मुंबई / बिजनेस स्टैंडर्ड: महानगर में आवास निर्माण की मौजूदा रफ्तार को व्यापक स्तर पर नियंत्रित करने के लिए मुंबई में जल्द ही 'इको फ्रैंडली' यानि पर्यावरण अनुकूल इमारतों का निर्माण किया जाएगा।
दक्षिण बिहार की जीवनदायिनी 'पारम्परिक आहर-पईन जल प्रबन्धन प्रणाली' की समीक्षा (भाग 1)
Posted on 11 Jun, 2024 09:46 PMतकनीकी एवं औद्योगिक उन्नति के इस युग में आज भी भारत देश की अर्थव्यवस्था तथा 70% से अधिक भारतीय जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों पर निर्भर है। पिछले सौ वर्षों में जल प्रवन्धन के क्षेत्र में हमने कई बड़े बदलाव देखे हैं मुख्यतः आज़ादी के बाद सरकारों ने जल प्रबन्धन में व्यक्तियों एवं जनसमुदायों की भूमिका अप्रत्यक्ष रूप से निभाई है। वर्षा जल संचयन जैसी सरल तकनीक का हास हुआ है और
जल में जन भागीदारी जरूरी
Posted on 22 May, 2024 08:07 AMबेंगलुरु का जल संकट न पहला है और न अंतिम। जल विशेषज्ञ वर्षों से चेतावनियां जारी करते रहे हैं कि भारत में एक तरफ जहां प्राकृतिक जल स्रोतों में कमी आ रही है तो दूसरी ओर भू-जल की भी तीव्रता से क्षय हो रहा है। अगर यही हालत रही तो कुछ ही वर्षों में देश के अनेक शहरों में जल की उपलब्धता जरूरत के अनुसार संभव ही नहीं रहेगी। इसलिए जल का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है। हम यह कहते नहीं थकते कि जल ही जीवन है,
वर्षा जल संरक्षण का महत्व एवं विधियां | Importance and methods of rain water conservation
Posted on 16 Jan, 2024 01:50 PMजल ही जीवन है साथ ही अमुल्य धरोहर । जलसंख्या के वृध्दि से कृषि पशुपालन उद्योग धन्धो एवं पीने के पानी की मांग भी बढ़ रही है। इसके साथ ही वन क्षेत्र कम हो रहे हैं जिसके परिणाम स्वरुप बरसात ka पानी रुककर धरती में समा नहीं पाता फलस्वरुप धरती का जलस्तर 1 से 1.5 मी.
पर्वतीय क्षेत्रों में कम लागत तकनीक द्वारा वर्षा जल संग्रहण
Posted on 10 Jan, 2024 01:37 PMखाद्य संकट से छुटकारा एवं स्थिर आर्थिक विकास के लिये जल एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। ज्ञातव्य है कि कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक जल का उपयोग किया जाता है लेकिन निकट भविष्य में इस दशक के अंत तक इसमें प्रयोग होने वाले जल की कुल मात्रा में से 10-15 प्रतिशत की कमी होने की सम्भावना जताई जा रही है। सिंचाई के स्थिर एवं यथाक्रम विकास के साथ- साथ भारतवर्ष में विकास की विभिन्न योजनाओं के द्वारा सम्भा
जल प्रबंधन एवं जबलपुर के तालों का समीक्षात्मक अध्ययन (Study of water management and Ponds of Jabalpur)
Posted on 21 Aug, 2023 06:06 PMमानव को जीवित रहने के लिए वायु के बाद दूसरा स्थान जल का ही है। इसके अतिरिक्त, कोई भी आर्थिक कार्य ऐसा नहीं है, जो जल के बिना संभव हो। वस्तुतः जल के बिना जीवन ही संभव नहीं है। सभ्यता के आदिकाल से ही मानव जल का उपयोग अपनी विविध आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु करता रहा है। यह आवश्यकता प्रगति के साथ-साथ तेजी से बढ़ती जा रही है। आधुनिक समय में तकनीकी विकास के कारण जल संसाधनों का प्रचुर प्रयोग सिंचाई, जल व