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सूखा और बाढ़
मानुष बने रहो
Posted on 11 Nov, 2014 04:22 PMवर्ष 1966 का भयानक सूखा-जब अकाल की काली छाया ने पूरे दक्षिण बिहार को अपने लपेट में ले लिया था और शुष्कप्राण धरती पर कंकाल ही कंकाल नजर आने लगे थे...बाढ़ के बाद रोज़गार की तलाश
Posted on 11 Nov, 2014 04:09 PMबाढ़ के बाद पैदा हुए हालात से निपटने के लिए ज़रूरी है कि प्रभावित लकलाकारों की रिलीफ पार्टी
Posted on 11 Nov, 2014 02:00 PMवर्ष 1966 का भयानक सूखा-जब अकाल की काली छाया ने पूरे दक्षिण बिहार को अपने लपेट में ले लिया था और शुष्कप्राण धरती पर कंकाल ही कंकाल नजर आने लगे थे...बाढ़ के बाद बेबस हुए लोग
Posted on 30 Oct, 2014 02:57 PMबाढ़ के बाद इस गांव में लोगों को आजीविका के साधन जुटाना भी एक बड़ीकहां से लाऊं हिम्मत जीने की
Posted on 30 Oct, 2014 02:54 PMहमारे घर के जख्मी लोगों के इलाज में 90 हजार रुपए लगे हैं जोकि हमनेअनियोजित विकास से आती हैं आपदाएं
Posted on 22 Oct, 2014 12:02 PMएन.डी.आर.एफ., बडोदरा किसी भी शहर की बसाहट के नियोजन एवं विकास की योजना बनाते समय अक्सर स्थानीय पारिस्थितिकी की अनदेखी की जाती है। विकास परियोजना से पारिस्थितिकी को हो रहे निरंतर नुकसान की भरपाई का मतलब आमतौर पर मूल प्राकृतिक, मिश्रित प्रजातियों को उगाने की बजाय आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण, तेजी से बढ़ने वाली वनस्पतियों से निकाला जाता है। इसकी वजह से पूरा पारदहशत के बीच घाटियां
Posted on 14 Oct, 2014 11:41 AM सात मई को उत्तराखंड में लोकसभा की पांच सीटों के लिए मतदान होना है,फिलीपीन में हैयान की विनाशलीला
Posted on 07 Oct, 2014 10:09 AMफिलीपीन में आए हैयान नामक समुद्री तूफान ने जैसी तबाही मचाई है, वैसी तबाही फिलीपीन के इतिहास में न देखी गई न सुनी गई। हिन्द महासागर में सुनामी की तबाही के बाद यह सबसे बड़ी तबाही है, जिसकी 20-20 फीट ऊंची लहरों ने 315 किमी की रफ्तार से दौड़कर 12 हजार से ऊपर लोगों के प्राण ले लिए। 44 लाख लोग बेघर हो गए 4 लाख लोगों को सुरक्षित डेढ़ हजार सहायता शिविरों में पहुं
बाढ़ का शहरीकरण
Posted on 03 Oct, 2014 10:14 AMपूरब के राज्यों में अंग्रेजों के समय से रेल के जाल बिछने और पानी के रास्तों को कहीं छोटे से पुल
बाढ़ के बाद दूभर हुई जिंदगी
Posted on 02 Oct, 2014 11:47 AMजम्मू कश्मीर में आई भयंकर बाढ़ ने राज्य का नक्शा ही बदलकर रख दिया है। बाढ़ ने धरती के इस स्वर्ग को पूरी तरह नर्क में बदल दिया है। बाढ़ के बाद जो कुछ हुआ वह एक बुरे सपने की तरह था। बाढ़ की वजह से राज्य में अरबों की निजी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा। समूचे जम्मू एवं कश्मीर में सड़क संपर्क, बिजली, जल आपूर्ति और संचार सुविधाअों के साथ-साथ लोगों के घर बुरी तर