विश्व जल दिवस

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March 21, 2016 The theme for 2016 is 'Water and Jobs'. With water resources declining at a rapid rate, this theme brings to the forefront concerns related to water and livelihoods in India.
Theme of World Water Day 2016: Water and Jobs (Source: UN Water)
March 21, 2016 Urban floods and pervasive environmental pollution are living testimonies of unplanned and hurried urbanisation. With cities already stretched to their limits, how much more can they endure?
Houses constructed on the fringes of the Ambattur eri in Chennai
March 21, 2016 Celebrations for World Water Day 2016 in Nagaon, Assam personify passion by honouring grassroots water-workers for their thankless efforts.
Contribution of water sector workers at the grassroots level goes unrecognised very often
March 20, 2016 Fish traders in the state, which has the highest freshwater fish yield at 2,500 kg per hectare, are mainly groups of Bihari migrants playing to their strengths.
First half of the day is spent netting the fish which is sold in the evening.
March 19, 2016 Parineeta Dandekar of SANDRP speaks to India Water Portal about how healthy rivers--and not dams--are the best employment guarantees around.
Two men fish from a small rowboat on the placid Ramganga near Harewali
March 19, 2016 Fishers livelihoods are being directly threatened by mechanised fishing methods and ecologically destructive fishing practices.
Traditional fishers livelihoods are directly threatened by mechanised fishing methods (Source: Vikas Sahayog Kendra, Palamau)
एक अभियान बने भारतीय जल दर्शन
Posted on 20 Mar, 2016 03:20 PM

22 मार्च, 2016 -विश्व जल दिवस पर विशेष



यो वै भूमा तत्सुखं नाल्पे सुखमस्ति भूमेव सुखम।
भूमा त्वेव विजिज्ञासित्वयः।।


विश्व जल दिवसहम जगत के प्राणी जो कुछ भी करते हैं, उसका उद्देश्य सुख है। किन्तु हम यदि जानते ही न हों कि सुख क्या है, तो भला सुख हासिल कैसे हो सकता है? यह ठीक वैसी ही बात है कि हम प्रकृति को जाने बगैर, प्रकृति के कोप से बचने की बात करें; जल और उसके प्रति कर्तव्य को जाने बगैर, जल दिवस मनायें। संयुक्त राष्ट्र संघ ने नारा दिया है: ‘लोगों के लिये जल: लोगों के द्वारा जल’। उसने 2016 से 2018 तक के लिये विश्व जल दिवस की वार्षिक विषय वस्तु भी तय कर दी हैं: वर्ष 2016 - ‘जल और कर्तव्य’; वर्ष 2017 - ‘अवजल’ अर्थात मैला पानी; वर्ष 2018 - ‘जल के लिये प्रकृति आधारित उपाय’। अब यदि हम इन विषय-वस्तुओं पर अपने कर्तव्य का निर्वाह करना चाहते हैं, तो हमें प्रकृति, जल, अवजल और अपने कर्तव्य को जानना चाहिए कि नहीं?

अंतरराष्ट्रीय जल दिवस का भारतीय औचित्य
Posted on 23 Mar, 2013 10:09 AM भारत में पानी अब पुण्य कमाने का देवतत्व नहीं, बल्कि पैसा कमाने की वस्तु बन गया है। हजारों करोड़ रुपए
world water day
पानी नहीं होगा, तो क्या होगा
Posted on 21 Mar, 2013 03:36 PM भूजल स्तर का नीचे होना एक विकराल समस्या का रूप ले रहा है। हाल में विदर्भ समेत कई क्षेत्रों में सूखा प
दिवस के बरक्स
Posted on 23 Mar, 2012 11:58 AM

रोज दस बार टीवी-रेडियो और अखबारों के जरिए लोगों को बताया जाए कि पानी बचाओ, लेकिन शहरों के सुंदर चौराहों और वीआईप

forest
नीर फाउंडेशन ने बच्चों के साथ ‘वर्ल्ड वाटर डे मनाया’
Posted on 22 Mar, 2012 03:42 PM

बच्चों ने किया पानी के लिए पैदल मार्च

उनका भूलें, अपना मनायें जलदिवस
Posted on 22 Mar, 2012 10:51 AM

22 मार्च: अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस पर विशेष

world water day
विश्व जल दिवस पर बान की मून का संदेश
Posted on 19 Mar, 2011 04:20 PM

विश्व जल दिवस 22 मार्च 2011 पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून का संदेश

विश्व जल दिवस
Posted on 02 Apr, 2009 07:17 PM

22 मार्च, 2009 / संयुक्त राष्ट्र महासचिव-बान की मून का संदेश

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