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नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य
नदी से सोना छानने में रेत होती जा रही हैं सैकड़ों जिंदगियां
Posted on 03 Jun, 2013 04:14 PMपरेशानी : दिनभर नदी में खड़े रहने के बाद भी मेहनताना न के बराबरमैं गरीब हूं..
Posted on 03 Jun, 2013 11:16 AM यह कहानी मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की है, जहां पिछले दिनों जिला प्रग्लोबल वार्मिंग बनाम मानवाधिकार
Posted on 17 Nov, 2010 07:26 AMजलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उठाए गए क़दमों की सुस्त चाल से, इससे प्रभावित हो रहे समुदायों में स्वाभाविक रूप से निराशा बढ़ी.जल अधिकार का वैकल्पिक संसार
Posted on 08 Nov, 2010 11:46 AM ‘पेयजल एवं स्वच्छता का मानवाधिकार जीवन के समुचित स्तर के अधिकार कानैनीताल में नदियों को बचाने को हुआ सम्मेलन
Posted on 30 Jun, 2023 04:28 PM'सूखी जुबान जिंदगी से पूछने लगी कि प्यास ही लिखी है या पानी भी लिखा है!' साथी और परिजन पाँच जून 2023 के सम्मेलन की सूचनाओं को अपने जानने वालों तक भेजिए। इसलिए नहीं कि यह किसी व्यक्ति का काम है, इसलिए क्योंकि हम मध्य हिमालय में सूखती गैर बर्फानी नदियों के बारे में बात करना चाहते हैं। हमारी चिंता है कि यदि व्यापक जन समुदाय अपनी नदियों के बारे में विचार नहीं करेगा और उनको बचाने की कोई सार्थक पहल न
एक दिवसीय नदी संवाद संगोष्ठी का आयोजन
Posted on 23 Jun, 2023 12:41 PMनदियां हमारी आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जीवन का आधार है। भोग पर आधारित आधुनिक विकास नीति एवं समाज की उपेक्षा के कारण नदियां आज अपने अस्तित्व का संकट झेल रही हैं। सभ्यताएं नदियों के किनारे विकसित हुई है, लेकिन आधुनिक सभ्यता नदियों को मार रही है। नदियां हमारी जीवन रेखा हैं। इन्हें सुरक्षित एवं संरक्षित करना आज का युग धर्म है। इसलिए नदियों को बचाने व पुनर्जीवित करने के लिए अनेक व्यक्ति व
झांसी के लक्ष्मी तालाब बचाने की लड़ाई की सजा भुगत रहा नरेन्द्र
Posted on 01 Apr, 2023 03:36 PMझांसी के पर्यावरण कार्यकर्ता नरेन्द्र कुशवाहा स्वच्छ हवा, पानी के स्रोत नदी, तालाब और पार्क आदि की भूमियों को अतिक्रमण से बचाने और उन्हे मूल स्वरूप में वापस लाने हेतु प्रयासरत कार्य कर रहे है। झांसी में स्थित तालाब और पार्क आदि को अतिक्रमण से बचाने एवं उन्हें मूल स्वरूप में वापस लाने हेतु नरेन्द्र द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, (एनजीटी) नई दिल्ली में ओ.ए. संख्या 114/2021 व ओ.ए.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पर लगाए गए 120 करोड़ के जुर्मानें पर लगाई रोक
Posted on 24 Mar, 2023 11:41 AMसुप्रीम कोर्ट ने गोरखपुर जिले की नदियों में अनट्रीटेड सीवेज छोड़ने और अनुचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर उत्तर प्रदेश पर 120 करोड़ रुपए का पर्यावरणीय मुआवजा लगाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगा दी है भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदी की खंड पीठ ने एनजीटी के 13 सितंबर 2022 के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की याच
स्वच्छ जल मनुष्य का मौलिक अधिकार: संयुक्त राष्ट्र
Posted on 16 Oct, 2010 08:14 AMनई दिल्ली. 29 जुलाई 2010। संयुक्त राष्ट्र ने प्रस्ताव पारित कर स्वच्छ जल और सफाई को मनुष्यों का मौलिक अधिकार घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र की महासभा में बोलिविया ने इस आशय में प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव के पक्ष में 126 देशों ने मतदान किया वहीं 46 देशों के प्रतिनिधि मतदान के दौरान गैर-हाज़िर रहे जिनमें अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश प्रमुख हैं. वहीं किसी भी सदस्य देश द्वारा इसका विरोध नहीं किए जाने से ये प्रस्ताव पारित कर दिया गया. हालांकि इस प्रस्ताव को लागू करना किसी भी राष्ट्र के लिए बाध्यता नहीं है.
बोलिविया ने इस प्रस्ताव में कहा है कि सुरक्षित और स्वच्छ पेय जल और सफाई मौलिक अधिकार है जो जीवन के अधिकार का उपयोग करने के लिए अनिवार्य है. प्रस्ताव के मसौदे में यह भी बताया गया कि विश्वभर में 88 करोड़ 40 लाख लोगों को पीने के लिए साफ़ पानी नहीं मिलता और करीब 2.6