झांसी के लक्ष्मी तालाब बचाने की लड़ाई की सजा भुगत रहा नरेन्द्र

लक्ष्मी तालाब की सुंदरता पर करोड़ों कर्च हो चुके हैं। फोटो साभार- झांसी फोटोज
लक्ष्मी तालाब की सुंदरता पर करोड़ों कर्च हो चुके हैं। फोटो साभार- झांसी फोटोज

झांसी के पर्यावरण कार्यकर्ता नरेन्द्र कुशवाहा स्वच्छ हवा, पानी के स्रोत नदी, तालाब और पार्क आदि की भूमियों को अतिक्रमण से बचाने और उन्हे मूल स्वरूप में वापस लाने हेतु प्रयासरत कार्य कर रहे है। झांसी में स्थित तालाब और पार्क आदि को अतिक्रमण से बचाने एवं उन्हें मूल स्वरूप में वापस लाने हेतु नरेन्द्र द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, (एनजीटी) नई दिल्ली में ओ.ए. संख्या 114/2021 व ओ.ए. संख्या 165/2021 व इ.ए. संख्या 02/2022 व आर.ए. 33/2022 व इ.ए. संख्या 38/2022 व ओ.ए. संख्या 780/2022 व ओ.ए. संख्या 918/2022 और ओ.ए. संख्या 159/2023 याचिकाएं दर्ज की गई है, जिनमें न्यायाधिकरण द्वारा जांच कराकर अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किये गये है।

नरेन्द्र द्वारा न्यायाधिकरण में उक्त याचिकाएं दायर करने के कारण स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों वाली भूमियों पर अतिक्रमण करनेे वाले माफिया एवं अतिक्रमण कराने और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारी उनसे रंजिश रखने लगे है, जो उनको इन याचिकाओं में पैरवी करने से रोकने के लिए उनके घर पर लगातार जान-लेवा हमला करा रहे है और झूठे मुकदमे दर्ज कराके उनका परिवार सहित पुलिसिया उत्पीड़न कर रहे है, जिसकी उनके द्वारा शासन-प्रशासन में कई शिकायतें की गई है, इसके बावजूद शासन-प्रशासन की ओर से न तो कोई कार्यवाही की जा रही है और न ही उन्हें सुरक्षा दी जा रही हैं, इसके बावजूद वह लगातार इन याचिकाओं में पैरवी कर रहे है।

स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों को बचाने के लिए नरेन्द्र के द्वारा न्यायाधिकरण में याचिकाएं दायर करनेे और इन याचिकाओं में पैरवी करने के कारण अतिक्रमण करनेे वाले माफियाओं एवं अतिक्रमण कराने और उन्हें संरक्षण देने वाले अधिकारियों ने मिलकर दिनांक 25 मई 2022 को 20-25 अतिक्रमणकर्ताओं को उनके घर पर भेजकर हमला कराया जिन्होंने महिलाओं और बुजुर्ग माता-पिता के साथ अभद्रता करते हुए जान से मारने की कौशिश और धमकी देते हुए  कहा कि अगर कल घर छोड़कर नहीं गए तो तुम सब जान से मार दिए जाओगे, और तुम्हारे घर की बहु-बेटियों का अपहरण कराकर बेच दिया जाएगा। अतिक्रमणकर्ताओं द्वारा उनको परिवार सहित जान से मारने और महिलाओं का अपहरण कराने के लिए किए जा रहे हमलों एवं उनके ऊपर परिवार सहित झूठे मुकदमें दर्ज कराकर किये जा रहे पुलिसिया उत्पीड़न की दहशत के कारण।   दिनांक 26.05.2022 को नरेन्द्र को अपनी जमीन-जायदाद व खेती-बाड़ी और घर व घर गृहस्ती का समस्त सामान को छोडकर बुजुर्ग माता-पिता एवं परिवार के साथ मजबूरन जान बचाकर भागना पड़ा।  

जिसके कारण आज उनका पूरा परिवार दहशत, भय और डर के साये में, नरक के समान असहनीय कष्टदायक जीवन व्यतीत कर रहा है, आज उनका  परिवार जमीन, जायदाद व खेती-बाड़ी, घर बार और रोजगार से वंचित हो चुका है, जिससे उनकी  परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है, उनके  माता -पिता  मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार होते जा रहे है आज उनके का परिवार का  गुजारा बड़ी ही कठिनाई से चल रहा है। इसके बावजूद वह स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों को बचाने का प्रयासरत कार्य कर रहे  है, ऐसी परिस्थिति में अब नरेन्द्र को आगे इन याचिकाओं में पैरवी करने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
   
यहां यह उल्लेखनीय है कि  स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों को बचाने के  प्रयासरत कार्य करने के कारण प्रताड़ित किये जा रहे नरेंद्र जैसे पीड़ित पर्यावरण कार्यकर्ताओं को कानूनी एवं आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराना अति आवश्यक है, अन्यथा स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों वाली इन भूमियों को नष्ट करने के कुकृत्य करनेे वाले माफियाओं एवं इनको संरक्षण देने वाले अधिकारियों के हौसले बढ़ते जाएंगे, जिससे स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों को बचाने के पुनीत उद्देश्यों को पूरा करना असंभव हो जायेगा।

पर्यावरण कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों को बचाने हेतु राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, नई दिल्ली में दर्ज की गई उपरोक्त याचिकाओं में पैरवी करने के लिए नरेन्द्र को कानूनी एवं आर्थिक सहयोग किया जाना चाहिए, ताकि वह  स्वच्छ हवा, पानी के स्रोतों को बचाने के इस प्रयासरत कार्य को सफल बनाने का आगे प्रयास करते रहे ।

नरेन्द्र का संपर्क मोबाइल न :- 9452041529 

 

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Post By: Shivendra
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