/topics/droughts-and-floods
सूखा और बाढ़
तीसरी फसल उफान पर
Posted on 29 Aug, 2016 05:02 PMबिहार में गंगा और सोन नदी में बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट
बिहार में बाढ़ की विभीषिका
Posted on 29 Aug, 2016 12:55 PMफरक्का बाँध नहीं बना था तो यह सारा सिल्ट और बालू बहकर बंगाल क
हिमालय पर छाये संकट के बादल
Posted on 29 Aug, 2016 12:06 PMहिमालय में त्वरित प्राकृतिक आपदाएं प्रायः साथ-साथ घटती हैं, जैसे-बादल फटना, हिम एवं मलबा अवधाव तथा भू एवं हिमस्खलन। ये सभी आपदाएं मिलकर त्वरित बाढ़ का कारण बनती हैं, जो घाटियों के जन-जीवन, वन, सम्पदा आदि पर विनाशकारी प्रभाव डालती हैं।
गाद प्रबन्धन से निकलेगी समाधान की राह
Posted on 29 Aug, 2016 11:48 AM
हिमालय से निकली नदियों में पानी के साथ गाद आने की समस्या नई नहीं है। बिहार, बंगाल और असम सदियों से इसे झेलते रहे हैं। इन राज्यों में गाद को व्यवस्थित करने की प्रकृति सम्मत व्यवस्था विकसित हुई थी। उस व्यवस्था के टूट जाने से यह समस्या विकराल हो गई है।
बिहार में नेपाल की ओर से आई नदियों में काफी मात्रा में गाद आती है। इस मामले में कोशी सबसे बदनाम नदी है। हिमालय के ऊँचे शिखरों से आई यह नदी बिहार में प्रवेश करने के थोड़ा ही पहले पहाड़ से मैदान में उतरती है। प्रवाह गति अचानक कम हो जाती है जिससे नदी सिल्ट छोड़ती है।
नेपाल के साथ जल बँटवारे पर समझौता जरूरी
Posted on 28 Aug, 2016 04:59 PMबाढ़ की स्थायी समस्या समाधान के लिये गंगा की अविरलता जरूरी
बाढ़ से उपजे बड़े बाँधों पर सवाल
Posted on 27 Aug, 2016 12:20 PMकुछ समय पहले तक सूखे और गर्मी से बेहाल हुए देश का आधा भूभाग भीषण बाढ़ की चपेट में है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम और मध्य प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका चरम पर है। राजस्थान के दक्षिणी जिलों में हालात बदतर हैं। इस क्षेत्र का अक्सर बरसात में सूखा रहने वाला रेगिस्तानी इलाका बाढ़ के पानी से लबालब है।
बराजों ने गंगा को बिहार का अभिशाप बनाया
Posted on 25 Aug, 2016 11:12 AM
गंगा के प्रवाह में अवरोध का बिहार पर सबसे अधिक असर पड़ा है। फरक्का बराज की वजह से गंगा की हालत ऐसी सर्पणी की तरह हो गई है जिसके मुँह को जकड़ दिया गया हो और छटपटा रही हो। नदी फूलती है, तेजी से कटाव करती है और बराज से फुँफकारती हुई निकलती है। हर बराज से ऐसा होता है। फरक्का की हालत अधिक विकराल है। बिहार उसका शिकार है।
फरक्का बराज से टकराकर बाढ़ के पानी का उलटा प्रवाह होता है। गंगा की सहायक नदियाँ- कोशी और गंडक आदि नदियों के पानी का विसर्जन थम जाता है, बल्कि उलटा प्रवाह होता है। कटिहार जिले के बड़े इलाके में भयानक कटाव, जलजमाव होता है।
इधर भागलपुर, मुंगेर से पटना जिले तक और उधर खगड़िया, बेगुसराय, समस्तीपुर, हाजीपुर से छपरा तक जगह-जगह लोग गंगा की छटपटाहट को झेल रहे हैं।